नोएडा, 18 दिसंबर (khabarwala24)। नोएडा की थाना साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर मार्केट में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का झांसा देकर देशभर में करीब 35 करोड़ रुपए से अधिक की साइबर ठगी करने वाले गिरोह के एक अहम आरोपी को गिरफ्तार किया है। आरोपी का संबंध चाइनीज साइबर ठगों से बताया जा रहा है। पुलिस ने आरोपी सुधाकर गर्ग को हरियाणा के रोहतक से गिरफ्तार किया है।
पुलिस के अनुसार, सूचना के आधार पर सुधाकर गर्ग (उम्र 40 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। आरोपी पर एक पीड़ित से शेयर मार्केट में निवेश के नाम पर 12 करोड़ रुपए की धोखाधड़ी करने का आरोप है। इस संबंध में 3 दिसंबर को थाना साइबर क्राइम गौतमबुद्धनगर में मुकदमा दर्ज किया गया था। पुलिस जांच में सामने आया कि आरोपी की पहचान इंस्टाग्राम के जरिए राशिद खान उर्फ लकी नामक व्यक्ति से हुई थी। राशिद खान ने सुधाकर गर्ग को जीएसटी फर्म और करंट बैंक खाते खुलवाने के लिए प्रेरित किया और इसके बाद उसे मुंबई बुलाया गया।
गिरोह द्वारा इन बैंक खातों का इस्तेमाल साइबर फ्रॉड से प्राप्त रकम को ट्रांसफर करने में किया जाता था। जांच में यह भी सामने आया कि धोखाधड़ी की रकम के बदले आरोपियों को 7 से 10 प्रतिशत तक नकद कमीशन मिलता था, जबकि खाताधारकों को 1 से 3 प्रतिशत के अनुपात में क्रिप्टोकरेंसी दी जाती थी। बाद में इस क्रिप्टो को बाइनेंस और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बेचकर रकम यूपीआई के माध्यम से अलग-अलग बैंक खातों में ट्रांसफर कर ली जाती थी।
पुलिस के मुताबिक, आरोपी सुधाकर गर्ग पिछले एक वर्ष से साइबर अपराधों में संलिप्त था और उसके कुल पांच बैंक खातों का इस्तेमाल ठगी में किया गया। एनसीआरपी पोर्टल पर इन खातों के खिलाफ देश के विभिन्न राज्यों से कुल 37 शिकायतें दर्ज पाई गई हैं। इनमें आंध्र प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल शामिल हैं। इस मामले में पहले ही चार आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।
वहीं, दो सह-आरोपियों को मुंबई पुलिस और दो को हैदराबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का कहना है कि अन्य फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए लगातार प्रयास जारी हैं। पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार, सुधाकर गर्ग के खिलाफ पहले भी हरियाणा, दिल्ली और बेंगलुरु में धोखाधड़ी और साइबर क्राइम से जुड़े कई मामले दर्ज हैं।
साइबर क्राइम नोएडा पुलिस ने आम जनता से अपील की है कि किसी भी प्रकार के निवेश से जुड़े ई-मेल, लिंक या संदेशों पर बिना सत्यापन भरोसा न करें। शेयर ट्रेडिंग या आईपीओ में निवेश केवल अधिकृत बैंक या विश्वसनीय डीमैट सेवा प्रदाता के माध्यम से ही करें। नोएडा पुलिस की इस कार्रवाई को अब तक की सबसे बड़ी साइबर ठगी के मामलों में से एक माना जा रहा है, जिसके तार अंतरराष्ट्रीय साइबर ठग गिरोह से जुड़े बताए जा रहे हैं।
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