CLOSE AD

मदर टेरेसा की सेवा ज्योति आज भी प्रज्वलित, ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ दुनियाभर में कर रही मानवीय सेवा

-Advertisement-
-Advertisement-
Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now
-Advertisement-

नई दिल्ली, 6 अक्टूबर (khabarwala24)। जब दुनिया अनेक संकटों से जूझ रही है, कहीं युद्ध की आग धधक रही है तो कहीं आर्थिक मंदी ने आम जनजीवन को झकझोर दिया है। बहुत से देशों में गंभीर बीमारियों से लोग ग्रसित हैं और इन सबके बीच सबसे ज्यादा उपेक्षित रह जाते हैं वे लोग, जिनका कोई नहीं होता, यानी गरीब, असहाय, बीमार और बेघर लोग। ऐसे समय में भी कुछ संस्थाएं हैं जो निस्वार्थ सेवा को ही अपना धर्म मानती हैं।

‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’, जिसे मदर टेरेसा ने शुरू किया था, ऐसी ही एक संस्था है जो भूखों को भोजन और बेघरों को सहारा देती है। यह संगठन सिर्फ राहत नहीं देता, बल्कि उन लोगों को जीने की नई आशा भी देती है, जो जीवन की दौड़ में पीछे छूट चुके हैं।

मदर टेरेसा को गरीबों और वंचितों की सेवा के लिए सभी जानते हैं। मदर टेरेसा को 7 अक्टूबर 1950 को वेटिकन से ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की स्थापना करने की इजाजत मिली थी और इसकी शुरुआत उन्होंने कलकत्ता से की थी।

मदर टेरेसा केंद्र की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, साल 1946 में मदर टेरेसा को आत्मिक प्रेरणा प्राप्त हुई कि वे सबसे गरीब, सबसे उपेक्षित और सबसे असहाय लोगों के बीच ईसा मसीह की सेवा करें। यह प्रेरणा ही आगे चलकर ‘मिशनरीज ऑफ चैरिटी’ की नींव बनी। मार्च 1949 में उन्हें पहली साथी मिलीं और फिर 7 अक्टूबर 1950 को कोलकाता के आर्चडायोसिस में इस नई धर्मसंघ की औपचारिक स्थापना हुई।

उस समय ‘छोटा सा समाज’ सिर्फ 12 सदस्यों का था, लेकिन इस सेवा के बीज ने दुनिया भर में करुणा और मानवता का एक वटवृक्ष खड़ा कर दिया। 1960 के दशक की शुरुआत में मदर टेरेसा ने भारत के अन्य हिस्सों में अपनी सेवाओं का विस्तार किया और 1965 में ‘डिक्री ऑफ प्रेज’ मिलने के बाद अंतरराष्ट्रीय विस्तार का मार्ग प्रशस्त हुआ।

जल्द ही वेनेजुएला, रोम, तंजानिया और फिर लगभग हर महाद्वीप पर मिशनरीज ऑफ चैरिटी की शाखाएं खुलने लगीं।

1980 और 1990 के दशक में यह सेवा सोवियत संघ, अल्बानिया और क्यूबा जैसे साम्यवादी देशों में भी पहुंची, जहां पहले धर्म और सेवा पर पाबंदियां थीं।

आज भी मदर टेरेसा की सेवा की यह ज्योति बुझी नहीं है, बल्कि और प्रज्वलित हो रही है, उन लाखों चेहरों की मुस्कान में, जिन्हें कभी किसी ने देखा तक नहीं था।

यह रोमन कैथोलिक स्वयंसेवी धार्मिक संगठन आज दुनिया के 100 से अधिक देशों में विभिन्न मानवीय कार्यों में योगदान दे रहा है। इसकी 4500 से भी अधिक ईसाई मिशनरियों की मंडली है। इस संगठन में शामिल होना एक गहन और अनुशासित प्रक्रिया है। कोई भी व्यक्ति तभी पूर्ण सदस्य बन सकता है, जब वह 9 वर्षों तक सेवा, प्रशिक्षण और परीक्षण की कठिन यात्रा पूरी करे और ईसाई धार्मिक मूल्यों की कसौटी पर खरा उतरे। इस दौरान उसे संगठन के मूलभूत कार्यों में भाग लेते हुए अपने जीवन को पूरी तरह समर्पित करना होता है।

Source : IANS

डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

-Advertisement-

Related News

-Advertisement-

Breaking News

-Advertisement-