Khabarwala 24 News Hapur: Railway News गोंडा-बाराबंकी रेलखंड में तीसरी लाइन के निर्माण कार्य के कारण जून 2025 के अंतिम सप्ताह और जुलाई के प्रारंभ में रेल यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। रेलवे ने इस दौरान कई ट्रेनों का संचालन निरस्त किया है और कई को परिवर्तित मार्गों से चलाने का निर्णय लिया है। इनमें हापुड़ रेलवे स्टेशन पर रुकने वाली चंपारण सत्याग्रह, अवध असम, और जनसाधारण एक्सप्रेस जैसी प्रमुख ट्रेनें शामिल हैं।
क्या है पूरा मामला
रेलवे के अनुसार, गोंडा-बाराबंकी रेलखंड के करनैलगंज, सलेमपुर, जरवल, और घाघरा घाट स्टेशनों पर 24 जून से 4 जुलाई 2025 तक प्री और नॉन-इंटरलॉकिंग कार्य किया जाएगा। इस कार्य के चलते रेलवे ने दस ट्रेनों का संचालन पूरी तरह निरस्त कर दिया है। हापुड़ स्टेशन पर रुकने वाली ट्रेन नंबर 14010 (आनंद विहार-बापूधाम मोतिहारी चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस) 25, 28, 30 जून और २ जुलाई को निरस्त रहेगी। वहीं, ट्रेन नंबर 14009 (बापूधाम मोतिहारी-आनंद विहार चंपारण सत्याग्रह एक्सप्रेस) 26, 29 जून और 1, 3 जुलाई को नहीं चलेगी।
रूट डायवर्जन और अन्य बदलाव
इंटरलॉकिंग कार्य के कारण कई ट्रेनों को वैकल्पिक मार्गों से चलाया जाएगा। ट्रेन नंबर 15530 (आनंद विहार-सहरसा जनसाधारण एक्सप्रेस) 3 जुलाई को रोजा से मानकपुर स्टेशन के बीच बदले मार्ग से चलेगी। इसी तरह, ट्रेन नंबर 15910 (लालगढ़-डिब्रूगढ़ अवध असम एक्सप्रेस) 20 जून को बाराबंकी से छपरा जंक्शन के बीच परिवर्तित मार्ग से संचालित होगी। इसके अलावा, रक्सौल से आनंद विहार जाने वाली सत्याग्रह एक्सप्रेस १ जुलाई को रक्सौल स्टेशन से तीन घंटे की देरी से रवाना होगी।
क्या कहते हैं रेलवे अधिकारी
मुरादाबाद रेल मंडल के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक आदित्य गुप्ता ने बताया कि गोंडा-बाराबंकी खंड पर इंटरलॉकिंग कार्य के कारण ट्रेनों का संचालन प्रभावित होगा। उन्होंने आश्वासन दिया कि यात्रियों की सुविधा के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। रेलवे ने यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे अपनी यात्रा से पहले ट्रेनों की स्थिति की जानकारी आधिकारिक वेबसाइट या पूछताछ काउंटर से प्राप्त कर लें।
यात्रियों के लिए सुझाव
रेलवे ने सलाह दी है कि यात्री प्रभावित ट्रेनों के लिए रिफंड पॉलिसी के तहत टिकट रद्द कर सकते हैं या वैकल्पिक यात्रा विकल्पों का चयन कर सकते हैं। यह तीसरी लाइन परियोजना रेलवे की बुनियादी ढांचे को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है, जो भविष्य में ट्रेनों की समयबद्धता और यात्री सुविधाओं को बढ़ाएगा।