Khabarwala 24 News New Delhi :7 से 10 मई तक भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य तनाव चला। तनाव ने नई दिल्ली को पाकिस्तान पर अपनी रणनीतिक श्रेष्ठता स्थापित करने में मदद की। पाकिस्तान को पिटने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर अपने संबोधन के दौरान इस्लामाबाद को यह स्पष्ट कर दिया कि नई दिल्ली किसी भी परमाणु ब्लैकमेल को बर्दाश्त नहीं करेगी।
पीएम मोदी की पाकिस्तान को ये चेतावनी हाई टेक वारफेयर एरा में पाकिस्तान की क्षमता के मुकाबले रणनीतिक लाभ के भारत के विश्वास पर आधारित थी। पीएम मोदी का मैसेज साफ था। भारत परमाणु ब्लैकमेल की आड़ में पनप रहे आतंकवादी ठिकानों पर सटीक और निर्णायक हमले करेगा। यह दावा भारत के सटीक हमले और पाकिस्तान के जवाबी हमले को नाकाम करने पर आधारित था।
नए युग के युद्ध में साबित की श्रेष्ठता
4 दिन तक चले इस तनाव में भारत ने पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस को तबाह किया। वहीं, उसने पाकिस्तान के कई ड्रोन अटैक को नाकाम किया। प्रधानमंत्री ने जब कहा कि ऑपरेशन सिंदूर ने आतंकवाद के प्रति हमारी प्रतिक्रिया में एक नया आयाम जोड़ा है, तो इसके पीछे एक कारण था। भारत ने रेगिस्तानों और पहाड़ों में अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया था और नए युग के युद्ध में भी अपनी श्रेष्ठता साबित की। रिपोर्ट में कहा है कि भारत ने न केवल पाकिस्तान में घुसकर हमला किया, बल्कि नए युग के एयर डिफेंस सिस्टम का इस्तेमाल करके पाकिस्तान के हमले को नाकाम भी किया। रिपोर्ट में आकाशतीर और एस 400 का जिक्र किया गया है।
बात मानने को मजबूर हुई दुनिया
जब भारत ने हमले के सबूत दिखाने शुरू किए तो दुनिया को यह मानने पर मजबूर होना पड़ा कि भारत ने नए युग की युद्ध पद्धति में सफलता हासिल की है। दुनिया ने यह भी देखा कि किसी देश के लिए स्वदेशी नेविगेशन प्रणाली का इस्तेमाल करके दुश्मन के ड्रोन या मिसाइल का पता लगाना और उन्हें प्रभावी ढंग से नष्ट करने के लिए विभिन्न स्थानों पर इंटरसेप्टर तैनात करना कितना महत्वपूर्ण है। इसके अलावा दुश्मन पर बढ़त हासिल करने के लिए किसी देश की सबसे महत्वपूर्ण क्षमता एयर डिफेंस को भेदना और रडार से बचते रणनीतिक स्थानों को भारी नुकसान पहुंचाना है।
अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली पास
भारत 9 और 10 मई की रात को यह कर सका। उसने सबूत भी साझा किए और दुनिया को इस पर विश्वास करना पड़ा। पाकिस्तान के कराची से 100 मील से भी कम दूरी पर स्थित भोलारी वायुसैनिक अड्डे पर भारतीय मिसाइलों ने एक विमान हैंगर पर सटीक हमला किया था। उसी रात भारत ने नूर खान एयरबेस पर हमला किया। ये एयरबेस पाकिस्तानी सेना के मुख्यालय और उनके प्रधानमंत्री के कार्यालय से कुछ किलोमीटर की दूरी पर है। इन हमलों से भारत ने पाकिस्तान को कड़ा सबक सिखाया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, हम परमाणु ब्लैकमेल बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारे पास अत्याधुनिक वायु रक्षा प्रणाली है, साथ ही हमले के लिए घातक हथियार हैं।
पाक को माननी पड़ी नुकसान की बात
भारत के हमले के बाद पाकिस्तान को रहीम यार खान एयरबेस के लिए एक नोटिस जारी करना पड़ा जिसमें कहा गया कि रनवे चालू नहीं है। यह भारत के इस दावे को और पुख्ता करता है जिसमें उसने कहा कि पाकिस्तान के कई अहम एयरबेस को निशाना बनाया था। सैटेलाइट तस्वीरों से भी नुकसान का पता चला। पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में सरगोधा एयरबेस पर भारतीय सेना ने कहा कि उसने रनवे के दो हिस्सों पर हमला करने के लिए सटीक हथियारों का इस्तेमाल किया। दूसरी ओर पाकिस्तान ने दावा किया उसने भारत के सैन्य ठिकानों पर हमला किया। उसने सिर्फ लिस्ट दी, लेकिन सबूत नहीं दे पाया।
हमले से घुटनों पर आ गया था पाक
पाकिस्तान के इस झूठ का पर्दाफाश खुद पीएम मोदी ने किया। वह पंजाब के आदमपुर एयरबेस पहुंचे। उन्होंने जवानों से मुलाकात की। उन्होंने दुनिया भर की मीडिया को पाकिस्तान के गलत सूचना प्रचार के बारे में भी कड़ा संदेश दिया। पिछले 5 दशक में भारत और पाकिस्तान के बीच पहली बार इस तरह का तनाव देखा गया। भारत ने इस दौरान पाकिस्तान पर ताबड़तोड़ हमले किए। उसके सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचाया। वहीं, उसने पाकिस्तान के हर हमले को नाकाम किया। भारत के हमले से पाकिस्तान घुटनों पर आ गया था, जिसके बाद वो अमेरिका की शरण में पहुंचा और शांति की गुहार लगाने लगा।
आतंक और बातचीत एकसाथ नहीं
अमेरिका ने उसको भारत से बात करने को कहा। उसके DGMO ने भारत के DGMO से बात की. भारत अपनी शर्तों पर सीजफायर के लिए तैयार हुआ। राष्ट्रपति ट्रंप ने इसका ऐलान किया। सीजफायर के बाद पीएम मोदी ने देश को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि अगर पाकिस्तान के साथ बातचीत होगी तो यह केवल आतंकवाद और पीओके पर होगी। पीएम मोदी ने कहा कि शांति का मार्ग शक्ति से भी होकर जाता है। मानवता शांति और समृद्धि की ओर बढ़े. हर भारतीय शांति से रह सके। विकसित भारत का सपना पूरा कर सके। इसके लिए भारत का शक्तिशाली होना बहुत जरूरी है और जरूरत पड़ने पर इस शक्ति का इस्तेमाल करना भी जरूरी है।
संघर्ष से दुनिया को मिल रहा सबक
प्रधानमंत्री ने दुनिया भर को बता दिया कि भारत का यह पुराना रुख है कि आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। इस तरह दो पड़ोसियों के बीच चार दिनों तक चले संघर्ष ने स्पष्ट रूप से भारत को रणनीतिक लाभ दिया है और अब सीमाओं पर जीवन सामान्य हो रहा है। इस संघर्ष से दुनिया को भी सबक मिल रहा है। अपनी रक्षा जरूरतों को पूरा करने के लिए अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम के रूप में अपने अंतरिक्ष ज्ञान, इलेक्ट्रॉनिक्स और “एआई का उपयोग करके कंप्यूटिंग विशेषज्ञता को सफलतापूर्वक एकीकृत करने के बाद एक शक्ति के रूप में भारत का उदय सभी के लिए देखने लायक है।
दुनिया के सामने खौफ में आतंकवादी
एक बार जब भारत की क्षमताओं के सबूत दुनिया के सामने आ गए, तो पाकिस्तान का दुष्प्रचार अभियान स्वाभाविक रूप से फेल हो गया। इस तरह आत्मनिर्भर भारत और पारंपरिक रक्षा में इसकी रणनीतिक बढ़त दुनिया भर में हलचल मचा रही है। भारत के एक्शन का असर पाकिस्तान में दिख भी रहा है। लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी बुलैटप्रुफ ग्लास का सहारा लेकर लोगों को संबोधत कर रहे हैं। हाल ही में कराची में हुए एक रैली में कई कट्टरपंथी मौलाना भी शामिल हुए थे। उन्होंने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयान दिए और दोनों देशों के बीच संघर्ष धर्म से जोड़कर पेश किया।















