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Jeete Hain Shaan Se तीन सुपरस्टार वाली ब्लॉकबस्टर फिल्म थी ‘जीते हैं शान से’, बस दो करोड़ में बनी थी, 14 दिनों तक खाली नहीं गई थिएटर्स में एक भी सीट

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Khabarwala 24 News New Delhi : Jeete Hain Shaan Se भारत में हर शुक्रवार को फिल्मों का त्योहार लगता है, यानी सिनेमाघरों में फिल्में रिलीज होती हैं। मगर 80 के दशक में एक ऐसी फिल्म रिलीज हुई थी, एक ब्लॉकबस्टर फिल्म थी और कई दिनों तक हाउसफुल रही। उस दौर के तीन बड़े सुपरस्टार की मौजूदगी ने इस फिल्म को लीजेंडरी बना दिया था।

हम बात कर रहे हैं कवल शर्मा द्वारा निर्देशित मिथुन चक्रवर्ती, गोविंदा और संजय दत्त अभिनीत फिल्म ‘जीते हैं शान से’ की। अप्रैल 1988 में रिलीज होने पर यह फिल्म मुंबई में लगभग 2 सप्ताह तक 100% हाउसफुल रही। मात्र 2 करोड़ के बजट में बनी फिल्म ‘जीते हैं शान से’ ने बॉक्स ऑफिस पर 8 करोड़ की कमाई की थी। यह 1988 में मिथुन चक्रवर्ती और कवल शर्मा के करियर की सबसे बड़ी हिट फिल्म साबित हुई।

फिल्म में नजर आए बड़े सितारे (Jeete Hain Shaan Se)

‘जीते हैं शान से’ एक आम बॉलीवुड एक्शन फिल्म है, जिसमें मंदाकिनी ने जूली, विजेता पंडित ने किरण और डैनी डेन्जोंगपा ने बलवंत/डी.के. की भूमिका निभाई है। ‘जीते हैं शान से’ पहली बार पर्दे पर मिथुन चक्रवर्ती और गोविंदा की जोड़ी साथ आई थी। वैसे ये दोनों की साथ में पहली और आखिरी फिल्म रही।

इसके बाद दोनों ने कभी साथ काम नहीं किया। इस फिल्म का गाना ‘जुली जुली’ आज भी काफी हिट है। इस फिल्म के कई और गाने भी काफी हिट थे। अन्नू मलिक ने इस फिल्म का म्यूजिक तैयार किया था। इनमें ‘सलाम सेठ सलाम सेठ’, ‘जीते जी जान से’, ‘गोविंदा गोविंदा’ जैसे कई गाने शामिल हैं।

ओटीटी द मल्टीप्लेक्स का दौर (Jeete Hain Shaan Se)

पहले सिंगल स्क्रीन वाले सिनेमाघरों में फिल्में रिलीज हुआ करती थीं। उस दौर में भी फैंस अपने चहते सितारों की फिल्में देखने के लिए टॉकीज के बाहर भीड़ लगाते थे, लंबी लाइनों में घंटों खड़े होकर टिकट खिड़की से टिकट खरीदते थे और फिर मूवी का लुत्फ उठाते थे। कई बार ऐसा भी होता था कि जब तक लाइन में खड़े लोग टिकट खिड़की तक पहुंचते थे तब तक सभी टिकट बिक जाती थी और सिनेमाघरों के बाहर हाउसफुल का बोर्ड लगा दिया जाता था।

उस दौर में टिकट ब्लैक होने का भी खूब चलन था। मगर अब ओटीटी और मल्टीप्लेक्स का दौर है, बॉक्स ऑफिस इन फिल्मों को परखता है। कुछ फिल्में बॉक्स ऑफिस की परीक्षा में पास होती हैं तो कुछ फेल होती हैं। वहीं कुछ ऐसी भी होती हैं जो टॉपर बनकर उभरती हैं।

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