CLOSE AD

Delhi Blast: Al-Falah University के 200 डॉक्टर-स्टाफ जांच एजेंसियों के रडार पर, जम्मू GMC लॉकरों में भी सर्च ऑपरेशन

Join whatsapp channel Join Now
Join Telegram Group Join Now

Khabarwala24 Delhi Blast: दिल्ली के लाल किले के पास 10 नवंबर 2025 को हुए कार बम ब्लास्ट ने पूरे देश को हिला दिया। इस धमाके में 13 लोग मारे गए और 20 से ज्यादा घायल हो गए। अब जांच एजेंसियां हर कोने को छान रही हैं। हरियाणा के फरीदाबाद स्थित अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) पूरी तरह जांच के घेरे में है। यहां के 200 से ज्यादा डॉक्टर, लेक्चरर और स्टाफ के नाम रडार पर हैं।

यूनिवर्सिटी के हॉस्टल, छात्रों के कमरों और बाहर रहने वालों के ठिकानों की तलाशी चल रही है। अब तक 1000 से ज्यादा लोगों से पूछताछ हो चुकी है। साथ ही, जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग GMC में डॉक्टरों के लॉकरों की जांच तेज हो गई है, जहां पहले ही AK-47 राइफल मिल चुकी है।

दिल्ली लाल किला ब्लास्ट का मास्टरमाइंड: डॉक्टर उमर नबी की भूमिका (Delhi Blast)

ब्लास्ट की जांच में मुख्य आरोपी निकला डॉक्टर उमर नबी, जो अल-फलाह यूनिवर्सिटी (Al-Falah University) में जूनियर डॉक्टर था। पुलवामा, जम्मू-कश्मीर का रहने वाला उमर एक सफेद Hyundai i20 कार चला रहा था, जो फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कैंपस में कई दिनों तक खड़ी रही। 10 नवंबर की शाम 6:52 बजे लाल किले के पास लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 के पास धमाका हो गया। DNA टेस्ट से पुष्टि हुई कि कार में उमर ही था। सूत्र बताते हैं कि फरीदाबाद मॉड्यूल के बस्ट होने के बाद उमर घबरा गया और या तो बम समय से पहले फोड़ दिया या हैंडलिंग में गलती हो गई।

उमर ने नूह में रहते हुए कई मोबाइल फोन इस्तेमाल किए थे। उसके परिवार को भी जांच के दायरे में ले लिया गया है। नूह में 7 अन्य लोगों से पूछताछ चल रही है ताकि उमर के कनेक्शन साफ हो सकें। ब्लास्ट के बाद कई लोग यूनिवर्सिटी छोड़कर भागे हैं। इनकी पहचान और मोबाइल डेटा डिलीट करने वालों की गहन जांच हो रही है। एजेंसियां ये भी देख रही हैं कि क्या यूनिवर्सिटी में कोई हैंडलर था, क्योंकि उमर को यहां खास सुविधाएं मिलती थीं।

Al-Falah University में छापेमारी: 200 स्टाफ पर शक

अल-फलाह यूनिवर्सिटी, जो 1997 में इंजीनियरिंग कॉलेज के रूप में शुरू हुई, अब आतंकी मॉड्यूल का केंद्र बनी हुई है। फरीदाबाद से दिल्ली सिर्फ 30 किमी दूर है, इसलिए इसे बेस के तौर पर चुना गया। यहां के 200 से ज्यादा डॉक्टर, लेक्चरर और स्टाफ की स्क्रूटनी हो रही है। NIA, दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल, यूपी ATS, फरीदाबाद क्राइम ब्रांच और जम्मू-कश्मीर पुलिस की टीमें कैंपस में डेरा डाले हैं। मंगलवार को ED की टीम भी पहुंची। सभी ने यूनिवर्सिटी में ही अस्थायी कमांड सेंटर बना लिया है।

हॉस्टल और छात्रों के कमरों की तलाशी में कई संदिग्ध चीजें मिली हैं। 10 से ज्यादा छात्र और डॉक्टर लापता हैं, उनके फोन स्विच ऑफ हैं। इंटेलिजेंस सोर्सेज का शक है कि ये फरीदाबाद टेरर मॉड्यूल का हिस्सा हो सकते हैं। यूनिवर्सिटी के चेयरमैन जावेद अहमद सिद्दीकी को ED ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ्तार कर लिया। ED ने दिल्ली-NCR में 25 लोकेशंस पर छापे मारे। जांच में पता चला कि यूनिवर्सिटी ने फर्जी NAAC ग्रेड A एक्रेडिटेशन दिखाकर स्टूडेंट्स को ठगा। AIU ने मेंबरशिप सस्पेंड कर दी। वेबसाइट भी डाउन हो गई।

उमर का रहस्यमयी गायब होना और शिफ्ट का खेल

दो MBBS डॉक्टरों ने बताया कि उमर 2023 में बिना छुट्टी के 6 महीने तक यूनिवर्सिटी और अस्पताल से गायब रहा। वापस आने पर सीधे ड्यूटी जॉइन कर ली, कोई एक्शन नहीं हुआ। वो हफ्ते में सिर्फ 1-2 लेक्चर लेता था, वो भी 15-20 मिनट के। बाकी समय कमरे में रहता। दूसरे लेक्चरर नाराज रहते थे। चौंकाने वाली बात ये कि उमर को हमेशा शाम या नाइट शिफ्ट दी जाती थी, कभी मॉर्निंग नहीं। ये व्यवस्था शक पैदा कर रही है।

व्हाइट कॉलर टेरर मॉड्यूल: डॉक्टरों का JeM कनेक्शन

ये “व्हाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार गजवातुल हिंद (AGH) से जुड़ा है। फरीदाबाद में 2900 किलो अमोनियम नाइट्रेट और अन्य विस्फोटक बरामद हुए। गिरफ्तार डॉक्टरों में मुजम्मिल अहमद गनाई, अदील अहमद राथर, शाहीन सईद और शकील शामिल हैं। ये सब अल-फलाह से जुड़े थे। तुर्की के हैंडलर “उकासा” से सिग्नल और थ्रीमा ऐप पर इंस्ट्रक्शन मिलते थे। NMC ने इन डॉक्टरों का नाम नेशनल मेडिकल रजिस्टर से हटा दिया।

GMC अनंतनाग में AK-47 बरामदगी: लॉकरों की जांच तेज

दिल्ली ब्लास्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग GMC में डॉक्टरों-स्टाफ के लॉकरों की व्यापक जांच बुधवार से शुरू हुई। इस महीने की शुरुआत में डॉ. अदील राथर के लॉकर से AK-47 राइफल और अमुनिशन बरामद हुआ। अदील काजीगुंड का रहने वाला था, जो GMC में सीनियर रेजिडेंट था। अब अनक्लेम्ड लॉकर चिह्नित हो रहे हैं। अस्पताल प्रशासन को रिकॉर्ड अपडेट करने के आदेश दिए गए ताकि भविष्य में दुरुपयोग न हो।

GMC जम्मू, SMGS हॉस्पिटल, श्रीनगर GMC और अन्य जगहों पर भी लॉकर चेकिंग हो रही है। लेबलिंग अनिवार्य कर दी गई। नंबर्स कोड से नाम हटाए जा रहे हैं। ये कदम दिल्ली ब्लास्ट और टेरर मॉड्यूल बस्ट के बाद उठाए गए हैं। मेडिकल प्रोफेशनल्स पर अब सख्त निगरानी है।

अस्पताल में मरीजों की संख्या घटी, आने वाले खुलासे

ब्लास्ट के बाद अल-फलाह अस्पताल में मरीजों की संख्या आधी से कम हो गई। पहले रोज 200 OPD मरीज आते थे, अब 100 से भी कम। स्टूडेंट्स और स्टाफ में डर का माहौल है। ED फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन, हवाला और टेरर फंडिंग की जांच कर रही है। NIA ने केस अपने हाथ में ले लिया है।

जांच एजेंसियां मानती हैं कि डॉक्टरों का ये नेटवर्क मेडिकल कवर के तहत चल रहा था। आने वाले दिनों में बड़े खुलासे हो सकते हैं। सरकार ने फॉरेंसिक ऑडिट का आदेश दिया है। लोगों से अपील है कि संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत रिपोर्ट करें। सिक्योरिटी बढ़ी हुई रहेगी।

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Khabarwala24 पर. Hindi News और India News in Hindi  से जुड़े अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर ज्वॉइन करें, Twitter पर फॉलो करें और Youtube Channel सब्सक्राइब करे।

spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img
spot_img

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related News

Breaking News