पटना, 13 नवंबर (khabarwala24)। बिहार चुनाव के लिए मतदान संपन्न हो चुका है और अब लोगों की निगाहें 14 नवंबर को होने वाली मतगणना पर टिकी हैं। रिजल्ट से पहले आए एग्जिट पोल में बिहार में एक बार फिर एनडीए की सरकार बन रही है। इसी क्रम में एक्सिस माई इंडिया के एग्जिट पोल में एनडीए वापसी करता दिख रहा है।
एक्सिस माई इंडिया के सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने khabarwala24 से बातचीत करते हुए कहा कि एग्जिट पोल से पता चलता है कि बिहार में एनडीए को 43 प्रतिशत वोटों के साथ 121-141 सीट मिलने की संभावना है, जबकि महागठबंधन को 90-118 सीट मिलने का अनुमान है। कांग्रेस 17-21 सीटों पर सिमट सकती है। बिहार चुनाव में राहुल गांधी के अभियान का कोई प्रभाव नहीं पड़ा।
उन्होंने कहा कि तेज प्रताप यादव की पार्टी से वो खुद ही फाइट में हैं। तेज प्रताप जीत भी सकते हैं। प्रशांत किशोर की जन सुराज पार्टी की बात करें तो उनको हमारे पोल में 4 प्रतिशत वोट मिलते नजर आ रहे हैं। उनकी पार्टी को 0-2 सीटें तक मिल सकती हैं। कांग्रेस को हमारे एग्जिट पोल के मुताबिक, करीब 17-21 सीटें मिलती दिख रही हैं।
प्रदीप गुप्ता ने फ्रेंडली फाइट को सुसाइडल फाइट बताया है। उन्होंने कहा कि महागठबंधन ने खुद के ही वोटों को दो हिस्सों में बांट दिया है, जिसका फायदा एनडीए को मिलना तय है।
राहुल गांधी और महागठबंधन के वोट चोरी के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि हमने सर्वे के लिए बिहार की हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर लोगों से बात की, लेकिन किसी ने भी वोट चोरी की बात नहीं की। राहुल गांधी कहां रहते हैं और क्या करते हैं, हमारा उससे कोई लेना-देना नहीं है। हम केवल जनता की राय जानते हैं। कांग्रेस पार्टी बिहार के संदर्भ में बहुत छोटी पार्टी है।
चुनावी मुद्दों पर प्रदीप गुप्ता ने कहा कि विधानसभा चुनावों में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य, शिक्षा, कानून-व्यवस्था और किसानों से जुड़े मुद्दे ही मतदाता को प्रभावित करते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार ने पिछले 15 से 20 सालों में बहुत तरक्की की है, खासकर जनता से जुड़े मामले में बिहार आगे बढ़ा है।
एक्सिस माई इंडिया के सीएमडी प्रदीप गुप्ता ने कहा कि एनडीए को 43 प्रतिशत और महागठबंधन को 41 प्रतिशत वोट मिल सकते हैं।
उन्होंने कहा कि जहां तक कांग्रेस का सवाल है, पार्टी ने लगभग 61 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिसमें कुछ फ्रेंडली फाइट भी शामिल हैं। हमारे एग्जिट पोल के अनुसार, कांग्रेस 17 से 21 सीटें जीत सकती है।
प्रदीप गुप्ता ने कहा कि जिसे हम ‘फ्रेंडली फाइट’ कहते हैं, उसमें राजनीतिक दल ऐसे उम्मीदवार उतारते हैं जो उनके अपने वोटों को विभाजित कर देते हैं। प्रभावी रूप से, इससे उनका मतदाता विभाजित हो जाता है, जिससे दूसरों को स्वतः ही लाभ मिल जाता है।
प्रदीप गुप्ता ने कहा कि बिहार चुनाव में सबसे पहला मुद्दा वर्तमान सरकार का प्रदर्शन रहा है। पिछले चुनाव में सरकार ने क्या वादे किए थे और कितने वादों को पूरा किया। यही एंटी इंकम्बेंसी और प्रो- इंकम्बेंसी से जुड़े होते हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में रोजगार और पलायन बड़ी समस्या है। इस चुनाव में भी बेरोजगारी बड़ा मुद्दा रहा।
Source : IANS
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