Hapur News Khabarwala24 News Hapur : यूपी के जनपद हापुड़ के धौलाना क्षेत्र के 60 गांवों में सावन माह में आज भी महाराणा प्रताप के दुखों के दिनों को याद किया जाता है। क्योंकि 1500 साल पहले चल रही परंपरा को आज भी उसी तरह मनाया जा रहा है। महाराणा वंशजों के गुरू गोरखनाथ की छड़ी आज भी 60 गांवों में जाती है। पंचमी को चलकर रक्षा बंधन तक सभी गांव घूम आती है।
60 गांवों की परम्परा
हापुड़ जिले की तहसील धौलाना में 60 गांव महाराणा प्रताप के वंशजों के हैं। इन 60 गांवों में महाराणा प्रताप के समय से चली आ रही परम्परा आज भी जीवित है। क्योंकि एक साल में जैसे ही सावन मास की पंचमी आती है। तो इस परम्परा को शुरू कर दिया जाता है।
युद्ध के समय के दुखों को किया जाता है याद
इसी परंपरा के साथ महाराणा प्रताप के साथ युद्ध के समय हुए दुखों को याद किया जाता है। क्योंकि तब भी यह परम्परा सभी को एकजुट कर भगवान गोरखनाथ को प्रसन्न करने और एक स्थान पर एकत्र होने के लिए की गई थी। आज से यह छड़ी पूजनी शुरू हो चुकी है। जो अब 52 दिन तक 60 गांवों में जाएगी। हर गांव में छड़ी का पूजन होगा और उसके पुजारियों को दान दक्षिणा दी जाएगी।
महाराणा प्रताप के वंशज छठी को आगे करते हैं रवाना
ठाकुर विजय सिंह सिसौदिया तथा उनकी बहन आज भी इसी तरह इस छड़ी का सबसे पहले अपने घर में पूजन करते हैं। महाराणा प्रताप के वंशज पूजन करने के बाद इसको आगे के लिए रवाना करते हैं। विजय सिसौदिया बताते हैं कि गांव में आज भी कुल गुरू जाहरवीर की छड़ी पूजी जाती है। जिसकी गांव में शोभायात्रा निकाली जाती है। रक्षा बंधन पर मेला लगता हैं और शाम को दीए जलाए जाते हैं।
ठाकुर दुर्गा सिंह को अंग्रेजों ने दी थी फांसी
महाराणा प्रताप की 15 वी पीढी ठाकुर दुर्गा सिंह ने अंग्रेजी हुकुमत से लड़ाई लड़ी थी। ठाकुर दुर्गा सिंह को अंग्रेजों ने गांव में ही फांसी दे दी थी।