नई दिल्ली, 18 दिसंबर (khabarwala24)। दूसरा डब्ल्यूएचओ ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन समिट सफलतापूर्वक शुरू हो चुका है। इस बीच, केंद्रीय आयुष राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतापराव जाधव ने समिट की प्रगति साझा की।
प्रतापराव जाधव ने khabarwala24 से बात करते हुए कहा, “बुधवार को समिट की बहुत अच्छी शुरुआत हुई। गुरुवार सुबह डब्ल्यूएचओ के डायरेक्टर-जनरल डॉ. टेड्रोस एडहनॉम घेब्रेयेसस से मेरी 20-25 मिनट की मुलाकात हुई। बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि जामनगर में स्थापित ग्लोबल ट्रेडिशनल मेडिसिन सेंटर ने पारंपरिक चिकित्सा के प्रचार और विकास में बड़ी भूमिका निभाई है।”
उन्होंने बताया, “हमारी जो ट्रेडिशनल मेडिसिन है, उसकी पूरी दुनिया में प्रचार-प्रसार करने के लिए हमें अच्छी तरह से मान्यता मिल रही है। कई देशों ने इस क्षेत्र में भारत से मिल रहे सहयोग पर बहुत खुशी व्यक्त की है और साथ ही वादा किया कि इसे वे तेजी से आगे बढ़ाना चाहते हैं। अलग-अलग देशों के समकक्ष के साथ मैंने बैठक की।”
जाधव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करके अलग-अलग देशों के समकक्ष मंत्रियों से मुलाकात की तस्वीरें साझा कीं।
मॉरीशस के समकक्ष की बैठक के बारे में बताते हुए उन्होंने लिखा, “मॉरीशस के साथ आयुष संबंधों को मजबूत करना। भारत और मॉरीशस सांस्कृतिक संबंधों और संपूर्ण स्वास्थ्य पर आधारित गहरी साझेदारी साझा करते हैं। यह देखकर खुशी होती है कि मॉरीशस सिद्ध और यूनानी सहित आयुष प्रणालियों के पूरे स्पेक्ट्रम को पहचानने के लिए अपने कानूनी ढांचे का विस्तार कर रहा है। मॉरीशस विश्वविद्यालय में आयुष एकेडमिक चेयर की स्थापना से लेकर स्टेट हाउस में आयुर्वेदिक हर्बल गार्डन तक, हमारा सहयोग पारंपरिक चिकित्सा और अनुसंधान में वैश्विक मानक स्थापित कर रहा है।”
फिजी समकक्ष से मुलाकात पर उन्होंने कहा, “आयुष के जरिए भारत-फिजी संबंधों को मजबूत बनाना। हमारे सदियों पुराने सांस्कृतिक बंधन पारंपरिक चिकित्सा और योग में सहयोग के जरिए फिर से मजबूत हो रहे हैं। अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने से लेकर एकेडमिक आदान-प्रदान तक, फिजी ने समग्र स्वास्थ्य में बहुत विश्वास दिखाया है। हमारी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, हमने पारंपरिक चिकित्सा पर एमओयू को तेजी से लागू करने, रिसर्च सहयोग बढ़ाने और दोनों देशों को फायदा पहुंचाने के लिए फिजी में आयुष चेयर स्थापित करने पर चर्चा की।”
उन्होंने श्रीलंका के समकक्ष से मुलाकात की तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, “पारंपरिक चिकित्सा में हमारी साझेदारी सदियों के साझा इतिहास पर आधारित है। श्रीलंका के 1961 के दूरदर्शी आयुर्वेद अधिनियम से लेकर हमारे आज के आयुष सहयोग तक, हम समग्र स्वास्थ्य के लिए प्रतिबद्ध हैं। 2016 से 78 श्रीलंकाई छात्रों को आयुष स्कॉलरशिप से फायदा हुआ है, जिससे भविष्य के लिए ज्ञान और रिसर्च का एक मजबूत पुल बना है।”
उन्होंने माइक्रोनेशिया के समकक्ष से मुलाकात पर लिखा, “माइक्रोनेशिया की समृद्ध औषधीय विरासत और भारत के आयुष सिस्टम के बीच सहयोग के नए रास्ते खुल रहे हैं। हमारी द्विपक्षीय बैठक के दौरान, हमने पारंपरिक चिकित्सा और होम्योपैथी पर एक रिसर्च पार्टनरशिप और माइक्रोनेशियन विश्वविद्यालयों में ‘आयुष चेयर’ की स्थापना के लिए एक फ्रेमवर्क का प्रस्ताव दिया। हमारा साझा लक्ष्य दूरदराज के द्वीपीय समुदायों तक सुरक्षित और प्रभावी स्वास्थ्य सेवा पहुंचाना है।”
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।















