Khabarwala 24 News New Delhi : Electricity Consumed Phone Charging फोन चार्जिंग में बहुत ही कम बिजली की खर्च होती है लेकिन अक्सर लोग सोचते हैं कि क्या स्मार्टफोन को रोज चार्ज करने से बिजली का बिल ज्यादा आता है? इसका जवाब है नहीं। अगर लाखों लोग अपने चार्जर लगातार प्लग में लगाए रखें, तो कुल मिलाकर ये बिजली की अच्छी-खासी खपत बन जाती है। यहां हम आपको बताएंगे कि हर दिन फोन चार्जिंग के दौरान कितनी बिजली खर्च होती है। पूरे महीने या साल में इसकी वजह से बिजली के बिल पर कितना असर पड़ता है। नॉर्मली फोन चार्जर की पावर 5 से 20 वॉट के बीच होती है।
चार्जिंग में कितनी बिजली? (Electricity Consumed Phone Charging)
नॉर्मल चार्जर लगभग 5 वॉट का होता है। फास्ट चार्जर 18-20 वॉट या उससे ज्यादा के हो सकते हैं। एक फोन को पूरी तरह चार्ज करने में करीब 1 से 2 घंटे लगते हैं। ये फोन और चार्जर के मॉडल पर डिपेंड करता है। मान लें कि आप 10 वॉट के चार्जर से 2 घंटे में फोन चार्ज करते हैं। पावर = 10 वॉट × 2 घंटे = 20 Wh (वॉट-आवर) = 0.02 यूनिट (kWh) इसका मतलब सिर्फ 0.02 यूनिट बिजली लगती है।
साल भर में कितनी खपत? (Electricity Consumed Phone Charging)
अगर आप हर दिन एक बार फोन चार्ज करते हैं। 0.02 यूनिट × 365 दिन = करीब 7 से 10 यूनिट सालाना खर्च होती है। अगर बिजली का रेट 7 रुपये प्रति यूनिट है, तो साल भर में चार्जिंग पर खर्च 70 रुपये तक आएगा। हालांकि ये खर्च यूनिट खर्च पर डिपेंड करता है। आप अपने स्टेट में चल रहे प्रति यूनिट बिजली के रेट से अंदाजा लगा सकते हैं कि सालभर में फोन चार्ज से कितने पैसे खर्च होते हैं।
स्टैंडबाय पावर का असर (Electricity Consumed Phone Charging)
जब आपका फोन चार्ज हो जाता है लेकिन चार्जर प्लग में लगा रहता है, तब भी थोड़ी-थोड़ी बिजली खर्च होती रहती है। ये कुछ वॉट ही होती है, लेकिन लंबे समय में ये भी जुड़ती है। बिजली बिल ना बढ़े इसके लिए फोन चार्ज होने के बाद चार्जर को प्लग से निकाल दें। पुराने चार्जर की जगह नए और ज्यादा एफिशिएंट चार्जर का इस्तेमाल करें।