खबरwala 24 न्यूज हापुड़: तहसील क्षेत्र के ग्राम गोयना में निमोनिया से पीडि़त सात माह के बच्चे के जबरन तीन टीके लगाए जाने का आरोप लगाया गया है। आरोप है कि इससे बच्चे की तबीयत बिगड़ गई। पांच घंटे बाद शरीर नीला पड़ा तो मासूम को परिजन प्राइवेट अस्पताल ले गए, जहां उसने दम तोड़ दिया।
इकलौती संतान की मौत से परिजनों में कोहराम मच गया, पीडि़त परिवार ने दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है। वहीं समाजवादी पार्टी की मीडिया सेल ने इस मामले में ट्वीट करते हुए जांच कराकर कार्रवाई की मांग की है।
गोयना निवासी दीपांशु ने बताया कि उसके सात माह के बच्चे किट्टू को निमोनिया की शिकायत थी, जो धीरे धीरे स्वस्थ हो रहा था। आरोप है कि मंगलवार को घर पर उसकी पत्नी अकेली थी। इसी बीच स्वास्थ्य विभाग से कुछ कर्मचारी उसके घर आए और बच्चे को टीका लगवाने की बात कही। पत्नी ने बताया कि कर्मचारियों से वह लगातार यही कहती रही कि उसके बच्चे को बुखार है, ऐसे में टीका न लगाएं।
आरोप है कि लेकिन महिला कर्मचारी ने यह कह दिया कि टीका लगने से बच्चे को कोई परेशानी नहीं होगी, इसकी जिम्मेदारी हमारी है। जबरन बच्चे को तीन टीके लगाए गए, आरोप है कि दो टीके जांघ में लगे और एक टीका कंधे की जगह गर्दन में लगाया गया। इसके बाद से ही बच्चा दर्द से करहाने लगा।
मंगलवार की रात करीब 10:30 बजे बच्चा अचेत होने लगा और उसके होठ भी नीले पडऩे लगे। दीपांशु तुरंत ही बच्चे को गढ़ रोड स्थित एक निजी अस्पताल में ले गया। लेकिन वहां जाते ही मां की गोद में मासूम ने दम तोड़ दिया। इकलौती संतान की मौत से मां बाप का रोकर बुरा हाल था, वहीं परिवार के अन्य सदस्यों में भी कोहराम मचा हुआ था। पीडि़त परिवार ने दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।
प्रशिक्षण पर उठ रहे सवाल
नियमित टीकाकरण का अधिकांश कार्य आशा, एएनएम को ही पूरा करना होता है। लेकिन गोयना में जिस तरह बुखार से पीडि़त बच्चे को टीके लगाए गए, वह प्रशिक्षण पर भी सवाल खड़ा करता है। बुखार की जानकारी देने पर भी बच्चे को टीका लगाया गया, जो उसकी जान जाने का कारण बना।
बेहद गरीब है परिवार
मासूम की मौत वाला परिवार बेहद गरीब है, किसी तरह परिवार गुजर बसर कर रहा है। एकलौते पुत्र का निधन होने पर परिवार के सदस्य शोक में हैं।
मामले की कराई जाएगी जांच
इस मामले की जांच कराई जाएगी। जांच में दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।–डॉ.सुनील त्यागी, सीएमओ।
सपा मीडिया सेल ने किया ट्वीट, जांच की मांग
समाजवादी पार्टी के मीडिया सेल ने इस मामले में ट्वीट किया है। जिसमें कहा गया है कि हापुड़ में टीका लगने से मासूम की मौत बेहतर दुखद हैं। जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
टीके से नहीं खतरा
नियमित टीकाकरण से कोई खतरा नहीं है, बल्कि इसके लगने से बच्चों को जानलेवा बीमारियों से निजात मिलती है। हर साल तीन लाख से ज्यादा बच्चों के टीका लगाए जाते हैं। हाल ही में खसरे से बचाव के लिए बच्चों के टीके लगाए जा रहे हैं। इनमें किसी भी बच्चे को कोई परेशानी नहीं हुई है। डाक्टर वेद प्रकाश, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी