Khabarwala 24 News New Delhi: Difference between Gas and Bloating पेट फूलना या ब्लोटिंग एक आम समस्या है, जिसे ज्यादातर लोग गैस या गलत खानपान का नतीजा मानकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन अगर यह बार-बार हो, बिना ज्यादा खाए पेट फूला हुआ महसूस हो, या घरेलू उपायों से राहत न मिले, तो यह किसी गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। चिकित्सकों के अनुसार, ब्लोटिंग कई बार शरीर में हो रहे अंदरूनी बदलावों की चेतावनी होती है, जिसे हल्के में लेना नुकसानदेह हो सकता है। आइए जानते हैं, किन बीमारियों का लक्षण हो सकता है पेट फूलना और कब लेनी चाहिए डॉक्टर की सलाह।
इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS)(Difference between Gas and Bloating)
इरीटेबल बॉवेल सिंड्रोम एक क्रॉनिक आंतों की बीमारी है, जिसमें बार-बार पेट में मरोड़, गैस, दस्त, कब्ज और ब्लोटिंग की शिकायत होती है। तनाव, अनियमित खानपान, नींद की कमी या हार्मोनल असंतुलन इसके कारण हो सकते हैं। IBS में खाने के तुरंत बाद पेट फूलना शुरू हो सकता है, जिससे असहजता बढ़ती है। यह स्थिति लंबे समय तक रह सकती है और जीवनशैली में बदलाव या चिकित्सकीय सलाह से ही नियंत्रित हो सकती है।
लैक्टोज इन्टॉलरेंस (Difference between Gas and Bloating)
लैक्टोज इन्टॉलरेंस उन लोगों में आम है, जिनका शरीर दूध और डेयरी उत्पादों में मौजूद लैक्टोज को पचा नहीं पाता। यह तब होता है जब शरीर में लैक्टेज एंजाइम की कमी होती है। इसके लक्षणों में दूध पीने के बाद ब्लोटिंग, पेट दर्द, दस्त और गैस शामिल हैं। भारत में कई लोग इसे सामान्य गैस समझकर नजरअंदाज करते हैं, लेकिन अगर डेयरी उत्पादों के सेवन के बाद बार-बार यह समस्या हो, तो लैक्टोज इन्टॉलरेंस की जांच जरूरी है।
लिवर से जुड़ी बीमारियां (Difference between Gas and Bloating)
फैटी लिवर या लिवर सिरोसिस जैसी बीमारियां भी ब्लोटिंग का कारण बन सकती हैं। जब लिवर की कार्यक्षमता कम होती है, तो शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं और पेट में पानी भर सकता है, जिसे मेडिकल भाषा में Ascites कहते हैं। इस स्थिति में पेट फूलने के साथ सख्त भी महसूस होता है। इसके अन्य लक्षणों में थकान, उल्टी, भूख की कमी और त्वचा या आंखों का पीला होना शामिल है। यह एक गंभीर स्थिति है, जिसे तुरंत चिकित्सकीय ध्यान की जरूरत होती है।
ओवरी सिस्ट और पीसीओएस (Difference between Gas and Bloating)
महिलाओं में बार-बार ब्लोटिंग ओवरी सिस्ट या पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) का संकेत हो सकती है। अगर ब्लोटिंग के साथ अनियमित पीरियड्स, चेहरे पर मुंहासे, वजन बढ़ना या पेट में भारीपन और दर्द हो, तो यह हार्मोनल असंतुलन का लक्षण हो सकता है। ओवरी सिस्ट से पेट में लगातार फूलने की समस्या हो सकती है, जिसके लिए अल्ट्रासाउंड और डॉक्टर की सलाह जरूरी है।
डॉक्टर की सलाह कब लें? (Difference between Gas and Bloating)
अगर आपको लगातार ब्लोटिंग, भूख में कमी, अचानक वजन घटना, उल्टी या पेट में सख्ती की शिकायत हो, तो इसे हल्के में न लें। यह केवल गैस नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी का संकेत हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सही समय पर जांच और इलाज से कई जटिलताओं से बचा जा सकता है। ब्लोटिंग को कम करने के लिए संतुलित आहार, तनाव प्रबंधन, पर्याप्त पानी और नियमित व्यायाम मददगार हो सकते हैं, लेकिन लगातार लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabarwala24 News की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।
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