ढाका, 3 सितंबर (khabarwala24)। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस ने चेतावनी दी है कि अगले साल होने वाले राष्ट्रीय चुनावों को पटरी से उतारने की साजिशें चल रही हैं। उन्होंने यह भी दोहराया कि चुनाव तय समय के अनुसार फरवरी 2026 के पहले हाफ में होंगे और फिर निर्वाचित सरकार को सत्ता सौंप दी जाएगी। यह बात स्थानीय मीडिया ने बताई है।
यूनुस ने यह टिप्पणी मंगलवार शाम को ढाका में अपने आधिकारिक आवास में राजनीतिक दलों और कट्टरपंथी इस्लामी समूह हिफाजत-ए-इस्लाम के नेताओं के साथ बैठक के बाद की।
बांग्लादेश के अखबार द डेली स्टार की रिपोर्ट के अनुसार, मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने यूनुस के हवाले से कहा, जो लोग अंतरिम सरकार को चुनाव तक नहीं पहुंचने देना चाहते, वे हर संभव तरीके से इस प्रक्रिया में बाधा डालेंगे। चुनाव फरवरी के पहले हॉफ में होंगे। हम एक निर्वाचित सरकार को सत्ता हस्तांतरित करेंगे।
इस बैठक में अमर बांग्लादेश (एबी) पार्टी, गणोसंहति आंदोलन, गोनो अधिकार परिषद, लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी), नागरोक ओइक्या इस्लामी आंदोलन बांग्लादेश, जातीय गोनो फ्रंट और कट्टरपंथी इस्लामी समूह हिफ़ाज़त-ए-इस्लाम सहित राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
बैठक के बाद, एबी पार्टी के अध्यक्ष मोजिबुर रहमान मोनजू ने बांग्लादेश में शासन और कानून व्यवस्था को लेकर चिंता जताई।
चटगांव विश्वविद्यालय में छात्रों और स्थानीय लोगों के बीच हाल ही में हुई हिंसक झड़पों का जिक्र करते हुए, मोनजू ने कहा, “चटगांव विश्वविद्यालय की घटना ने सरकार और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी को उजागर किया है। जब तक इसे ठीक नहीं किया जाएगा, चुनाव को लेकर संदेह बना रहेगा।”
मोनजू ने आगे कहा, “उन्होंने (यूनुस) खुद कहा कि उनकी टीम में किसी को भी निष्पक्ष चुनाव कराने का अनुभव नहीं है। हमने ऐसे अनुभवी लोगों को संविदा के आधार पर भी नियुक्त करने की सिफारिश की। मुख्य सलाहकार ने कहा है कि कोई भी चुनाव एक चुनौती होता है, और इसका मिलकर सामना करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।”
इसके अलावा, एलडीपी महासचिव रेडवान अहमद ने आग्रह किया कि यूनुस प्रशासन आगामी चुनावों के दौरान निष्पक्षता सुनिश्चित करें।
इस हफ्ते की शुरुआत में, यूनुस ने चुनावों के समय और सुधारों के कार्यान्वयन को लेकर राजनीतिक दलों के बीच बड़े मतभेदों के बीच अपने आधिकारिक आवास पर बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी), कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी जमात-ए-इस्लामी और नेशनल सिटिज़न्स पार्टी (एनसीपी) के साथ अलग-अलग बैठकें की थी।
पिछले साल हिंसक विरोध प्रदर्शनों के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के नेतृत्व वाली अवामी लीग की निर्वाचित सरकार को गिराए जाने के बाद से बांग्लादेश अगले आम चुनावों को लेकर अनिश्चितता से घिरा हुआ है।
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Source : IANS
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