नई दिल्ली, 18 दिसंबर (khabarwala24)। सरकार ने गुरुवार को संसद को बताया कि देश में 3,240 अदालतों और 1,272 जेलों में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधाएं उपलब्ध हैं। 30 सितंबर, 2025 तक 3.81 करोड़ मामलों की ऑनलाइन सुनवाई हो चुकी है।
कानून और न्याय राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने राज्यसभा में बताया कि ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के तहत तैयार किए गए सॉफ्टवेयर में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) जैसी आधुनिक तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है। इसमें मशीन लर्निंग, ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकग्निशन और नेचुरल लैंग्वेज प्रोसेसिंग जैसी तकनीकें शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि एआई का उपयोग दस्तावेजों के अनुवाद, मामलों के अनुमान और विश्लेषण, प्रशासनिक कामकाज को बेहतर बनाने, ऑटोमेटेड फाइलिंग, स्मार्ट शेड्यूलिंग, केस से जुड़ी जानकारी सुधारने और चैटबॉट के जरिए लोगों से बातचीत के लिए किया जा रहा है।
मेघवाल ने बताया कि न्यायिक प्रक्रिया को ज्यादा पारदर्शी, समयबद्ध और आसान बनाने के लिए ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के फेज-III के तहत लगभग 99.5 प्रतिशत कोर्ट परिसरों को 10 से 100 एमबीपीएस स्पीड वाले इंटरनेट नेटवर्क से जोड़ा गया है।
उन्होंने कहा कि केस इन्फॉर्मेशन सिस्टम 4.0 सभी अदालतों में लागू किया गया है और इसके इस्तेमाल के लिए एक यूजर मैनुअल ऑनलाइन उपलब्ध कराया गया है।
डिजिटल सेवाओं में भी काफी बढ़ोतरी हुई है। रोजाना 4 लाख से ज्यादा एसएमएस और 6 लाख से ज्यादा ईमेल भेजे जा रहे हैं। ई-कोर्ट्स पोर्टल पर हर दिन करीब 35 लाख बार विजिट हो रही है। अब तक मुकदमों से जुड़े लोगों और वकीलों को 14 करोड़ से ज्यादा एसएमएस भेजे जा चुके हैं।
राज्य मंत्री ने बताया कि ई-कोर्ट्स प्रोजेक्ट के फेज-III के तहत 30 सितंबर, 2025 तक 29 वर्चुअल कोर्ट शुरू की गई हैं। इन अदालतों में 8.96 करोड़ चालान आए, जिनमें से 7.84 करोड़ का निपटारा किया गया। 86.59 लाख चालानों का भुगतान हुआ, जिससे 895.59 करोड़ रुपए की राशि मिली।
मेघवाल ने कहा कि ई-कोर्ट्स सर्विसेज मोबाइल ऐप को अब तक 3.38 करोड़ लोग डाउनलोड कर चुके हैं। यह ऐप वकीलों और आम लोगों को केस की स्थिति और कॉज लिस्ट की जानकारी देता है। वहीं, जस्टआईएस ऐप को 21,955 बार डाउनलोड किया गया है, जो जजों के लिए कामकाज संभालने में मदद करता है।
उन्होंने बताया कि 11 हाईकोर्ट में अदालत की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग शुरू हो चुकी है। देश के 5,187 कोर्ट प्रतिष्ठान ई-फाइलिंग की सुविधा से जुड़े हैं। 30 सितंबर, 2025 तक 92.08 लाख मामले ऑनलाइन फाइल किए गए हैं। इसके अलावा, ई-पेमेंट सिस्टम के जरिए कोर्ट फीस के लिए 1,215.98 करोड़ रुपए और जुर्माने के लिए 61.97 करोड़ रुपए के लेनदेन किए गए हैं।
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