नई दिल्ली, 18 दिसंबर (khabarwala24)। दफ्तर में लंबे समय तक बैठे रहने से शारीरिक गतिविधियों की कमी, तनाव, कमर दर्द और कूल्हों में दर्द होना आम बात हो चली है। बद्ध कोणासन एक ऐसा योगासन है, जो शरीर के निचले भाग को एक्टिव करने के साथ रक्त संचार को बेहतर बनाता है।
बद्ध कोणासन, जिसे तितली आसन या बटरफ्लाई पोज कहा जाता है। इसमें दोनों पैरों के तलवों को आपस में जोड़कर बैठा जाता है। यह आसन जांघों और घुटनों को खोलने में मददगार है।
बद्ध कोणासन के नियमित अभ्यास से कई फायदे मिलते हैं। यह मन को शांत करने के साथ एकाग्रता बढ़ाता है। साथ ही यह रीढ़ को सीधा रखने में मदद करता है, जिससे पीठ दर्द में राहत मिलती है।
भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने बद्ध कोणासन को महिलाओं के लिए लाभकारी बताया है। इसके मुताबिक, इस आसन के नियमित अभ्यास से मासिक धर्म के दौरान होने वाली समस्या से निजात मिलती है और प्रजनन अंगों को स्वस्थ रखता है। इसके साथ ही यह जांघों और कमर की मांसपेशियों को भी लचीला बनाता है। यह आसन गर्भावस्था के दौरान भी उपयोगी हो सकता है, जिससे कमर और जांघों की मांसपेशियां लचीली बनती हैं।
इसको करने के लिए योगा मेट पर दंडासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब अपनी रीढ़ की हड्डी को सीधा रखें। इसके बाद अपने घुटनों को मोड़ें और दोनों पैरों के तलवों को एक-दूसरे के करीब लेकर आएं। अपने दोनों से पैरों के पंजों को मजबूती से पकड़ें। अपने एड़ियों को जितना हो सके पेल्विक एरिया के करीब लाने का प्रयास करें। घुटनों को फर्श की ओर अपनी क्षमता के अनुसार धीरे-धीरे दबाएं। गहरी सांस लेते रहें और 1 से 5 मिनट तक इस स्थिति में बने रहें, फिर पैरों को सीधा कर लें।
इसके अभ्यास से कई तरह के लाभ मिलते हैं। हालांकि हेल्थ एक्सपर्ट्स का कहना है कि बद्ध अभ्यास को किसी विशेषज्ञ की देखरेख में करना चाहिए। यदि कूल्हों, घुटनों या रीढ़ में चोट की स्थिति है तो इसे करने से परहेज करें।
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