खबरwala 24 न्यूज हापुड़ : जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार प्रथम ने अपना फैसला सुनाते हुए घर में घुसकर जानलेवा हमला करने के चार आरोपियों को दस वर्ष सश्रम कारावास व 40-40 हजार रुपये के अर्थदंड की सजा सुनाई।
जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) ने बताया कि 21-9-2014 को थाना पिलखुवा पर वादी मोहम्मद निसार पुत्र हाजी सईद निवासी मोहल्ला कृष्णगंज थाना पिलखुवा जनपद हापुड़ ने तहरीर दी कि 22-9-2014 को इसरार (मजरूब) की धारा 308 में जब्बार व गफ्फार के खिलाफ गवाही एडीजे हापुड़ कोर्ट में होनी थी। दिनांक 21-09-14 को वादी व वादी की भाभी सायरा चारपाई पर बैठकर बातचीत कर रहे थे तथा इसरार व अंसार ने खाना प्रारंभ किया था। तभी जब्बार व गफ्फार अपने-अपने हाथों में तमंचे लेकर घर में घुस आए तथा अलाउद्दीन व मोबीन छत से चढ़कर अपने अपने हाथों में तमंचे लेकर आ गए। जब्बार ने जान से मारने की नीयत से इसरार को गोली मार दी तथा गफ्फार ने अंसार के ऊपर गोली चला दी। जिसमें वो बाल बाल बच गया। छत पर से अलाउद्दीन व मोबीन अपने अपने तमंचे से निसार व सायरा के ऊपर जान से मारने की नीयत से फायर किए। जिसमें दोनों तमंचा लहराते हुए भाग गए। मेरा भतीजा इसरार रामा मेडिकल में दाखिल है, हालत चिंताजनक बनी हुई है।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त तहरीर के आधार पर थाना पिलखुवा पर मुकदमें दर्ज किया गया। विवेचाधिकारी द्वारा संकलित साक्ष्यों के आधार पर आरोप पत्र प्रेषित किया गया।
उन्होंने बताया कि उपरोक्त मुकदमा जिला एवं सत्र न्यायाधीश हापुड़ के न्यायालय में विचाराधीन था। जिसमें जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) कृष्णकांत गुप्ता ने शासन की ओर से प्रबल पैरवी करते हुए अभियोजन की ओर से कुल दस साक्षियों को न्यायालय में परीक्षित कराया जिसमें उनके द्वारा मजबूत साक्ष्य पेश किए गए।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश रविंद्र कुमार -प्रथम ने अभियोजन व विपक्ष के विद्वान अधिवक्ता की लंबी बहस के उपरान्त अपना निर्णय पारित करते हुए उपरोक्त चारों अभियुक्त जब्बार, गफ्फार, अलाउद्दीन व मोबीन को दोषी ठहराते हुए दस वर्ष सश्रम कारावास व 40-40 हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया। उपरोक्त अर्थदंड की 75 प्रतिशत राशि मजरूब इसरार को प्रतिकर के रूप में दी जाएगी। यह भी उल्लेखित गया।