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बेंगलुरु के गड्ढों की भरपाई तय समय में होगी : डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार

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बेंगलुरु, 18 सितंबर (khabarwala24)। बेंगलुरु में गुरुवार को आयोजित होटल और रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) के 55वें सम्मेलन टफ्यूचरस्केप 2047 – नए भारत के लिए आतिथ्य को पुनर्परिभाषित करना’ में कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने हिस्सा लिया। इस सम्मेलन में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, मंत्री एचके पाटिल, एमबी पाटिल, एफएचआरएआई अध्यक्ष शमराज, रवि भी उपस्थित रहे।

मीडिया से बात करते हुए डिप्टी सीएम ने कहा, “बारिश के मौसम में गड्ढे होना सामान्य बात है। हमने गड्ढों को भरने की डेडलाइन तय की है और सभी विधायकों को फंड्स का उपयोग कर जल्द मरम्मत कराने के निर्देश दिए हैं।”

जब उनसे पूछा गया कि इतने हजारों करोड़ खर्च होने के बावजूद गड्ढे क्यों बने रहते हैं, तो उन्होंने जवाब दिया, “यह समस्या सिर्फ ट्वीट करने या प्रेस कॉन्फ्रेंस करने से नहीं सुलझेगी। हमने अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी है और जल्द इसका समाधान होगा।”

जब उनसे एचडी कुमारस्वामी के एक्स पोस्ट के बारे में पूछा गया कि बेंगलुरु की खराब सड़कों के कारण आईटी कंपनियां डर रही हैं तो शिवकुमार ने पलटवार करते हुए कहा, “वे खुद को प्रधानमंत्री का दाहिना हाथ कहते हैं, तो फिर बेंगलुरु के लिए 10,000 करोड़ रुपए क्यों नहीं ला पाए? उन्होंने कहा था कि मेकदाटू प्रोजेक्ट की मंजूरी 5 मिनट में ले आएंगे, क्या हुआ उसका? महादयी और अपर कृष्णा प्रोजेक्ट पर उनकी चुप्पी क्यों है? अगर वो ‘मिट्टी का बेटा’ हैं, तो महाराष्ट्र द्वारा सुप्रीम कोर्ट में जाने की धमकी पर बयान क्यों नहीं दे रहे?”

उन्होंने ये भी कहा कि शिक्षण संस्थानों के बच्चों से प्रधानमंत्री को चिट्ठी लिखवाना राजनीति का हिस्सा है, अगर कुमारस्वामी को राजनीति ही करनी है तो “सीधे चुनाव लड़ें।”

नारा लोकेश द्वारा कंपनियों को आंध्र प्रदेश आने का न्योता देने पर शिवकुमार ने कहा, “वहां बिजनेस है ही नहीं, इसलिए बुलावा दे रहे हैं। पीएम ने खुद बेंगलुरु को ‘ग्लोबल सिटी’ कहा है। यहां 25 लाख इंजीनियर हैं, जबकि कैलिफोर्निया में सिर्फ 13 लाख। यहां 2 लाख से ज्यादा विदेशी प्रोफेशनल्स काम कर रहे हैं। बेंगलुरु का टैलेंट और सिस्टम ही इसकी पहचान है।”

उन्होंने केंद्र पर भी आरोप लगाया कि बेंगलुरु के विकास के लिए केंद्र सरकार ने एक रुपया भी नहीं दिया।

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सम्मेलन में अपने संबोधन में कहा, “हमारा लक्ष्य है कि कर्नाटक को भारत का नंबर वन पर्यटन स्थल बनाया जाए। 2024 में घरेलू पर्यटकों की संख्या 30.46 करोड़ पहुंच गई, जो 2022 से 58 प्रतिशत अधिक है। यह दिखाता है कि हमारा पर्यटन उद्योग कितनी मजबूती से उभर रहा है।”

उन्होंने बताया कि पर्यटन क्षेत्र ने अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों को रोजगार दिया है और यह क्षेत्र 25,000 करोड़ रुपए की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा, “बेंगलुरु अब एमआईसीई टूरिज्म का केंद्र बन चुका है और भारत के 15 प्रतिशत एमआईसीई इवेंट्स यहीं होते हैं।”

उन्होंने बताया कि 500 नए होमस्टे और 50 होटल मंजूर किए गए हैं। 2024-29 की नई पर्यटन नीति के तहत 8,000 करोड़ निवेश और 1.5 लाख नौकरियों का लक्ष्य है। प्रवासी मित्र योजना के तहत 1,000 टूरिस्ट गाइड्स को ट्रेनिंग दी जा रही है। 50,000 युवाओं को हॉस्पिटैलिटी में प्रशिक्षित किया जाएगा। क्रूज टूरिज्म और कोस्टल डेवलपमेंट के लिए 200 करोड़ का बजट तय है।

Source : IANS

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