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यूपी से वाहन चोरी कर बिहार में बेचता था अंतर्राज्यीय वाहन चोर गैंग, तीन गिरफ्तार

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खबरवाला 24 न्यूज हापुड़: थाना देहात पुलिस व एसओजी की टीम ने सोमवार सुबह गांव टियाला बाइपास के पास से अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के तीन शातिर सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपितों से चोरी की तीन कार, छह जोड़ी नंबर प्लेट, दो स्केनर, तीन वाईफाई डिवाइस, ईसीएम, 21 चाबियां, दो लाक सेट, दो सिंपल लाक, दो प्लास, पांच लाक तोड़ने वाले हुक, बैट्री, हथौड़ा, सात पेचकस व तीन चाबी-पाना बरामद हुआ है। आरोपित दिल्ली- एनसीआर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों से वाहन चोरी कर बिहार में बेच देते थे। गिरोह से जुड़े अन्य आरोपितों की तलाश की जा रही है।
ट्याला के पास से दबोचे गए गिरोह के सदस्य
एसपी अभिषेक वर्मा ने बताया कि सोमवार सुबह थाना देहात प्रभारी आशीष कुमार और एसओजी में उपनिरीक्षक पारस मलिक संयुक्त टीम के साथ गश्त कर रहे थे। इस दौरान मुखबिर ने सूचना दी कि अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह के सदस्य कारों में सवार होकर गांव टियाला की तरफ आ रहे हैं। सूचना पर पुलिस टीम ने गांव टियाला बाइपास के निकट संदिग्ध लोगों और वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी। इसी बीच पुलिस को संदिग्ध कार सवार आते दिखाई दिए। रुकने का इशारा किया तो आरोपित ने फरार होने का प्रयास किया, लेकिन, घेराबंदी करते हुए पुलिस ने तीन आरोपितों को दबोच लिया।
कई थानों में दर्ज हैं मुकदमें
आरोपित जिला गाजियाबाद के थाना मुरादनगर के कस्बा व मोहल्ला व्यापारीयान का रहने वाला सोनू, थाना निवाड़ी क्षेत्र के गांव सौंदा का रहने वाला फारूख और थाना मोदीनगर क्षेत्र के गांव बेगमाबाद का रहने वाला शहनवाज उर्फ गोलू है। आरोपित के खिलाफ उत्तराखंड के जिला हरिद्वार, गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद सोनू के खिलाफ चार, फारूख के खिलाफ 12, शाहनवाज उर्फ गोलू के खिलाफ नौ आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। पूछताछ में आरोपितों से गिरोह से जुड़े कुछ अन्य सदस्यों के नाम भी प्रकाश में आए हैं। फरार आरोपितों की पुलिस तलाश कर रही है।\

विभिन्न जिलों से चोरी करते थे वाहन
गिरफ्तार आरोपितों ने बताया कि गिरोह के सदस्य विभिन्न राज्यों के जिलों से कार चोरी करते थे। रात के वक्त वह रेकी कर कार को निशाना बनाते थे। सुनसान स्थानों पर खड़े होने वाली कार के सायरन का तार चोर काट देते थे। इसके बाद विभिन्न उपकरणों की मदद से कार का लाक तोड़ देते थे। इसके बाद कार का ईसीएम(इंजन कंट्रोल माड्यूल) बदलकर देते थे। फिर मास्टर चाबी की मदद से कार स्टार्ट कर फरार हो जाते थे।
फर्जी नंबर प्लेट लगाकर बेचते थे चोरी के वाहन
आरोपितों ने बताया कि चोरी के वाहनों के लिए फर्जी नंबर प्लेट तैयार की जाती थी। इसके बाद इन्हें भोले-भाले लोगों को बिक्री कर देते थे। वाहनों को कबाड़ी के पास बिक्री के लिए ले जाया जाता था। वाहनों को बेचने से मिली रकम को आपस में बराबर बांट लिया जाता था। उधर, कबाड़ी चोरी की वाहन अच्छी रकम देकर खरीदते हैं। कबाड़ी इन वाहनों का कटान कर पार्ट विभिन्न दुकानों में सप्लाई करते हैं। ऐसा कर वह एक बाइक पर तीन गुना मुनाफा कमाते हैं

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