नागपुर, 1 सितंबर (khabarwala24)। महात्मा गांधी के परपोते और गांधी फाउंडेशन के मैनेजिंग ट्रस्टी तुषार गांधी ने नागपुर में प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि इस बार 2 अक्टूबर को गांधी जयंती और दशहरा एक साथ आ रहे हैं। इस बीच वे 28 सितंबर को नागपुर में एक पब्लिक रैली करेंगे और उसके बाद 29 सितंबर की सुबह से दीक्षाभूमि से पदयात्रा शुरू करके 2 अक्टूबर को सेवाग्राम में पदयात्रा खत्म करेंगे।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद khabarwala24 के साथ बातचीत में तुषार गांधी ने कहा, 2 अक्टूबर को गांधी जयंती तो है ही। इसके साथ इस साल दशहरा भी 2 अक्टूबर को ही है। दशहरे में आरएसएस अपना स्थापना दिवस भी सेलिब्रेट करता है और इस बार वो लोग शताब्दी वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं तो बहुत जोर-शोर से उसका आयोजन करेंगे, तो हमने यह सोचा कि 28 सितंबर को नागपुर में एक पब्लिक रैली करेंगे और उसके बाद 29 सितंबर की सुबह से दीक्षाभूमि से पदयात्रा शुरू करके 2 अक्टूबर को सेवाग्राम में पदयात्रा खत्म करेंगे। पदयात्रा का नाम संविधान सत्याग्रह यात्रा है और उसमें हम लोग संविधानिक लोकतंत्र के बारे में बात करेंगे, नफरत की राजनीति के खिलाफ बात करेंगे और अन्याय और अस्मिता के खिलाफ भी बात करेंगे। यात्रा के लिए 1 गाना भी बनाया गया है।
वोट चोरी के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, चुनाव आयोग की जो विश्वसनीयता है वह कमजोर होती जा रही है। दिन-ब-दिन और ज्यादा अविश्वसनीय देख रहे हैं जिस रवैया से उनके ऊपर लगे इल्जामों से अपना मुंह फिरा रहे हैं। पारदर्शिता जिस प्रकार से इस इलेक्शन कमिशन में खत्म की जा रही है उससे यह प्रश्न उठाना लाजिमी हो गया।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा जो गांधीवादी संगठन है उसमें अर्बन नक्सल घुस गए इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, एक मुख्यमंत्री होते हुए वह गैर जिम्मेदाराना स्टेटमेंट कर रहे हैं वह उनको शोभा नहीं देता क्योंकि ऐसा करके वह गांधीवादियों के सर पर एक टारगेट भी बना रहे हैं और यह उनके लिए अच्छी बात नहीं है, लेकिन यह दर्शाता है कि वह किस तरह से गांधीवादी विचार से आज भी डर जाते हैं और गांधीवादीयों में जो एक क्रांतिकारी जज्बा है उसका उनको कितना खौफ है। लेकिन मैं यह कहना चाहता हूं कि हम भले नक्सलों के तरीकों से उसका विरोध करें और उसको अमान्य करें लेकिन उनका उद्भव भी सामाजिक अन्याय के प्रश्न में से हुआ है और जब तक हम उन प्रश्नों को एड्रेस नहीं करेंगे ऐसे प्रॉब्लम्स बनते रहेंगे तो मुख्यमंत्री के पद पर बैठा हुआ आदमी कुछ प्रॉब्लम को सॉल्व करने की कोशिश ना करें और लोगों पर इल्जाम लगाने की फितरत रखे तो वह भी एक गैर जिम्मेदाराना बात है।
बिहार विधानसभा चुनाव के मुद्दे पर बोलते हुए उन्होंने कहा, बिहार में परिवर्तन के लिए एक आशा है, उम्मीद है, पर वोट चोरी का मामला बिहार की जनता से कनेक्ट कर पा रहा है, जिसके कारण यह लगता है कि आने वाले चुनाव में वोट चोरी का मुद्दा बहुत प्रभावित करेगा। इसके साथ-साथ 20 साल के एक मुख्यमंत्री के सत्ता के बावजूद बिहार के लोगों में जो प्रश्न अभी भी मौजूद हैं, वे भी महत्वपूर्ण रहेंगे।
मराठा आरक्षण पर बोलते हुए उन्होंने कहा, मैं मुंबई से आया हूं। जरांगे के मोर्चे से मुंबई के लोगों को तकलीफ हो रही है। लेकिन 3 दिन के 4 दिन हुए हैं। लॉ एंड ऑर्डर पर कोई दिक्कत आई हो ऐसा कहीं पर भी हमने नहीं देखा। ऐसा बड़ा मोर्चा आता है, ऐसा आंदोलन होता है, तो तकलीफ तो होगी ही।
जब तुषार गांधी से पूछा गया कि क्या लगता है मराठा ओबीसी महाराष्ट्र में तूल पकड़ेगा, तो इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, यह प्रॉब्लम सुलझाने की जरूरत है। उसको एड्रेस करना सत्ता का फर्ज है, और अगर वो ये नहीं करती है तो जन आक्रोश को उसे सामना करना पड़ेगा।
वीकेयू/डीएससी
Source : IANS
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