Khabarwala 24 News New Delhi : Martyr Malkhan Singh उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के रहने वाले भारतीय वायु सेना के जवान मलखान सिंह का पार्थिव शरीर उनके गांव पहुंचा. सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। मलखान सिंह की शहादत की कहानी भी काफी अनोखी है।
करीब 56 साल पहले 1968 में भारतीय वायुसेना का विमान सियाचिन ग्लेशियर के पास क्रैश हुआ था, जिसमें 100 जवान शहीद हो गए थे। इनमें सहारनपुर के मलखान सिंह शामिल थे। शहीद मलखान सिंह की पार्थिव देह फतेहपुर पहुंची तो उनके परिवार का 56 साल पुराना जख्म एक बार फिर हरा हो गया। मलखान के परिवार में उसके माता-पिता, पत्नी और बेटे का देहांत हो चुका है। मलखान के छोटे भाई ईसमपाल को शव की जानकारी दी गई थी।
पत्नी और बेटे का हो चुका है निधन (Martyr Malkhan Singh)
56 वर्ष बाद दादा का शव मिलने पर उनके पौत्र गौतम कुमार सहित पूरा परिवार गमगीन है। मृतक मलखान सिंह की पत्नी शीला देवी और बेटे रामप्रसाद का निधन हो चुका है, जबकि उनके दो पौत्र गौतम और मनीष हैं, जबकि उनकी तीन पोतियां सोनिया, मोनिका और सीमा हैं।
पांच दशक बाद जानकारी मिलने के बाद परिवार के लोग हतप्रभ हो गए। उन्हें यकीन नहीं हुआ कि आखिरशव कैसे मिल सकता है, लेकिन वायुसेना ने खुद शव मिलने की आधिकारिक पुष्टि की है।
भारत माता की जय’ के लगे नारे (Martyr Malkhan Singh)
पौते गौतम कुमार ने कहा हमें कल सुबह आठ-नौ बजे के करीब यह सूचना दी गई कि आपके दादाजी का शव मिल चुका है। मेरे दादाजी एयरफोर्स में थे वो चंडीगढ़ से किसी मिशन के लिए निकले थे तो उनका जहाज किसी बर्फ में समा गया। जिसके बाद कोई पता नहीं चला, लेकिन अब उनके शव मिलने की जानकारी मिली है।
गांव में खुशी और गम दोनों का माहौल है। पार्थिव शरीर गांव लाया गया। लोग ‘मलखान सिंह अमर रहे’, ‘भारत माता की जय’ के नारे लगाने लगे।
20 साल की उम्र में हुए थे शामिल (Martyr Malkhan Singh)
ईसमसिंह ने बताया कि मलखान सिंह 20 साल की उम्र में वायुसेना में शामिल हुए थे और इसके तीन साल बाद विमान दुर्घटना में शहीद हो गए थे। अगर मलखान जीवित होते तो उनकी उम्र 79 वर्ष होती।
अपर पुलिस अधीक्षक सागर जैन ने बताया कि मलखान सिंह की पहचान शव के पास मिले एक बैच से हुई। अधिकारी ने बताया सेना ने हमें बताया कि शव पूरी तरह सड़ा-गला नहीं था, क्योंकि वह बर्फ में था। उनके परिवार के सदस्य उनकी पहचान कर सकते हैं।
शहीद का दर्जा व मुआवजा मांगा (Martyr Malkhan Singh)
गौतम और मनीष सहारनपुर में ऑटो चलाते हैं। मलखान सिंह के भाई सुल्तान सिंह और चंद्रपाल सिंह की भी मौत हो चुकी है फिलहाल उनके भाई ईसमपाल सिंह और बहन चंद्रपाली है।
परिवार वालों ने सरकार से उनके लिए ‘शहीद’ का दर्जा और मुआवजा देने की भी मांग की। हिमाचल प्रदेश के रोहतांग क्षेत्र में बर्फ से ढके पहाड़ों पर मलखान सिंह का शव डोगरा स्काउट्स और तिरंगा माउंटेन रेस्क्यू के कर्मियों की संयुक्त टीम ने हाल ही में बरामद किया है।
1968 में दुर्घटनाग्रस्त हुआ विमान (Martyr Malkhan Singh)
एएन-12 विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के लगभग 56 साल बाद चार जवानों के पार्थिव अवशेष बरामद किए गए। यह 102 लोगों को ले जा रहा ट्विन-इंजन टर्बोप्रॉप परिवहन विमान सात फरवरी 1968 को चंडीगढ़ से लेह के लिए उड़ान भरते समय लापता हो गया था। वर्ष 2003 में अटल बिहारी वाजपेयी पर्वतारोहण संस्थान के पर्वतारोहियों ने मलबे की खोज की। खतरनाक परिस्थितियों और दुर्गम इलाका होने की वजह से साल 2019 तक केवल पांच शव ही बरामद किए गए थे।