गुरुग्राम, 6 सितंबर (khabarwala24)। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के गुरुग्राम जोनल ऑफिस ने बड़ी कार्रवाई की। केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुरुग्राम में 44 अचल संपत्तियां कुर्क की हैं। इनमें से 85 एकड़ से अधिक कृषि भूमि है, जिसकी कीमत 1.5 करोड़ रुपए है।
पंजाब के लुधियाना, रूप नगर, एसएएस नगर और शहीद भगत सिंह नगर जिलों में स्थित कुलदीप सिंह मक्कड़, अंगद सिंह मक्कड़, पुनीत सिंह मक्कड़ और उनकी व्यावसायिक संस्थाओं के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) 2002 के प्रावधानों के तहत अवैध सिंडिकेट खनन मामले में करीब 30 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई है।
हरियाणा पुलिस ने भारतीय दंड संहिता, 1860 और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 की विभिन्न धाराओं के तहत कई एफआईआर दर्ज की थीं। इसके आधार पर ईडी ने यमुना नगर जिले में रेत, बोल्डर-बजरी और बोल्डर-बजरी-रेत के अवैध खनन से संबंधित विभिन्न खनन पट्टा धारक कंपनियों, जैसे मुबारिकपुर रॉयल्टी कंपनी, डेवलपमेंट स्ट्रैटेजीज (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, दिल्ली रॉयल्टी कंपनी, जेएसएम फूड्स प्राइवेट लिमिटेड और मेसर्स पीएस बिल्डटेक के खिलाफ जांच शुरू की।
साथ ही, विभिन्न स्क्रीनिंग प्लांट्स और स्टोन क्रशर और संबंधित व्यक्तियों के खिलाफ भी जांच शुरू की गई है। ईडी की जांच में पता चला है कि इस मामले में अवैध खनन गतिविधियों से उत्पन्न कुल अपराध आय (पीओसी) 300 करोड़ रुपए से अधिक होने का अनुमान है, जिसमें अंगद सिंह मक्कड़ और उनके परिवार का हिस्सा 110 करोड़ रुपए से अधिक है।
मुबारिकपुर रॉयल्टी कंपनी नामक संस्था और उसके संबद्ध सिंडिकेट सदस्यों ने अनधिकृत भूमि पर और अनुमेय सीमा से परे और फर्जी ई-रवाना बनाकर खनन किया। सभी खनन संस्थाओं द्वारा खनन किए गए खनिजों की बिक्री से प्राप्त आय सिर्फ नकद ली जाती थी। इन अवैध गतिविधियों से अर्जित नकदी को खनन संस्थाओं के लाभार्थियों के रूप में इन सदस्यों के बीच वितरित किया जाता था।
इससे पहले, ईडी ने मामले में तलाशी ली थी और पीएमएलए, 2002 की धारा 19 के तहत दिलबाग सिंह, कुलविंदर सिंह, सुरेंद्र पंवार और अंगद सिंह मक्कड़ को गिरफ्तार किया था और अस्थायी रूप से 1.5 करोड़ रुपए मूल्य की संपत्तियां जब्त की थीं। दिलबाग सिंह और अंगद सिंह मक्कड़ सहित उनके सहयोगियों की लगभग 122 करोड़ रुपए की संपत्ति जब्त की गई, जिसकी पुष्टि बाद में उच्च न्यायालय के न्यायनिर्णायक प्राधिकारी द्वारा की गई।
तलाशी के दौरान, ऐसे आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद हुए, जिनसे पता चलता है कि सिंडिकेट खनन में शामिल लोगों को ऐसी खनन गतिविधियों से भारी मात्रा में नकदी प्राप्त हो रही थी। ऐसे दस्तावेजों की पुष्टि कर्मचारियों के बयानों से भी की गई और इस सिंडिकेट खनन समूह द्वारा धन शोधन करके अर्जित की गई भारी धनराशि की भी जांच की गई। इसके अलावा, इस मामले में विशेष न्यायालय, अंबाला के समक्ष एक अभियोजन शिकायत दायर की गई है, जिस पर उच्च न्यायालय द्वारा संज्ञान लिया गया है।
एएसएच/डीकेपी
Source : IANS
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