Saturday, May 31, 2025

India Eyes Safran For Partnership फ्रेंच कंपनी Safran के बीच बातचीत, तेजस जेट के लिए डील हुई तो मिलेगा पॉवरफुल इंजन

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Khabarwala 24 News New Delhi : India Eyes Safran For Partnership भारत सैन्य स्तर पर लगातार बदलाव करने और खुद को अपडेट करने में लगा हुआ है। साथ ही उसका फोकस स्वदेशी हथियारों पर अपनी निर्भरता बनाने की है। भारत अब अपने अगली पीढ़ी के तेजस Mk-2 लड़ाकू विमान के लिए फ्रांसीसी एयरोस्पेस कंपनी Safran के साथ साझेदारी की संभावनाएं तलाशने में जुटा है। इस सहयोग का मकसद एक नया और ताकतवर इंजन तैयार करना है, जिससे भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ सके और विदेशी कंपनियों पर निर्भरता कम हो।

तेजस Mk-2 लड़ाकू विमानों की जगह लेगा (India Eyes Safran For Partnership)

तेजस Mk-2, जिसे मीडियम वेट फाइटर (MWF) भी कहा जाता है। यह आगे चलकर भारतीय वायुसेना के पुराने हो चुके जगुआर, मिराज-2000 और मिग-29 जैसे लड़ाकू विमानों की जगह लेगा। इस फाइटर विमान को एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एजेंसी (Aeronautical Development Agency, ADA) और हिन्दुस्तान ऐरोनॉटिक्स लिमिटेड (Hindustan Aeronautics Limited, HAL) मिलकर तैयार कर रहे हैं।

अमेरिकी कंपनी की देरी से नया रास्ता बना (India Eyes Safran For Partnership)

फिलहाल, इस फाइटर जेट के लिए अमेरिका की GE कंपनी का F414 इंजन चुना गया है, जिसकी थ्रस्ट क्षमता 98 kN है। GE और HAL के बीच इस इंजन के भारत में ही तैयार किए जाने के लिए 80 फीसदी तकनीकी हस्तांतरण का समझौता हुआ था। हालांकि आपूर्ति में हो रही देरी और बढ़ती लागत को बातचीत अटक गई। इस वजह से भारत को अन्य विकल्प तलाशने के लिए मजबूर होना पड़ा है। भारत हथियारों के मामले में स्वदेशी मॉडल पर आगे बढ़ सकती है।

फ्रांस की Safran कंपनी बनेगी नए विकल्प (India Eyes Safran For Partnership)

नए विकल्प की तलाश के बीच फ्रांस की Safran कंपनी एक नए विकल्प के रूप में सामने आई है। माना जा रहा है कि Safran तेजस Mk-2 के लिए 110 kN की क्षमता वाला एक पॉवरफुल इंजन देने की पेशकश कर सकती है, जिससे एयरक्राफ्ट की रफ्तार, वजन उठाने की क्षमता और ऑपरेशन की अवधि में काफी सुधार होगा। तेजस Mk-2 में आधुनिक रडार, इंफ्रारेड सिस्टम, बड़ी पेलोड क्षमता और स्वदेशी मिसाइलों जैसे अस्त्र और ब्रह्मोस-NG लगाने की सुविधा होगी।

अभी शुरुआती चरण में Safran से बातचीत (India Eyes Safran For Partnership)

Safran पहले से ही HAL के साथ हेलीकॉप्टर इंजनों के लिए काम कर रही है। ऐसे में यह साझेदारी न सिर्फ तेजस Mk-2 के लिए उपयोगी साबित होगी, बल्कि भारत के भविष्य के लड़ाकू विमानों और इंजन निर्माण में भी अपनी अहम भूमिका निभा सकती है। हालांकि, भारत और फ्रेंच कंपनी Safran के बीच इस सहयोग को लेकर बातचीत शुरुआती चरण में ही है लेकिन अगर यह साझेदारी आगे बढ़ती है तो यह रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को मजबूती दे सकती है।

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