Railway News वंदे भारत समेत कई ट्रेनें बिना लोको पायलट के लगाएंगी दौड़, ऐसा क्या बदलाव करने जा रहा रेलवे

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Khabarwala 24 News New Delhi: Railway News अगर आपको आने वाले कुछ समय में बिना लोको पायलेट के पटरी पर ट्रेनें दौड़ती दिखाई दें तो अाश्चर्यचकित होने की जरूरत नहीं है। भारतीय रेलवे भविष्य में बिना लोको पायलट के ट्रेन संचालन की दिशा में एक क्रांतिकारी कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। उत्तर रेलवे के लखनऊ मंडल ने ट्रेन संचालन में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के उपयोग की संभावनाओं का अध्ययन शुरू कर दिया है। इस पहल के तहत रेलवे ने एक विशेष ‘ऑपरेटिंग एआई सेल’ का गठन किया है, जिसमें दो जिम्मेदार आईटी कर्मचारियों को तैनात किया गया है। यह सेल ट्रेन संचालन में एआई के एकीकरण की तकनीकी और व्यावहारिक संभावनाओं पर शोध कर रहा है।

एआई का उपयोग: वर्तमान और भविष्य (Railway News)

मेट्रो रेल सेवाओं में पहले से ही ड्राइवरलेस ट्रेनों की तकनीक का सफल उपयोग हो रहा है। भारतीय रेलवे में भी एआई का उपयोग शुरू हो चुका है, खासकर इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (आईआरसीटीसी) द्वारा यात्रियों के सवालों के जवाब देने के लिए। अब वंदे भारत एक्सप्रेस जैसी आधुनिक ट्रेनों में एआई-सक्षम फीचर्स को शामिल किया जा रहा है। इन ट्रेनों की कैब सिग्नलिंग प्रणाली को और उन्नत किया जा रहा है, जिससे लोको पायलट को क्रू केबिन में ही सिग्नल और पटरियों पर संभावित अवरोधों की जानकारी बहुत पहले मिल सकेगी।

कवच प्रणाली होगी लागू (Railway News)

लखनऊ-कानपुर के बीच 160 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार के लिए तैयार किया जा रहा रेल ट्रैक भी इस दिशा में महत्वपूर्ण है। इस ट्रैक पर लोको पायलटों को उन्नत सिग्नलिंग सिस्टम के माध्यम से पटरियों की स्थिति और अवरोधों की जानकारी दूर से ही उपलब्ध होगी। इसके अलावा, ‘कवच’ प्रणाली के लागू होने से एक ही ट्रैक पर ट्रेनों की टक्कर जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सकेगा।

एआई सेल की भूमिका और कार्य (Railway News)

उत्तर रेलवे लखनऊ मंडल द्वारा गठित यह एआई सेल ट्रेन संचालन के विभिन्न पहलुओं में एआई के उपयोग पर मंथन कर रहा है। प्रारंभिक तौर पर, स्टेशनों पर खाली रेक की शंटिंग और लोको पायलटों की ड्यूटी निर्धारण के लिए क्रू मैनेजमेंट सिस्टम में एआई का उपयोग करने की योजना है। भविष्य में, रेलवे ‘कवच’, कैब सिग्नलिंग, और आधुनिक माइक्रोप्रोसेसर यूनिट्स को एआई के साथ एकीकृत करने की दिशा में काम करेगा।

माॅडल किया जा रहा तैयार (Railway News)

एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी के अनुसार, इस सेल में ऑपरेटिंग मैनुअल्स में एआई के उपयोग की संभावनाओं पर गहन विचार-विमर्श हो रहा है। सॉफ्टवेयर विशेषज्ञों की मदद से एक पायलट प्रोजेक्ट का मॉड्यूल तैयार किया जा रहा है। इस मॉड्यूल को तैयार होने के बाद सेंटर फॉर रेलवे इंफॉर्मेशन सिस्टम्स (क्रिस) और रेलवे बोर्ड के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।

भविष्य की क्या हैं संभावनाएं (Railway News)

यह पहल भारतीय रेलवे के लिए एक अभूतपूर्व कदम है, जो ट्रेन संचालन को और अधिक सुरक्षित, कुशल और आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। एआई के उपयोग से न केवल मानवीय त्रुटियों को कम किया जा सकेगा, बल्कि रेलवे संचालन की गति और विश्वसनीयता में भी सुधार होगा। लखनऊ मंडल का यह प्रयास भारतीय रेलवे के डिजिटलीकरण और तकनीकी उन्नति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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