चेन्नई, 18 दिसंबर (khabarwala24)। चुनावी साल में तमिलनाडु सरकार कॉलेज के विद्यार्थियों को टैबलेट और लैपटॉप वितरित करेगी। 2025-26 के राज्य बजट के दौरान की गई यह घोषणा लंबे समय से अटकी हुई थी। स्टालिन सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत डिवाइस का पहला बैच फरवरी 2026 तक सौंपे जाने की उम्मीद है।
पिछली एआईएडीएमके सरकार ने इसकी शुरुआत की थी। उस समय योजना के तहत सरकारी स्कूल के छात्रों को मुफ्त लैपटॉप दिए गए थे। हालांकि, कोविड-19 महामारी के दौरान रोक लगी और आखिरकार इसे बंद कर दिया गया।
जब 2021 में डीएमके सत्ता में लौटी, तो उम्मीदें बढ़ीं कि इस कार्यक्रम को फिर से शुरू किया जाएगा। जब सरकार ने कॉलेज छात्रों को भी इसका फायदा देने की योजना की घोषणा की, तो इस पर नए सिरे से ध्यान देने के संकेत मिले।
वित्त मंत्री थंगम थेन्नारसु ने अपने बजट भाषण में इस नीति को औपचारिक रूप दिया और पुष्टि की थी कि अगले दो सालों में 20 लाख कॉलेज छात्रों को डिवाइस मिलेंगे।
बजट भाषण में कहा था, “पहले चरण में, 20 लाख कॉलेज छात्रों को उनकी पसंद के आधार पर लैपटॉप या टैबलेट दिए जाएंगे।”
इस प्रक्रिया को शुरू करने के लिए, राज्य ने पहले ही एचपी, डेल और एसर जैसे बड़े निर्माताओं से 10 लाख लैपटॉप खरीदे हैं। वितरण की प्रक्रिया को लेकर मंथन चल रहा है।
इन डिवाइस को कॉलेज छात्रों की शैक्षणिक और तकनीकी जरूरतों के हिसाब से तैयार किया गया है, जिनमें हाई-स्पीड प्रोसेसर, लंबे समय तक चलने वाली बैटरी और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस-सक्षम क्षमताएं हैं।
दावा है कि क्रिसमस और नए साल की छुट्टियों के बाद, कैंपस लौटने वाले कॉलेज छात्रों को डिवाइस मिलना शुरू हो जाएंगे। सरकार फरवरी तक पहले 10 लाख लाभार्थियों को वितरण पूरा करने की योजना बना रही है।
इस घोषणा से राजनीतिक बयानबाजी शुरू हो गई है। विपक्ष के नेता एडप्पादी के. पलानीस्वामी ने सत्ताधारी डीएमके पर चुनावी फायदे के लिए इस योजना का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने आरोप लगाया, “हमने अपने कार्यकाल में स्कूली छात्रों को लैपटॉप बांटे थे। अब, वे सिर्फ 10 लाख वोटों को टारगेट करने के लिए कॉलेज छात्रों को डिवाइस दे रहे हैं।”
उपमुख्यमंत्री उदयनिधि स्टालिन ने इस आरोप को खारिज करते हुए इसे कल्याणकारी नीति को पटरी से उतारने की कोशिश बताया।
उन्होंने कहा, “विपक्ष में कॉलेज छात्रों के लिए एक कार्यक्रम का स्वागत करने की सोच नहीं है। इसके बजाय, वे इसे खराब करने की कोशिश कर रहे हैं।”
एक खास बात यह है कि तमिलनाडु इलेक्ट्रॉनिक्स कॉर्पोरेशन (ईएलसीओटी) ने अमेरिका-आधारित कंपनी पर्पेक्सलिटी एआई के साथ साझेदारी की है ताकि लाभार्थियों को छह महीने के लिए पर्पेक्सलिटी प्रो प्लेटफॉर्म मुफ्त में उपलब्ध हो।
अधिकारियों का कहना है कि इस सहयोग का मकसद छात्रों के बीच डिजिटल लर्निंग, रिसर्च स्किल्स और एआई साक्षरता को बढ़ाना है। सरकार का कहना है कि उसकी नई डिजिटल पहल टेक्नोलॉजी गैप को भरेगी और राज्य में उच्च शिक्षा की बेहतरी में योगदान देगी।
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