नई दिल्ली। रामायण के ‘राम’ यानी मेरठ-हापुड़ से भाजपा सांसद अरुण गोविल ने लोकसभा में तंबाकू पर लगने वाले नए टैक्स बिल की चर्चा के दौरान अपना निजी राज खोला। उन्होंने बताया कि रामायण सीरियल आने से पहले वो चेन स्मोकर थे, दिन भर गुटखा चबाते थे, लेकिन जैसे ही राम का रोल उनके जीवन में आया, उसी दिन से सब छोड़ दिया। आज 50 साल से ज्यादा हो गए, तंबाकू को हाथ तक नहीं लगाया।
“जिस दिन रामायण मेरे जीवन में आई, उसी दिन सब छोड़ दिया”
बुधवार को लोकसभा में केंद्रीय उत्पाद शुल्क (संशोधन) विधेयक 2025 पर बोलते हुए अरुण गोविल भावुक हो गए। उन्होंने कहा – “मैं इस बिल का पूरा समर्थन करता हूं क्योंकि मैं खुद 50 साल से तंबाकू मुक्त हूं। रामायण करने से पहले मैं भयानक चेन स्मोकर था। दिन भर गुटखा मुंह में रहता था। लेकिन जिस दिन रामायण मेरे जीवन में आई, उसी दिन से मैंने सिगरेट-गुटखा सब छोड़ दिया। आज तक मुंह नहीं लगाया।” गोविल ने कहा कि ये बिल युवाओं को नशे से बचाएगा, कैंसर जैसी बीमारियों से देश को बचाएगा।
फैन की डांट ने भी बदला जीवन
पहले एक इंटरव्यू में अरुण गोविल ने बताया था कि एक बार तमिल फिल्म की शूटिंग के दौरान कोने में सिगरेट पी रहे थे। एक फैन ने देख लिया और गुस्से में कुछ कहा। जब ट्रांसलेट कराया तो पता चला फैन बोला – “हम आपको भगवान राम मानते हैं और आप सिगरेट पी रहे हो?” उस दिन के बाद उन्होंने सिगरेट को हमेशा के लिए अलविदा कह दिया।
तंबाकू बिल में क्या है खास?
सरकार ने जीएसटी मुआवजा उपकर (कंपंसेशन सेस) खत्म करने के बाद नया सिस्टम लाने के लिए ये बिल लाया है:
- सिगरेट, बीड़ी, गुटखा, जर्दा, हुक्का पर नया उत्पाद शुल्क लगेगा
- 1000 सिगरेट पर 5,000 से 11,000 रुपये तक एक्साइज ड्यूटी
- पान मसाला पर नया “स्वास्थ्य सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा सेस”
- कुल मिलाकर तंबाकू प्रोडक्ट्स पर टैक्स और महंगा हो जाएगा
वित्त मंत्री का कहना है कि इससे लोग नशा छोड़ेंगे, राजस्व भी बचेगा और कैंसर जैसी बीमारियां कम होंगी।
राम के रोल ने पूरी जिंदगी बदल दी
अरुण गोविल ने कहा – “रामायण ने मुझे सिर्फ शोहरत नहीं दी, मेरी जिंदगी ही बदल दी। राम का किरदार निभाते हुए लगा कि अब मैं सच में राम की तरह जीना चाहता हूं। नशा, गलत आदतें सब छूट गईं।” उन्होंने युवाओं से अपील की – “तंबाकू छोड़ दो, ये धीरे-धीरे मौत बुलाता है।”
मेरठ कनेक्शन: यहां पैदा हुए राम भक्त
अरुण गोविल का जन्म 12 जनवरी 1958 को मेरठ कैंट में हुआ था। पिता चंद्रप्रकाश गोविल मेरठ नगर पालिका में जलकल इंजीनियर थे। चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। 6 भाई और 2 बहनों में चौथे नंबर के हैं। पिता चाहते थे सरकारी नौकरी करें, लेकिन अरुण को एक्टिंग का शौक था। 17 साल की उम्र में मुंबई भाग गए। आज मेरठ-हापुड़ के सांसद हैं और लोग उन्हें आज भी “जय श्री राम” कहकर सलाम करते हैं।
संविधान पर भी दे चुके हैं बयान
पिछले साल अप्रैल में अरुण गोविल ने कहा था – “जब तक भाई-भाई का प्यार नहीं जागेगा, अखंड भारत नहीं बन सकता। राम के आदर्श अपनाओ तो जिंदगी और देश दोनों संवर जाएंगे।” संविधान बदलने की बात पर बोले थे – “परिस्थितियां बदलती हैं तो संविधान में भी बदलाव होते हैं, लेकिन ये एक व्यक्ति से नहीं होता, सबकी सहमति से होता है।”
अरुण गोविल की ये बातें सुनकर सदन में सभी सांसद तालियां बजाने लगे। लोग कह रहे हैं कि रामायण का राम आज भी लोगों को सही रास्ता दिखा रहा है।
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