Khabarwala 24 News New Delhi : Major Dhyan Chand मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी का जादूगर’ कहा जाता है। अपने पूरे करियर के दौरान 400 से ज्यादा गोल करने वाले महान खिलाड़ी ध्यानचंद को याद करने के मकसद से ही उनके जन्मदिवस को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया था। दिग्गज हॉकी खिलाड़ी ध्यानचंद का जन्म हुआ था। साल 2012 से हर साल 29 अगस्त को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाया जाता है।
राजपूत परिवार में हुआ था जन्म (Major Dhyan Chand)
मेजर ध्यानचंद का जन्म 1905 में इलाहाबाद के एक राजपूत परिवार में हुआ था।अपने पिता के पदचिन्हों पर चलते हुए ध्यान चंद सेना में शामिल हो गए और सेना में ही उन्होंने हॉकी खेलना शुरु किया। हॉकी के जादूगर ने देश के कई लॉरेल दिलाए। ध्यान चंद 1928, 1932 और 1936 के ओलंपिक में स्वर्ण पदक जीतने वाली भारतीय हॉकी टीम का हिस्सा थे।
जर्मनी के खिलाफ 8-1 से जीता (Major Dhyan Chand)
1936 के बर्लिन ओलंपिक फाइनल में ध्यानचंद ने तीन गोलों के साथ टीम का नेतृत्व किया, जिसे उन्होंने जर्मनी के खिलाफ 8-1 से जीता। तब ध्यान चंद के रहते भारतीय हॉकी अपने चरम पर थी।ध्यानचंद ने खेल से सेवानिवृत्त होने के बाद भी अपना योगदान देना जारी रखा। ध्यानचंद ने पटियाला के राष्ट्रीय खेल संस्थान में मुख्य कोच के रूप में सेवा करने के अलावा राजस्थान में कई कोचिंग शिवरों में पढ़ाया।
खेल से किया देश को गौरवान्वित (Major Dhyan Chand)
बता दें कि राष्ट्रीय खेल दिवस के मौके पर हर साल भारत के राष्ट्रपति उन खिलाड़ियों और कोचों को सम्मानित करने के लिए खेल से जुड़े सभी पुरस्कार जैसे अर्जुन पुरस्कार, द्रौणाचार्य पुरस्कार और राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार देते हैं, जिन्होंने अपने-अपने खेल में देश को गौरवान्वित किया है। इस दिन देश में विभिन्न टूर्नामेंट आयोजित किये जाते हैं।