Thursday, May 1, 2025

Difference And History नक्सली, उग्रवादी, माओवादी और आतंकवादी के बीच जान लें अंतर, अलग-अलग नाम कैसे पड़े और क्या है इनका इतिहास

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Khabarwala 24 News New Delhi : Difference And History 31 मार्च 2026 तक देश से नक्सलवाद समाप्त हो जाएगा। इसका दावा राज्यसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने किया था। इसके बाद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने मंगलवार को लोकसभा में बताया कि साल 2014-15 से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को केंद्र की ओर से 196.23 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं। केंद्र का लक्ष्य मार्च 2026 तक देश से नक्सलवादियों को खत्म करना है। आइए जान लेते हैं कि नक्सली, उग्रवादी, माओवादी और आतंकवादी में क्या अंतर है? इनके अलग-अलग नाम कैसे पड़े और क्या है इनका इतिहास?

पश्चिम बंगाल में हुई थी नक्सलवाद की शुरुआत (Difference And History)

नक्सलवाद एक विचारधारा है, जो पश्चिम बंगाल में जमींदारों के खिलाफ किसानों के आंदोलन से जुड़ी हुई है। यह 1960 की बात है। बंगाल में दार्जिलिंग जिले में स्थित एक गांव नक्सलबाड़ी में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के नेता चारू मजूमदार ने कानू सान्याल के साथ मिलकर सत्ता और जमींदारों के खिलाफ किसान विद्रोह की अगुवाई शुरू की।

इस नक्सलबाड़ी विद्रोह ने युवाओं और ग्रामीण को बुरी तरह से झकझोरा और समय के साथ इसी तरह का आंदोलन बिहार और झारखंड तक फैल गया फिर ओडिशा, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र तक में लोगों ने अत्याचार के खिलाफ सशत्र विद्रोह किया। इस आंदोलन को नक्सलवादी आंदोलन कहा गया।

तुंग की विचारधारा मानने वाले कहलाये माओवादी (Difference And History)

माओवाद जैसा नाम से ही जाहिर है आधुनिक चीन के संस्थापक माओत्से तुंग की विचारधारा से जुड़ा है। माओ की विचारधारा हिंसा का समर्थन करती है। सत्ता के खिलाफ माओ की विचारधारा का पालन करते हुए संघर्ष में शस्त्र का इस्तेमाल करने वाले माओवादी कहे गए।

भले ही दोनों कम्युनिस्ट विचारधारा से जुड़े हैं पर दोनों का स्वरूप अलग है। चीन में माओ की अगुवाई में हुई क्रांति को माओवाद का जनक माना जाता है। साल 1962 में चीन से युद्ध के बाद भारत में माओवादी विचारधारा को बढ़ावा मिला। नक्सलवाद और माओवाद भले ही दोनों आंदोलन हिंसा पर आधारित हैं पर सबसे बड़ा फर्क यह है कि माओवाद विदेशी राजनीतिक विधारधारा है।

लक्ष्य प्राप्ति के लिए हिंसा का सहारा लेना उग्रवाद (Difference And History)

उग्रवाद का सीधा सा अर्थ है अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए उग्रता यानी हिंसा का सहारा लेना। यह एक व्यापक शब्द है और नक्सवाद, माओवाद आदि इसका उदाहरण हैं। भारत में खालिस्तान की मांग को लेकर हुई हिंसा हो या फिर पूर्वोत्तर में अलग-अलग चरमपंथी संगठनों द्वारा की जाने वाली हिंसा।

सभी उग्रवाद है। ऐसे उपक्रमों में शामिल लोग उग्रवादी कहे जाते हैं। उग्रवाद वास्तव में किसी भी विचारधारा से प्रेरित हो सकता है। हालांकि, भारत सरकार ने कानून बनाकर उग्रवादियों को भी आतंकवादी घोषित कर दिया है।

आतंकित करने वाले आतंकवादी कहे जाते हैं (Difference And History)

आतंकवाद का साफ अर्थ हम निकाल सकते हैं किसी को आतंकित करना यानी डराना। ऐसा करने वाले लोग आतंकवादी कहे गए। जो अपने किसी सही या नाजायज लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हिंसा का सहारा लेते हैं। आतंकवाद और उग्रवाद में एक अंतर है कि उग्रवादियों को स्थानीय लोगों का समर्थन मिला होता है।

आतंकियों के लिए यह जरूरी नहीं है कि वे स्थानीय जनता को अपने साथ लेकर चलें। आतंकवादी किसी देश के खिलाफ दूसरे देश द्वारा अप्रत्यक्ष युद्ध के लिए भी इस्तेमाल किए जा सकते हैं। इतिहास काफी पुराना है। इस शब्द की उत्पत्ति फ्रांस में हुई क्रांति के दौरान हुई थी। आधुनिक आतंकवाद का जन्म 18वीं सदी में माना जाता है।

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