Khabarwala 24 News New Delhi: Sitaare Zameen Par आमिर खान की फिल्में हमेशा उम्मीदों का बोझ लेकर आती हैं, और उनकी नई रिलीज सितारे जमीन पर ने एक बार फिर साबित किया कि वह दर्शकों की कसौटी पर खरे उतरते हैं। तारे जमीन पर की तरह यह फिल्म भी भावनाओं, हास्य, और प्रेरणा का शानदार मिश्रण है।
स्पैनिश फिल्म चैंपियंस का 70% रीमेक होने के बावजूद, आमिर ने इसमें 30% भारतीय टच जोड़कर इसे अनूठा बना दिया। यह फिल्म न केवल मनोरंजन करती है, बल्कि एक गहरी सीख भी देती है कि हर इंसान का अपना “नॉर्मल” होता है। थिएटर में हंसी, तालियां, और मोटिवेशनल वाइब्स के लिए यह मूवी मस्ट-वॉच है।
Sitaare Zameen Par की कहानी: घमंड से प्रेम तक का सफर
फिल्म की कहानी गुलशन (Aamir Khan) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक अहंकारी बास्केटबॉल कोच है और खुद को सबसे ऊपर मानता है। शराब पीकर गाड़ी चलाने की सजा में उसे एक न्यूरोडाइवर्जेंट बच्चों की बास्केटबॉल टीम को कोचिंग देनी पड़ती है। शुरुआत में गुलशन इसे बोझ मानता है, लेकिन इन बच्चों के साथ समय बिताने से उसका नजरिया बदल जाता है।
यह सजा धीरे-धीरे उसकी जिंदगी की सबसे बड़ी सीख बन जाती है। कहानी हास्य और भावनाओं का शानदार तालमेल है, जो दर्शकों को बांधे रखती है। क्लाइमेक्स में “हार कर भी जीतने वाले को बाजीगर कहते हैं” का संदेश आपको प्रेरित करेगा।
फिल्म की खासियत
Sitaare Zameen Par पर दोनों हाफ में भरपूर मनोरंजन देती है। पहला हाफ हंसी और गुलशन के घमंडी रवैये से भरा है, जबकि दूसरा हाफ थोड़ा धीमा शुरू होता है, लेकिन जल्द ही रफ्तार पकड़ लेता है। तारे जमीन पर की तुलना में यह कम इमोशनल और ज्यादा हास्यप्रद है। हर सीन में ताकत है, और डायलॉग्स आपको हंसाते हुए सोचने पर मजबूर करते हैं। फिल्म का संदेश “सबका अपना-अपना नॉर्मल” हर दर्शक को छू जाता है। यह मूवी न केवल देखने, बल्कि महसूस करने की है, जो न्यूरोडाइवर्जेंट लोगों को समझने का नया नजरिया देती है।
एक्टिंग: आमिर और न्यूरोडाइवर्जेंट सितारों की जादुई जुगलबंदी
आमिर खान ने गुलशन के किरदार में जान डाल दी है। उनकी डायलॉग डिलीवरी, बॉडी लैंग्वेज, और भाव-भंगिमाएं दर्शकों को बांधे रखती हैं। वह फिर से साबित करते हैं कि उन्हें “मिस्टर परफेक्शनिस्ट” क्यों कहा जाता है। जेनेलिया डिसूजा ने गुलशन की पत्नी के रूप में सादगी और गहराई से रोल निभाया है, हालांकि उनका किरदार थोड़ा और प्रभावशाली हो सकता था।
फिल्म का असली आकर्षण 10 न्यूरोडाइवर्जेंट कलाकार हैं, जिनकी नेचुरल एक्टिंग दिल जीत लेती है। उनकी सादगी और ईमानदारी आमिर को भी कई बार पीछे छोड़ देती है। डॉली अहलूवालिया (गुलशन की मां) और बृजेन्द्र काला (मां के दोस्त) की कॉमिक टाइमिंग फिल्म में तड़का लगाती है।
डायरेक्शन और राइटिंग
Sitaare Zameen Par के निर्देशक आरएस प्रसन्ना और आमिर खान की प्रोडक्शन ने चैंपियंस के रीमेक को भारतीय दर्शकों के लिए शानदार ढंग से पेश किया है। राइटिंग मजबूत है, और डायरेक्शन में कहानी की पकड़ बनी रहती है। भारतीय संस्कृति और भावनाओं का मिश्रण रीमेक को ताजा बनाता है। हालांकि, सेकंड हाफ की शुरुआत में कुछ दृश्य थोड़े ढीले लगते हैं, लेकिन क्लाइमेक्स इस कमी को पूरा कर देता है।
म्यूजिक
Sitaare Zameen Par फिल्म में म्यूजिक का ज्यादा इस्तेमाल नहीं हुआ है, जो कहानी को और प्राकृतिक बनाता है। बैकग्राउंड स्कोर हास्य और भावनात्मक दृश्यों को बढ़ाने में कारगर है, लेकिन कोई यादगार गाना नहीं है।
रेटिंग: 3.5/5
सितारे जमीन पर एक प्रेरणादायक और मनोरंजक फिल्म है, जो हंसी, भावनाओं, और सीख का शानदार मिश्रण है। आमिर खान की एक्टिंग, न्यूरोडाइवर्जेंट कलाकारों की सादगी, और कहानी का संदेश इसे मस्ट-वॉच बनाता है। यह फिल्म आपको हंसाएगी, रुलाएगी, और जिंदगी को नए नजरिए से देखने की प्रेरणा देगी। थिएटर में इसे जरूर देखें, खासकर अगर आप आमिर खान की स्मार्ट कहानियों के प्रशंसक हैं।
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