डेडियापाड़ा, 13 नवंबर (khabarwala24)। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गुजरात के नर्मदा जिले के डेडियापाड़ा में भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को एक विशाल जनसभा को संबोधित करेंगे।
कभी राज्य का सबसे पिछड़ा इलाका माने जाने वाला यह जिला विकास की नई कहानी लिख रहा है। कभी विकास से दूर माना जाने वाला यह जिला अब पीएम मोदी की पहल और राज्य सरकार की योजनाओं से बदल चुका है।
नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्री रहते इस जिले में आदिवासियों को जमीन का अधिकार मिला और शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा बदलाव आया।
यहां के सांसद मनसुख बसवा बताते हैं कि नरेंद्र मोदी जब 2003 में मुख्यमंत्री बने थे, तब वह यहां आए थे और तीन दिन तक रुके थे और उन्होंने यहां की समस्याओं को जाना था और उसके बाद उन्होंने वन बन्धु कल्याण योजना शुरू करवाई थी। आज विश्व की सबसे ऊंची प्रतिमा स्टैच्यू ऑफ यूनिटी यहीं पर है। सरदार सरोवर बांध इसी जिले में है। इसी इलाके में ट्राइबल यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई है।
उन्होंने कहा कि इस इलाके में कई एक्सीलेंस स्कूल बनाए गए हैं। प्रधानमंत्री आवास भी यहां लोगों को दिए गए हैं। इसके अलावा रोड-रास्तों का बेहतर काम हुआ, 24 घंटे यहां पर बिजली उपलब्ध है और यही वजह है कि आज लोग प्रधानमंत्री के आगमन के पूर्व ढोल नगाड़ा बजाकर एक दूसरे को आमंत्रित कर रहे हैं। आदिवासी परंपरा के अनुसार लाल चावल लेकर इस कार्यक्रम में उपस्थित रहने के लिए लोगों को आमंत्रण दिया जा रहा है।
खोखराउमर प्राथमिक विद्यालय इसका एक उदाहरण है, जहां 80 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं और 10 शिक्षक उन्हें शिक्षा दे रहे हैं। जब नरेंद्र मोदी मुख्यमंत्री थे तब उन्होंने आदिवासी इलाकों में खुद प्रवास किया था और लोगों से बच्चियों को स्कूल भेजने की अपील की थी। आज उसी का असर है कि हर गांव में बच्चे पढ़ने जाते हैं।
प्रधानमंत्री की जनसभा से पहले स्थानीय निवासी सोनजी भाई वसावा ने khabarwala24 से बातचीत में कहा कि हमारे स्कूल में 80 छात्र हैं और 10 शिक्षक हैं। बच्चों को पढ़ाई के साथ-साथ भोजन, ड्रेस और भविष्य के लिए मार्गदर्शन भी मिलता है।
खोखराउमर प्राथमिक विद्यालय के अध्यापक संदीप वसावा ने कहा कि पिछले 5 से 7 सालों में शिक्षा के क्षेत्र में नर्मदा जिले में काफी प्रगति हुई है। आज हर बच्चे तक शिक्षा पहुंच रही है।
एक स्थानीय निवासी का कहना है कि जब नरेंद्र मोदी सत्ता में थे तो वे डेडियापाडा तहसील में तीन दिन रुके थे। उन्होंने लड़कियों को शिक्षित करने का वादा किया था और उनकी शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए तीन दिनों तक हर गांव का दौरा किया था। तब से, स्थिति बदल गई है; पहले लड़कियों को पढ़ाया नहीं जाता था, लेकिन अब इस कार्यक्रम के माध्यम से वे पूरी तरह से शिक्षित हैं।
डेडियापाड़ा जिला प्राथमिक शिक्षा अधिकारी निशांत दबे कहते हैं कि जिले में 680 स्कूल हैं, जिनमें 8 पीएम श्री स्कूल भी शामिल हैं। पिछले 5-7 वर्षों में यहां शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय विकास हुआ है।
एक स्थानीय व्यक्ति ने बताया कि भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती और आदिवासी दिवस के उपलक्ष्य में, 15 नवंबर को प्रधानमंत्री डेडियापाड़ा आ रहे हैं। इसके लिए हम घर-घर जाकर सभी को आमंत्रित कर रहे हैं और सभी से आग्रह कर रहे हैं कि वे आएं और प्रधानमंत्री को सुनें।
Source : IANS
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