CLOSE AD

मेजर धन सिंह थापा: परमवीर चक्र से सम्मानित भारत के अमर नायक, वीरता की बेमिसाल कहानी

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

नई दिल्ली, 6 सितंबर (khabarwala24)। मेजर धन सिंह थापा भारतीय सेना के उन वीर सपूतों में से एक हैं, जिन्होंने 1962 के भारत-चीन युद्ध में अपने अद्वितीय साहस और नेतृत्व से देश का मान बढ़ाया।

10 अप्रैल 1928 को हिमाचल प्रदेश के शिमला में एक नेपाली परिवार में जन्मे मेजर थापा को 1/8 गोरखा राइफल्स में अपनी असाधारण वीरता के लिए भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान, परमवीर चक्र, प्रदान किया गया।

उनकी गाथा आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी हुई है। साल 1962 का भारत-चीन युद्ध भारतीय सेना के लिए एक कठिन दौर था। सीमित संसाधनों और हथियारों की कमी के बावजूद मेजर थापा ने लद्दाख के पांगोंग झील के उत्तरी किनारे पर स्थित सिरिजाप-1 चौकी की कमान संभाली। यह चौकी चुशूल हवाई अड्डे की रक्षा के लिए रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण थी।

20 अक्टूबर 1962 को चीनी सेना ने भारी तोपखाने और गोला-बारूद के साथ सिरिजाप-1 पर हमला शुरू किया। ढाई घंटे की तेज बमबारी ने चौकी को क्षतिग्रस्त कर दिया और वायरलेस संचार प्रणाली को नष्ट कर दिया। इसके बावजूद, मेजर थापा ने अपने सैनिकों का हौसला बनाए रखा और पहले हमले को विफल कर दिया, जिसमें चीनी सेना को भारी नुकसान हुआ।

चीनी सेना ने दूसरा और तीसरा हमला टैंकों और भारी हथियारों के साथ किया। मेजर थापा और उनकी छोटी सी टुकड़ी ने हर बार डटकर मुकाबला किया। गोला-बारूद खत्म होने के बावजूद उन्होंने खंदक से बाहर निकलकर हाथापाई में कई दुश्मनों को मार गिराया। हालांकि, भारी संख्या बल के सामने चौकी पर कब्जा हो गया और मेजर थापा को युद्धबंदी बना लिया गया। उनकी इस असाधारण वीरता के लिए उन्हें परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।

शुरू में उनकी मृत्यु की खबर फैली, जिसके कारण यह सम्मान मरणोपरांत माना गया, लेकिन मई 1963 में उनकी रिहाई के बाद यह स्पष्ट हुआ कि वे जीवित हैं।

युद्धबंदी से रिहा होने के बाद मेजर थापा ने अपनी सैन्य सेवा जारी रखी और लेफ्टिनेंट कर्नल के पद तक पहुंचे। 1980 में सेवानिवृत्ति के बाद उन्होंने सहारा एयरलाइंस में कार्य किया। 6 सितंबर 2005 को पुणे में उनका निधन हो गया, लेकिन उनकी वीरता की कहानी भारतीय सेना के इतिहास में अमर है। उनकी कहानी हमें सिखाती है कि सच्चा सैनिक वह है, जो सबसे विपरीत परिस्थितियों में भी देश के लिए अपने कर्तव्य को सर्वोपरि रखता है।

एकेएस/डीएससी

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related News

Breaking News