मणिपुर में निंगोल चाकोबा उत्सव का हर्षोल्लास, भाई-बहनों का प्रेम बंधन मजबूत

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

इंफाल, 23 अक्टूबर (khabarwala24)। मणिपुर में ढाई वर्ष से अधिक चले संघर्ष और अशांति के बाद सामान्य स्थिति बहाल हो रही है। राज्य भर में निंगोल चाकोबा उत्सव को अभूतपूर्व उत्साह और एकता के साथ मनाया गया। भाई-बहनों के बीच प्रेम और स्नेह के बंधन को मजबूत करने वाले इस पारंपरिक त्योहार ने परिवारों को फिर से जोड़ दिया।

इंफाल सहित पूरे मणिपुर में घर-घर हंसी-खुशी की छाई रही, जबकि राहत शिविरों में भी उत्सव की धूम मच गई। यह त्योहार मणिपुरी चंद्र माह हियांगेई के दूसरे दिन मनाया जाता है, जो आमतौर पर अक्टूबर-नवंबर में पड़ता है। इस वर्ष 23 अक्टूबर को यह त्योहार फिर से सामान्य स्थिति की वापसी का प्रतीक बन गया।

मणिपुर भाजपा की अध्यक्ष सारदा देवी ने khabarwala24 से बात करते हुए त्योहार पर खुशी जताई। उन्होंने कहा, “जो भाई-बहन मणिपुर में हैं और जो राज्य से बाहर रह रहे हैं, उन सभी के लिए मैं निंगोल चकोबा के दिन शांति की अपील करती हूं। मणिपुर के लोग जहां भी रहें खुश रहें।”

चकोबा मनाने वाली शांतिमाला ने बताया कि मायके लौटने पर बहुत खुशी हो रही है, भाई से इस त्योहार पर मिलना बहुत ही भावुक पल है। हम सभी बहुत खुश हैं।

रामेश्वरी ने बताया, “उपहारों से ज्यादा भाई का आशीर्वाद महत्वपूर्ण है। इस त्योहार ने दूर रह रहे परिवार के सदस्यों को एक बार साथ लाकर खड़ा किया है।”

एक अन्य ने बताया, “मुझे बहुत खुशी और भावुकता महसूस हुई। हम शांति चाहते हैं और घर वापस जाना चाहते हैं। हम चाहते हैं कि यह संघर्ष आपसी समझ से खत्म हो।”

राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने भी प्रदेशवासियों को निंगोल चकोबा की बधाई दी। उन्होंने कहा, “निंगोल चाकोबा के पावन अवसर पर मणिपुरवासियों को बधाई। यह त्योहार भाई-बहनों के प्रेम को मजबूत करता है और सांस्कृतिक धरोहर को संजोता है। एकता, सम्मान और सामंजस्य से राज्य समृद्ध बने।”

निंगोल चाकोबा मणिपुर के सबसे प्रिय और महत्वपूर्ण त्योहारों में शुमार है, जो मुख्य रूप से मेइतेई समुदाय द्वारा मनाया जाता है। ‘निंगोल’ का अर्थ विवाहित बहन या बेटी से है, जबकि ‘चाकोबा’ का मतलब है भव्य भोज के साथ आमंत्रण।

इस दिन भाई अपनी विवाहित बहनों को मायके बुलाते हैं, जहां पारंपरिक भोज परोसा जाता है। बहनें मिठाइयां, फल और उपहार लेकर आती हैं, बदले में भाई उन्हें वस्त्र, आभूषण और नकद उपहार देते हैं। बहनें भाइयों के स्वास्थ्य, समृद्धि और सुख की कामना करती हैं। यह त्योहार पारिवारिक एकता, सम्मान और सांस्कृतिक मूल्यों को दर्शाता है, जो समुदायों से ऊपर उठकर लोगों को आनंद और एकजुटता में बांधता है।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

-Advertisement-

Breaking News

-Advertisement-