Khabarwala 24 News New Delhi : Mobile Recharge Plans टेलीकॉम कंपनियां इस साल के आखिर तक रिचार्ज प्लान महंगा कर सकती हैं। टेलीकॉम कंपनियां आने वाले कुछ महीनों में मोबाइल प्लान की दरों में 10 से 20 प्रतिशत तक बढ़ोतरी कर सकती हैं। रिसर्च एनालिस्ट्स की मानें तो, देश के 120 करोड़ से ज्यादा मोबाइल यूजर्स को एक बार फिर से बड़ा झटका लग सकता है। यह टेलीकॉम कंपनियों द्वारा पिछले 6 साल में चौथा बड़ा प्राइस हाइक होगा। पिछले साल जुलाई में निजी टेलीकॉम कंपनियों ने अपने मोबाइल प्लान की दरों में 25 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की थी।
10 से 20 प्रतिशत महंगे होंगे प्लान (Mobile Recharge Plans)
मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक, टेलीकॉम इंडस्ट्री के एनालिस्ट्स का मानना है कि टेलीकॉम कंपनियां इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश कर रही हैं। साथ ही, रेगुलेटरी जरूरतों को पूरा करने, लाइसेंस आदि में भी किए गए खर्च की वजह से टेलीकॉम कंपनियों पर फंड का दबाब बन रहा है। हाल ही में वोडाफोन-आइडिया ने अपने 36,950 करोड़ रुपये के स्पेक्ट्रम बकाये को इक्विटी में कन्वर्ट करने की मांग सरकार से रखी है।
टैरिफ में 10 से 20% तक बढ़ोतरी (Mobile Recharge Plans)
वोडाफोन-आइडिया में सरकार का शेयर 22.6 प्रतिशत से बढ़कर 49 प्रतिशत तक पहुंच जाएगा। नवंबर-दिसंबर तक टैरिफ में 10 से 20 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी की उम्मीद कर रहे हैं। पिछले दिनों वोडाफोन-आइडिया के CEO अक्षय मूंद्रा ने Q3FY25 अर्निंग कॉल्स के दौरान कहा था कि 12 महीने के अंतराल पर टैरिफ में बदलाव करना एक नार्मल सिचुएशन है। हालांकि, इस समय इंडस्ट्री जहां पर है ऐसे में तेजी से टैरिफ में बदलाव की जरूरत हो सकती है।
नेटवर्क एक्सपेंशन के लिए निवेश (Mobile Recharge Plans)
वहीं, विशेषज्ञों का कहना है कि वोडाफोन-आइडिया को अपने प्लान की दरें तुरंत बढ़ा देनी चाहिए ताकि 4G एक्सपेंशन और 5G रोल आउट में हुई देरी को कवर किया जा सके। इसके लिए कंपनी को बड़े निवेश की जरूरत है। पिछले साल जुलाई में हुए प्राइस हाइक के बावजूद वोडाफोन-आइडिया का ऑपरेशनल रिकवरी सही से नहीं हो पाया है। इसकी मुख्य वजह सब्सक्राइबर बेस में लगातार गिरावट और 5G लॉन्च करने के लिए बड़े पैमाने पर किए जाने वाला निवेश रहा है।
रेगुलर अंतराल में दरें बढ़ाती रहेंगी (Mobile Recharge Plans)
ब्रोक्रेज फर्म Ambit का कहना है कि हम दिसंबर तक करीब 15 प्रतिशत तक का टैरिफ हाइक एक्सपेक्ट कर रहे हैं। हालांकि, सरकार ने भी टेलीकॉम कंपनियों को सपोर्ट किया है, जिसकी वजह से प्राइस हाइक के बावजूद भारत में रिचार्ज प्लान की दरें पूरी दुनिया में सबसे कम है। रिसर्च एनालिस्ट का कहना है कि टेलीकॉम कंपनियां और ज्यादा रेगुलर अंतराल में रिचार्ज प्लान की दरें बढ़ाती रहेंगी, ताकि इंफ्रास्ट्रक्चर में निवेश के बावजूद रेवेन्यू का नुकसान न हो सके।