गांधीनगर, 18 दिसंबर (khabarwala24)। गुजरात में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) 2025 के तहत तैयार की जा रही प्रारूप मतदाता सूची को 19 दिसंबर को प्रकाशित किया जाएगा। यह जानकारी गुजरात के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय ने दी।
चुनाव आयोग (ईसीआई) के निर्देशों के अनुसार राज्यभर में 27 अक्टूबर से विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान चलाया गया था। गणना (एन्यूमरेशन) की प्रक्रिया, जो पहले समाप्त होनी थी, उसे तीन दिन बढ़ाकर 14 दिसंबर तक किया गया, ताकि फॉर्म जमा करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जा सके। राज्य निर्वाचन अधिकारियों के अनुसार अब गणना और सत्यापन दोनों प्रक्रियाएं 100 प्रतिशत पूरी हो चुकी हैं।
पुनरीक्षण अभियान के दौरान 5.08 करोड़ मतदाताओं को गणना फॉर्म वितरित किए गए, जिनमें से 4.34 करोड़ मतदाताओं ने फॉर्म वापस जमा किए। अधिकारियों ने बताया कि लौटाए गए सभी फॉर्म का पूरी तरह से डिजिटलीकरण कर लिया गया है।
चुनाव अधिकारियों के मुताबिक इस प्रक्रिया के दौरान लगभग 44.45 लाख मतदाताओं की मैपिंग नहीं हो सकी। राज्य के सभी 33 जिलों और 182 विधानसभा क्षेत्रों में गणना प्रक्रिया पूरी की गई।
सत्यापन प्रक्रिया के तहत पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए बूथ लेवल ऑफिसर्स (बीएलओ) और मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के बूथ लेवल एजेंट्स (बीएलए) के बीच बैठकें आयोजित की गईं। इन बैठकों के बाद, निर्वाचन क्षेत्रवार मतदाता सूची को संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारियों की वेबसाइटों और सीईओ गुजरात की वेबसाइट पर अपलोड किया गया, ताकि मतदाता अपने विवरण की जांच कर सकें।
अंतिम सत्यापन चरण में 18,07,277 मृत मतदाताओं, 9,69,813 ऐसे मतदाताओं जो अपने पंजीकृत पते पर नहीं मिले, और 40,26,010 स्थायी रूप से स्थानांतरित मतदाताओं की पहचान की गई। इसके अलावा, 3,81,534 दोहरे (डुप्लीकेट) मतदाताओं को भी चिह्नित किया गया।
सीईओ कार्यालय ने कहा कि विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में गुजरात का प्रदर्शन मजबूत रहा है, जिसका उद्देश्य आगामी चुनावों से पहले स्वच्छ, सटीक और समावेशी मतदाता सूची तैयार करना है।
19 दिसंबर को प्रारूप मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद दावा और आपत्ति की अवधि 19 दिसंबर 2025 से 18 जनवरी 2026 तक खुली रहेगी। जिन पात्र भारतीय नागरिकों का नाम प्रारूप सूची में शामिल नहीं है, वे आधार प्रमाण के साथ फॉर्म-6 भरकर नाम जोड़ने के लिए आवेदन कर सकते हैं।
चुनाव आयोग ने दोहराया है कि एक से अधिक स्थानों पर मतदाता के रूप में नाम दर्ज होना दंडनीय अपराध है और नागरिकों से अपील की है कि वे दावा-आपत्ति अवधि के दौरान अपने विवरणों की सावधानीपूर्वक जांच करें।
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