नई दिल्ली, 18 दिसंबर (khabarwala24)। लोकसभा में गुरुवार को केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा पेश विकसित भारत: रोजगार और आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल (वीबी: जी-राम-जी), 2025 पारित हो गया है। इस दौरान कांग्रेस समेत विपक्षी पार्टियों ने सदन में काफी हंगामा किया। इसके बाद केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नई दिल्ली स्थित भाजपा मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।
शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि आज लोकसभा में कांग्रेस और इंडी ब्लॉक के सांसदों ने जो आचरण किया, उसने लोकतंत्र को कलंकित किया है, संसदीय मर्यादाएं तार-तार हुई हैं और लोकतंत्र को भीड़ और गुंडातंत्र में बदला है।
उन्होंने कहा कि जी राम जी बिल पर चर्चा चल रही थी। कल चर्चा शुरू हुई थी और रात के 1.30 बजे के बाद तक चली। पूरी गंभीरता से मैंने 98 सांसदों के विचार सुने।
उन्होंने कहा कि संसद कोई ईंट-गारे का भवन नहीं, लोकतंत्र का पवित्र मंदिर है। इसमें सार्थक चर्चा होनी चाहिए, क्योंकि चर्चा ही लोकतंत्र का प्राण है। प्रतिपक्ष के लोगों ने जो कहा, हमने ध्यान से सुना। आज मुझे जवाब देना था इसलिए मैंने आग्रह किया कि मैं आपके एक-एक सवाल का जवाब दूंगा, लेकिन मुझे सुना जाए, लेकिन जिस तरह अमर्यादित आचरण का प्रदर्शन हुआ, कागज उछाले गए, क्या ये बापू के आदर्शों की हत्या नहीं है? अपनी बात कह लो और दूसरे को बोलने मत दो। मैं उनके इस कृत्य की घोर निंदा करता हूं।
उन्होंने कहा कि बड़ा सवाल यह है कि आखिर विपक्ष व्यथित क्यों हैं। ग्रामीण विकास और रोजगार को लेकर एक नहीं, अनेक योजनाएं आईं। संपूर्ण ग्रामीण रोजगार योजना, जवाहर रोजगार योजना और फिर मनरेगा, ऐसे में अगर जवाहरलाल लाल नेहरू का नाम रखा तो क्या उनका अपमान हो गया?
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण भारतीय जनता पार्टी का संकल्प है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में अनेकों योजनाएं गरीबों के जीवन को आसान बनाने का काम कर रही हैं। विकसित भारत के लिए विकसित गांव बनाना प्रधानमंत्री मोदी का संकल्प है। जहां रोजगार के लिए पहले 100 दिन की गारंटी थी, अब वह बढ़ाकर 125 दिन की गई है। उसके लिए 1 लाख 51 हजार 282 करोड़ रुपए से ज्यादा की राशि प्रस्तावित है। इसमें केंद्र का हिस्सा 95 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा है।
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