नई दिल्ली, 22 अक्टूबर (khabarwala24)। हमारी त्वचा, बाल और नाखून सेहत का आईना होते हैं। जब शरीर भीतर से मजबूत होता है, तब नाखून चमकदार और मजबूत होते हैं। लेकिन जैसे ही शरीर में पोषण की कमी होने लगती है, सबसे पहले असर नाखूनों पर दिखाई देता है, वे टूटने लगते हैं, छिलने लगते हैं, या उनमें सफेद दाग दिखाई देने लगते हैं। आयुर्वेद और विज्ञान, दोनों मानते हैं कि शरीर का पोषण ठीक न हो, तो सबसे पहले ऐसे ही संकेत मिलते हैं।
आयुर्वेद के अनुसार, नाखून अस्थिधातु (हड्डियों) का उपधातु यानी सहायक तत्व होते हैं। जब शरीर में अस्थिधातु की पोषण प्रक्रिया में कोई रुकावट आती है, तो इसका असर नाखूनों पर दिखाई देने लगता है। यही वजह है कि कमजोर नाखून सिर्फ एक बाहरी समस्या नहीं, बल्कि आंतरिक गड़बड़ी का संकेत हैं। वहीं, आधुनिक मेडिकल साइंस के अनुसार, नाखून मुख्य रूप से केराटिन नामक प्रोटीन से बने होते हैं। इस प्रोटीन के निर्माण और मजबूती के लिए शरीर को खास पोषक तत्वों की जरूरत होती है। जब इन पोषक तत्वों की कमी होती है, तो नाखूनों की गुणवत्ता गिरने लगती है।
कुछ पोषक तत्वों की कमी से नाखून टूटने और कमजोर होने लगते हैं। इन तत्वों में से एक है बायोटिन। बायोटिन, जिसे विटामिन बी7 भी कहते हैं, नाखूनों की मजबूती के लिए सबसे जरूरी पोषक तत्व माना जाता है। यह शरीर में केराटिन के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जिससे नाखून मजबूत बनते हैं। जब शरीर में बायोटिन की कमी होती है, तो नाखून पतले हो जाते हैं, जल्दी टूटते हैं और छिलने लगते हैं।
आयरन की भूमिका शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने में होती है। जब आयरन की मात्रा कम हो जाती है, तो शरीर के विभिन्न हिस्सों को जरूरी ऑक्सीजन और पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर नाखूनों पर इस तरह पड़ता है कि वह मुड़ने लगते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में कोइलोनाइकिया कहते हैं। ऐसे नाखून दिखने में भी कमजोर लगते हैं और अक्सर टूट जाते हैं।
जिंक भी एक महत्वपूर्ण मिनरल है, जो नाखूनों को रिपेयर करने में मदद करता है। इसकी कमी से नाखूनों पर सफेद-धब्बे नजर आने लगते हैं और धीरे-धीरे नाखूनों की गुणवत्ता गिरती जाती है। जिंक की कमी से संक्रमण का खतरा भी बढ़ता है, जिससे नाखूनों की ग्रोथ धीमी पड़ जाती है।
विटामिन ई और सी भी नाखूनों की मजबूती में सहायक होते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट्स की तरह काम करते हैं, जो कोशिकाओं को फ्री रेडिकल्स से होने वाले नुकसान से बचाते हैं। विटामिन सी की कमी से शरीर में कोलेजन बनने की प्रक्रिया प्रभावित होती है, जो नाखूनों को लचीला और टूट-फूट से बचाता है।
आयुर्वेद कहता है कि जब शरीर की अग्नि यानी पाचन शक्ति कमजोर होती है तो खाया गया भोजन ठीक से पचता नहीं और शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। इसका असर सबसे पहले बालों और नाखूनों पर नजर आता है। इसलिए शरीर की पाचन शक्ति को सुधारना और पोषक तत्वों से भरपूर आहार लेना जरूरी है।
Source : IANS
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