नई दिल्ली, 20 अक्टूबर (khabarwala24)। kartik-amavasya कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि मंगलवार शाम 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगी। इसके बाद शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा शुरू हो जाएगी। इस दिन दर्श और कार्तिक अमावस्या भी है।
अमावस्या का क्या है समय (kartik-amavasya)
द्रिक पंचांग के अनुसार, मंगलवार के दिन सूर्य तुला राशि और चंद्रमा सुबह 9 बजकर 36 मिनट से कन्या राशि में रहेंगे। इसके बाद तुला राशि में गोचर करेंगे। अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से शुरू होकर दोपहर 12 बजकर 28 मिनट तक रहेगा और राहुकाल का समय दोपहर 2 बजकर 55 मिनट से शुरू होकर शाम 4 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। अमावस्या का समय 20 अक्टूबर दोपहर 3 बजकर 44 मिनट से शुरू होकर 21 अक्टूबर 5 बजकर 54 मिनट तक रहेगा।
कार्तिक अमावस्या का धार्मिक महत्व (kartik-amavasya)
कार्तिक अमावस्या का धार्मिक महत्व भी बहुत अधिक है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, इस दिन माता लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं। वहीं, पद्म पुराण में बताया गया है कि इस दिन दीपदान करने से अक्षय पुण्य मिलता है। स्कंद पुराण के अनुसार, कार्तिक अमावस्या पर गीता पाठ, अन्न दान, और भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए। ये कार्य सभी पापों का नाश करते हैं और साथ ही, जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं। अन्न दान से चिरंजीवी होने का फल मिलता है, जो हजारों गायों के दान के समान पुण्य देता है।
कार्तिक अमावस्या (kartik-amavasya) पर तीर्थ स्नान और दान का विशेष महत्व है। घर पर गंगाजल मिलाकर स्नान करने से तीर्थ स्नान का पुण्य प्राप्त होता है। इस दिन कपड़े, अन्न, और वस्त्र दान करें। यह दान अक्षय फल देता है और रोग, शोक, और दोष से मुक्ति दिलाता है।
पद्म और मत्स्य पुराण में भी इस दिन के दान को विशेष फलदायी बताया गया है। दीपदान करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
दर्श अमावस्या के दिन पितरों की आत्मा को शांति देने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए विशेष उपाय किए जाते हैं। ये उपाय चंद्र दोष को शांत करने, जीवन की बाधाएं हटाने और सकारात्मक बदलाव लाने में प्रभावी माने जाते हैं। इस रात पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना बेहद शुभ माना जाता है। दीपक में काले तिल डालकर इसे पीपल के नीचे रखें, पितरों का स्मरण करें, क्षमा मांगें और अपनी मनोकामना के लिए प्रार्थना करें। इसके बाद पीपल की परिक्रमा करें। यह उपाय पितरों की आत्मा को शांति देता है और जीवन में रुके कामों में गति मिलती है।
इसके अलावा, गरीबों को दान देना, शिवलिंग पर जल और बेलपत्र चढ़ाना, और ‘ऊं नमः शिवाय’ मंत्र का जाप करना भी लाभकारी है। ये कार्य नकारात्मक ऊर्जा को दूर करते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि लाते हैं।
Source : IANS
डिस्क्लेमर: यह न्यूज़ ऑटो फ़ीड्स द्वारा स्वतः प्रकाशित हुई खबर है। इस न्यूज़ में Khabarwala24.com टीम के द्वारा किसी भी तरह का कोई बदलाव या परिवर्तन (एडिटिंग) नहीं किया गया है| इस न्यूज की एवं न्यूज में उपयोग में ली गई सामग्रियों की सम्पूर्ण जवाबदारी केवल और केवल न्यूज़ एजेंसी की है एवं इस न्यूज में दी गई जानकारी का उपयोग करने से पहले संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञों (वकील / इंजीनियर / ज्योतिष / वास्तुशास्त्री / डॉक्टर / न्यूज़ एजेंसी / अन्य विषय एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें। अतः संबंधित खबर एवं उपयोग में लिए गए टेक्स्ट मैटर, फोटो, विडियो एवं ऑडिओ को लेकर Khabarwala24.com न्यूज पोर्टल की कोई भी जिम्मेदारी नहीं है।
Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।