Khabarwala 24 News New Delhi: Biggest Train Accident In India ट्रेन हादसेे कई हुए, जिनमें से कुछ हादसे ऐसे थे कि आज भी जब लोग आज भी याद करते हैं तो उनकी रूह कांप जाती है। दरअसल इस रेल हादसे में न तो लोग मिले न ही उनके शव। इस दुर्घटना में पूरी की पूरी ट्रेन समुद्र में समा गई थी। आइए चलिए जानते हैं क्या था ये रेल हादसा।
समुद्र में जब समा गई पूरी की पूूरी ट्रेन (Biggest Train Accident In India)
हम बात कर रहेे हैं 22 दिसंबर 1964 की। इस दुर्घटना के समय मौसम बहुत खराब था। चारों ओर अधेरा था और विनाशकारी चक्रवाती तूूफान आया हुआ था और धनुषकोडी रेलवे स्टेशन पर स्टेशन मास्टर आर. सुंदरराज ताला लटका चुके थेे। हर कोई इस बात से अनजान था कि इस रात के बाद ये स्टेशन फिर कभी नहीं खुलेगा।
यही वो समय था जब ट्रेेन नंबर 653 एक भयानक हादसे की ओर आगे बढ़ रही थी। चक्रवाती तूफान ने भीषण रूप अख्तियार कर लिया था। हर रात की तरह इस रात भी ट्रेन नंबर 653 स्टेशन की ओर बढ़ चुकी थी, रात 11.55 बजे जब लोको पायलट को सिग्नल नहीं मिला तो उसने ट्रेन को कुछ दूरी पर खड़ा कर दिया। दरअसल मौसम के चलते सभी सिग्नल खराब हो गए थे।
समंदर में जब एक-एक कर समा कई पूरी ट्रेन (Biggest Train Accident In India)
काफी देर सिग्नल का इंतजार करने के बाद भी जब इस ट्रेन को सिग्नल नहीं मिला तो लोको पायलट ने साहस दिखाते हुए ट्रेन को आगे बढ़ा दिया। इस बीच ट्रेन नंबर 653 जब समुुद्र के ऊपर से गुजर रही थी तो लोको पायलट ने तूफान को देखते हुए उसकी स्पीड बहुुत ही कम रखी थी। हालांकि फिर भी वो काल को नहीं रोक पाया और तेज समुद्र की लहरों में ट्रेन का एक डिब्बा समा गया।
काफी ढूंढने के बाद भी नहीं मिली सफलता (Biggest Train Accident In India)
समुद्र की लहरें इतना विकराल रूप ले चुकी थीं कि कुछ ही समय में देखते ही देखते ट्रेन के सभी 6 डिब्बे समुद्र में जा गिरे। तूफान थमनेे के बाद सभी 200 यात्रियों के शव और 5 रेलवे कर्मचारियों का ढूंढने की भरसक कोशिश की गई। हालांकि किसी को इसमें कामयाबी नहीं मिली और आज तक उन शवों को खोजा नहीं जा सका है। वहीं इतिहास के इस भीषण रेलवेे हादसे के बाद धनुषकोडी रेलवे स्टेशन को बंंद कर दिया गया, जो आज भी विरान है।