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Sudarshan Chakra Mission: भारत का ‘सुदर्शन चक्र’ श्रीकृष्ण के हथियार से प्रेरित रक्षा कवच, कैसे काम करेगा, जानें लालकिले से PM मोदी ने क्या बताया

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Khabarwala24 News Sudarshan Chakra Mission: 15 अगस्त 2025 को 79वें स्वतंत्रता दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की प्राचीर से एक बड़ा ऐलान किया। उन्होंने ‘सुदर्शन चक्र’ मिशन की घोषणा की, जो भारत की रक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा। यह एक ऐसा शक्तिशाली हथियार सिस्टम होगा, जो देश के सामरिक और नागरिक क्षेत्रों को अभेद्य सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। इस लेख में हम जानेंगे कि सुदर्शन चक्र मिशन क्या है, यह कैसे काम करेगा और भारत की रक्षा में इसका क्या महत्व होगा।

पहले पढ़िए पीएम मोदी ने सुदर्शन चक्र के बारे में क्या बताया

भारत युद्ध के हर नए तौर-तरीके से निपटने में समृद्ध है. हमने ऑपरेशन सिंदूर में टेक्नॉलजी की महारत दिखा दी. पाकिस्तान में हमारे सैन्य ठिकाने, एयरबेस, हमारे आस्था के केंद्रों, नागरिकों पर मिसाइल और ड्रोन से अनगिनत मात्रा में वार किए गए. लेकिन उनके हर हमले को हमारे जांबाजों और टेक्नॉलजी ने तिनके की तरह बिखेर दिया. रत्ती भर नुकसान नहीं कर पाए. युद्ध के मैदान में टेक्नॉलजी का विस्तार हो रहा है. मैंने एक संकल्प लिया है. आपका आशीर्वाद चाहिए. आने वाले 10 साल में 2035 तक राष्ट्र के सभी महत्वपूर्ण स्थलों, जिसमें सामरिक के साथ सिविलियन में शामिल हैं, उन्हें टेक्नॉलजी के नए प्लैटफॉर्म द्वारा पूरी तरह सुरक्षा का कवच दिया जाएगा. यह सुरक्षा का कवच का लगातार विस्तार होता जाए. देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करे. किसी की भी टेक्नॉलजी हमारे पर वार करने आ जाए, हमारी टेक्नॉलजी उससे बेहतर सिद्ध हो. 2035 तक मैं राष्ट्रीय सुरक्षा कवच का विस्तार करना चाहता हूं. मजबूती देना चाहता हूं. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण से प्रेरणा पाकर उनकी राह को चुना है. 

सुदर्शन चक्र मिशन क्या है? (What is Sudarshan Chakra Mission)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) को भारत का एक स्वदेशी रक्षा प्लेटफॉर्म बताया। यह न केवल देश के महत्वपूर्ण सैन्य ठिकानों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि दिल्ली, मुंबई जैसे बड़े शहरों और पंजाब, राजस्थान, गुजरात जैसे सीमावर्ती इलाकों में भी रक्षा ढाल की तरह काम करेगा। अगले 10 सालों यानी 2035 तक इस मिशन को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

पीएम मोदी ने इस मिशन को भगवान श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र से प्रेरित बताया। महाभारत में श्रीकृष्ण ने अपने सुदर्शन चक्र से सूर्य के प्रकाश को रोककर अर्जुन को जयद्रथ का वध करने में मदद की थी। उसी तरह, यह आधुनिक सुदर्शन चक्र दुश्मनों के हमलों को नाकाम करने के साथ-साथ पलटवार करने की क्षमता रखेगा।

सुदर्शन चक्र कैसे काम करेगा?

सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) भारत की रक्षा प्रणाली को एक नया आयाम देगा। यह एक ऐसा शक्तिशाली और अचूक हथियार सिस्टम होगा, जो निम्नलिखित विशेषताओं के साथ काम करेगा:

शक्तिशाली रक्षा प्रणाली: यह सिस्टम दुश्मन के मिसाइल और हवाई हमलों को नाकाम करेगा। साथ ही, यह कई गुना ताकतवर जवाबी हमला करने में सक्षम होगा।

स्वदेशी तकनीक: सुदर्शन चक्र पूरी तरह भारत में विकसित और निर्मित होगा। इसमें देश के युवाओं की प्रतिभा और तकनीकी विशेषज्ञता का उपयोग होगा।

भविष्य की रणनीति: यह सिस्टम भविष्य के युद्धों को ध्यान में रखकर बनाया जाएगा। ‘प्लस वन’ रणनीति के तहत यह हर तरह के खतरे से निपटने के लिए तैयार रहेगा।

अचूक निशाना: सुदर्शन चक्र की सबसे बड़ी खासियत होगी इसका अचूक निशाना। यह ठीक वैसे ही काम करेगा जैसे श्रीकृष्ण का सुदर्शन चक्र, जो अपने लक्ष्य को भेदकर वापस लौट आता था।

क्या यह भारत का आयरन डोम होगा?

प्रधानमंत्री के भाषण से यह संकेत मिलता है कि सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) भारत का आयरन डोम जैसा रक्षा सिस्टम होगा, लेकिन यह उससे कहीं अधिक उन्नत होगा। इजराइल का आयरन डोम छोटी दूरी की मिसाइलों और रॉकेट हमलों को रोकने के लिए जाना जाता है। वहीं, सुदर्शन चक्र न केवल हवाई हमलों को रोकने में सक्षम होगा, बल्कि सामरिक और नागरिक क्षेत्रों को भी सुरक्षा प्रदान करेगा।

यह सिस्टम दिल्ली, मुंबई जैसे महानगरों से लेकर सैन्य ठिकानों, रेलवे स्टेशनों, मेट्रो स्टेशनों, पुलों और सुरंगों तक एक व्यापक रक्षा नेटवर्क तैयार करेगा। इससे देश का हर नागरिक सुरक्षित महसूस करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता से प्रेरणा

सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) की नींव ऑपरेशन सिंदूर की सफलता पर आधारित है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत ने न केवल पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों को नष्ट किया था, बल्कि उसके सैन्य अड्डों को भी ध्वस्त कर जवाबी कार्रवाई की थी। इस दौरान एस-400, पिनाका और आकाश मिसाइल सिस्टम ने भारत के मजबूत रक्षा कवच का परिचय दिया था। पाकिस्तान की मिसाइलें भारत की रक्षा प्रणाली को भेद नहीं पाई थीं।

सुदर्शन चक्र मिशन इस सफलता को और आगे ले जाएगा। यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित होगा और भारत को वैश्विक स्तर पर रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाएगा।

2035 तक सुदर्शन चक्र का लक्ष्य

प्रधानमंत्री ने स्पष्ट किया कि सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) को 2035 तक पूरा किया जाएगा। इस दौरान रिसर्च, डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग का सारा काम भारत में ही होगा। यह मिशन न केवल रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि देश के युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका भी देगा।

इस सिस्टम की खासियत होगी कि यह युद्ध के बदलते तौर-तरीकों को ध्यान में रखकर तैयार किया जाएगा। यह ‘प्लस वन’ रणनीति पर काम करेगा, यानी यह हर स्थिति में एक कदम आगे रहेगा। यह सिस्टम टारगेट को भेदने और जवाबी कार्रवाई करने में सक्षम होगा।

भारत की रक्षा में सुदर्शन चक्र का महत्व (Sudarshan Chakra Mission)

सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) भारत की रक्षा प्रणाली को और मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। यह न केवल सैन्य ठिकानों को सुरक्षित रखेगा, बल्कि नागरिक क्षेत्रों को भी अभेद्य सुरक्षा कवच प्रदान करेगा। इससे देश के महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल भी सुरक्षित रहेंगे।

यह मिशन भारत को रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह न केवल दुश्मन के हमलों को रोकने में सक्षम होगा, बल्कि जवाबी कार्रवाई के जरिए भारत की ताकत को दुनिया के सामने प्रदर्शित करेगा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) भारत को एक नई रक्षा ऊंचाई पर ले जाएगा। यह स्वदेशी तकनीक पर आधारित एक ऐसा सिस्टम होगा, जो श्रीकृष्ण के सुदर्शन चक्र की तरह अचूक और शक्तिशाली होगा। अगले 10 सालों में यह मिशन देश की रक्षा प्रणाली को और मजबूत करेगा और भारत को वैश्विक स्तर पर एक ताकतवर राष्ट्र के रूप में स्थापित करेगा।

इस मिशन के जरिए भारत न केवल अपनी सुरक्षा को अभेद्य बनाएगा, बल्कि दुनिया को यह भी दिखाएगा कि वह तकनीक और रक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर है। सुदर्शन चक्र मिशन (Sudarshan Chakra Mission) भारत के हर नागरिक को सुरक्षा का अहसास दिलाएगा और देश को एक नई दिशा देगा।

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