Khabarwala 24 News Hapur: Hapur वृंदावन धाम से पधारे कथा वाचक इंद्रेश उपाध्याय महाराज के पावन मुखारविंद से एवं भगवत धाम के परम पूज्य प्रातःस्मरणीय महामंडलेश्वर डॉ स्वामी विवेकानंद महराज के दिव्य उपस्थिति एवं कृपा पुर्ण सन्निधि में भागवत भक्ति अनुष्ठान का शुभारंभ मंगल मंत्रों के साथ हुआ ।
जिसमें आचार्य इंद्रेश ने प्रवचन करते हुए कहा कि दुख हरण राधा रमण का चरित्र ही भागवत कथा है और उनके ही भक्तों का जीवन वृत्त भगवान के कथा से कम नहीं है अतः इनमें अंतर नहीं समझना चाहिए।
मनुष्य का जीवन पाना बहुत कठिन है (Hapur)
कथा वाचक ने प्रवचन करते हुए कहा कि मनुष्य का जीवन पाना बहुत कठिन है, देव दुर्लभ भी हैं परन्तु जो इसका सही लाभ नहीं उठा पाते वो सभी आत्मा कहलाते हैं।इसलिए सावधानी पूर्वक यज्ञ तप अनुष्ठान भगवत वार्ता का अनुशीलन करें और भगवत कृपा का अनुभव करते रहे क्यों कि यह सब गुरु कृपा भगवंत कृपा के बिना हो नहीं सकता ।जैसे गोपियां कृष्ण से प्रेम करती है तो कान्हा भी उनकी याद करते है यही गीता का सिद्धांत है।
सत चित आनंद भगवान का ही रूप है (Hapur)
कथा वाचक इंद्रेश ने भागवत माहात्म्य का वर्णन कर के बताया सत चित आनंद भगवान का ही रूप है जैसे आप के जीवन में भागवत महा पुरुष आ जाए और आप न जानते हुए भी आदर से सर झुक जाता है यानि सत्य को स्वीकार कर लिया यही सत्य भागवत तत्व है ।
ज्ञान के होने से जो प्रकाश हृदय में प्रकट होता वही चित है उससे मिलने वाला अपूर्व शांति ही आनंद ही भगवान का रूप है । ओरछा के आचार्य उपरोहित श्री हरि राम व्यास का चरित्र सुनाया । आरती में स्वामी रविन्द्रानंद महराज एवं समस्त भक्त सम्मलित हुए। आचार्य डॉ राम सहाय त्रिपाठी ने मंत्र पुष्पांजलि के साथ प्रथम दिवस की कथा का विश्राम करवाया।