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मैं सीडीएस अनिल चौहान के बयान का समर्थन करता हूं : पूर्व डीजीपी एसपी वैद

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श्रीनगर, 25 सितंबर (khabarwala24)। जम्मू-कश्मीर के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) एसपी वैद ने गुरुवार को सीडीएस अनिल चौहान के उस बयान का समर्थन किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर 1962 में भारतीय वायुसेना का सही उपयोग किया गया होता, तो निश्चित तौर पर चीन के हमले को कुंद किया जा सकता था।

समाचार एजेंसी khabarwala24 से बातचीत में पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने कहा कि मैं निसंदेह उनके बयान का समर्थन करता हूं। इतिहासकार भी इस बात का दावा करते हैं कि अगर तत्कालीन प्रधानमंत्री ने उस वक्त भारतीय वायुसेना का उपयोग किया होता, तो चीन की कमर तोड़ी जा सकती थी। यही नहीं, तत्कालीन सैन्याधिकारी भी इस संबंध में कुछ ऐसा ही दावा करते हैं। हमें तो इस बारे में कुछ खास जानकारी नहीं है, उस समय हम बहुत छोटे थे। लेकिन, इस बात में कोई दो राय नहीं है कि अगर भारतीय वायुसेना का सही उपयोग किया गया होता, तो आज चीन हमारी सीमा पर कब्जा नहीं कर पाता। लेकिन, अफसोस, उस वक्त हम हिंदी-चीनी भाई-भाई का नारा लगा रहे थे, जबकि चीन इस नारे को नहीं मानता।

उन्होंने कहा कि उस वक्त पंडित नेहरू दुनिया का स्टेटमैन बनने की होड़ में थे। वो उस वक्त पूरी दुनिया में शांति का पैगाम फैलाने में लग गए, इसलिए इस तरह की स्थिति पैदा हो गई। जिस तरह से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप मौजूदा पूरी दुनिया में अपनी छवि बनाने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक वैसी ही कोशिश पंडित जवाहर लाल नेहरू भी कर रहे थे। इसी वजह से देश का नुकसान हो गया और चीन ने भारतीय भूभागों को अपने कब्जे में ले लिया। आज चीन ने अक्साई चीन पर कब्जा कर रखा है। इतना ही नहीं, चीन ने अभी भी अरुणाचल प्रदेश और लद्दाख पर अपनी नजर बनाकर रखी हुई है। ऐसी स्थिति में मैं समझता हूं कि यह देश के लिए अच्छा नहीं हुआ।

इसके अलावा, उन्होंने सीडीएस अनिल चौहान का कार्यकाल बढ़ाए जाने पर भी बधाई दी और इसे देश की सामरिक शक्ति के लिए सही कदम बताया। उन्होंने कहा कि मैं अनिल चौहान को बधाई देता हूं कि उनका कार्यकाल बढ़ाया गया। निसंदेह सभी देशवासी इससे खुश होंगे।

साथ ही, उन्होंने पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को जेहादी मानसिकता से ग्रसित बताया और कहा कि पाकिस्तानी खिलाड़ियों का क्रिकेट खेलना दूसरा पेशा है। सबसे पहले ये लोग तब्लीगी करते हैं, दूसरों को इस्लाम कबूल करने के लिए दावत देना। ये लोग दूसरे खिलाड़ियों को इस्लाम कबूल करने के लिए दावत देंगे। पाकिस्तान के एक खिलाड़ी ने कहा था कि वो सचिन को मारना चाहता है। आखिर ये लोग क्रिकेट खेलने आए हैं या जिहाद करने आए हैं। मैं समझता हूं कि पाकिस्तान के साथ क्रिकेट नहीं खेलना चाहिए। इन लोगों के साथ किसी भी प्रकार का व्यवहार नहीं रखना चाहिए। इनके किसी खिलाड़ी ने प्लेग्राउंड में नमाज अदा कर ली, तो ये लोग इसे बहुत बड़ा मानने लगते हैं। कहते हैं कि हमारे इस खिलाड़ी ने सनातनी लोगों के बीच में जाकर नमाज पढ़ी। पता नहीं किस मानसिकता के लोग हैं ये। ये लोग क्रिकेट मैच खेलने आते हैं या नमाज पढ़ने।

Source : IANS

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