Khabarwala 24 News New Delhi: Health News आज की भागदौड़ और तनाव भरी जिंदगी में छोटी-छोटी स्वास्थ्य समस्याएं भी गंभीर परेशानियों का संकेत हो सकती हैं। आमतौर पर हम मानते हैं कि दौड़ने, तेज चलने या सीढ़ियां चढ़ने जैसी शारीरिक गतिविधियों से ही दिल की धड़कन तेज होती है, जो एक सामान्य प्रक्रिया है।
लेकिन अगर आप बिना किसी शारीरिक मेहनत के, आराम से बैठे हुए भी बार-बार दिल की धड़कन तेज होने का अनुभव कर रहे हैं, तो इसे नजरअंदाज करना खतरनाक हो सकता है। यह स्थिति शारीरिक या मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी गंभीर समस्याओं की ओर इशारा कर सकती है। आइए जानते हैं कि बैठे-बैठे दिल की धड़कन तेज होना किन गंभीर बीमारियों का लक्षण हो सकता है और इसके कारण क्या हैं।
बैठे-बैठे दिल की धड़कन तेज होना: क्या है एरिथमिया? (Health News)
यदि आप बिना किसी स्पष्ट कारण के दिल की धड़कन तेज होने, सीने में बेचैनी, सांस फूलने या कमजोरी जैसे लक्षणों का सामना कर रहे हैं, तो यह सिर्फ तनाव या थकान नहीं, बल्कि एरिथमिया जैसी गंभीर हृदय रोग का संकेत हो सकता है। एरिथमिया एक ऐसी मेडिकल स्थिति है, जिसमें दिल की धड़कन असामान्य हो जाती है। इसमें दिल कभी बहुत तेज, कभी बहुत धीमा, या अनियमित रूप से धड़कता है। यह समस्या हृदय के विद्युत संकेतों (इलेक्ट्रिकल सिस्टम) में गड़बड़ी के कारण होती है, जिससे दिल ठीक तरह से रक्त पंप नहीं कर पाता।
बैठे-बैठे दिल की धड़कन तेज होने के प्रमुख कारण (Health News)
- तनाव या एंग्जायटी: मानसिक तनाव, चिंता, या पैनिक अटैक के कारण हार्मोनल बदलाव होते हैं, जो हृदय गति को बढ़ा सकते हैं।
- कैफीन, शराब, या धूम्रपान: अधिक चाय, कॉफी, शराब, या सिगरेट का सेवन हृदय गति को असामान्य कर सकता है।
- दवाओं के दुष्प्रभाव: कुछ दवाएं, जैसे अस्थमा या एलर्जी की दवाएं, हृदय गति पर असर डाल सकती हैं।
- हृदय रोग: हाई ब्लड प्रेशर, कोरोनरी आर्टरी डिजीज, या हृदय की मांसपेशियों में गड़बड़ी एरिथमिया का कारण बन सकती है।
- डिहाइड्रेशन: शरीर में पानी की कमी से रक्त प्रवाह कम हो जाता है, जिससे हृदय को अधिक मेहनत करनी पड़ती है और धड़कन तेज हो सकती है।
- इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन: पोटैशियम, मैग्नीशियम, और सोडियम जैसे खनिजों का असंतुलन हृदय की लय को बिगाड़ सकता है।
- हाइपरथायरायडिज्म: थायराइड ग्रंथि के अति सक्रिय होने से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है, जिससे आराम की स्थिति में भी दिल तेज धड़कता है।
- लो ब्लड शुगर: डायबिटीज के मरीजों में निम्न रक्त शर्करा के कारण घबराहट, पसीना, और तेज धड़कन की समस्या हो सकती है।
- अन्य हृदय समस्याएं: हृदय वाल्व की समस्या, हार्ट फेल्योर, या पुरानी हृदय बीमारियां भी इस लक्षण का कारण हो सकती हैं।
क्या करें अगर धड़कन बार-बार तेज हो? (Health News)
- तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें: अगर आपको बार-बार तेज धड़कन, सीने में दर्द, चक्कर, या सांस लेने में तकलीफ हो, तो तुरंत कार्डियोलॉजिस्ट से सलाह लें।
- इलेक्ट्रोकार्डियोग्राम (ECG): एरिथमिया का पता लगाने के लिए ECG या हॉल्टर मॉनिटरिंग जैसे टेस्ट करवाएं।
- जीवनशैली में बदलाव: तनाव कम करने के लिए मेडिटेशन, योग, और पर्याप्त नींद लें। कैफीन और शराब का सेवन सीमित करें।
- हाइड्रेशन और पोषण: पर्याप्त पानी पिएं और संतुलित आहार लें ताकि इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस बना रहे।
- धूम्रपान छोड़ें: सिगरेट और तंबाकू से हृदय पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है, इसे तुरंत छोड़ दें।
क्यों नजरअंदाज नहीं करना चाहिए? (Health News)
X पर हाल के पोस्ट्स के अनुसार, भारत में हृदय रोगों के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं, खासकर 30-50 आयु वर्ग में। Google Trends डेटा के अनुसार, “तेज धड़कन” और “एरिथमिया” जैसे कीवर्ड्स की खोज पिछले कुछ महीनों में बढ़ी है, जो लोगों में इस समस्या के प्रति जागरूकता को दर्शाता है। इसे नजरअंदाज करने से हार्ट अटैक, स्ट्रोक, या अन्य जटिलताओं का खतरा बढ़ सकता है।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabarwala24 News की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
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