New Income Tax Bill 2025: लोकसभा में आज पेश होगा नया आयकर विधेयक, जानें क्या हैं बड़े बदलाव

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Khabarwala 24 News New Income Tax Bill 2025: भारत की टैक्स व्यवस्था में बड़े बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए, नया आयकर विधेयक 2025 (New Income Tax Bill 2025) आज लोकसभा में पेश किया जाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण इस विधेयक को संसद में प्रस्तुत करेंगी। यह नया विधेयक आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा, जो पिछले 63 साल से लागू है। इस विधेयक में प्रवर समिति के 285 सुझावों को शामिल किया गया है, जिनमें 32 बड़े बदलाव शामिल हैं। आइए, इस नए टैक्स बिल के प्रमुख बदलावों, इसकी खासियतों और इसके महत्व को आसान भाषा में समझते हैं।

नया आयकर विधेयक 2025: क्या है खास? (New Income Tax Bill 2025:)

नया आयकर विधेयक 2025 को मौजूदा टैक्स कानून को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के लिए सुविधाजनक बनाने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। यह विधेयक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की तुलना में आधे से भी कम धाराओं और शब्दों के साथ आता है। इसका मकसद है टैक्स से जुड़े मुकदमों को कम करना, तकनीकी सुधार करना और टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाना।

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बताया कि इस विधेयक में कई तकनीकी सुधार किए गए हैं, जैसे कि बेहतर क्रॉस-रेफरेंसिंग और सरल भाषा का उपयोग। इसके अलावा, भाजपा सांसद बैजयंत पांडा की अध्यक्षता वाली प्रवर समिति ने इस विधेयक के लिए 285 सुझाव दिए थे, जिन्हें शामिल किया गया है। इन सुझावों में 32 बड़े बदलाव शामिल हैं, जो टैक्सपेयर्स के लिए राहत देने वाले और टैक्स सिस्टम को और पारदर्शी बनाने वाले हैं।

प्रवर समिति की भूमिका और विधेयक में देरी का कारण

नया आयकर विधेयक 2025 को सबसे पहले 13 फरवरी 2025 को लोकसभा में पेश किया गया था। इसके बाद, इसकी गहन जांच के लिए बैजयंत पांडा की अध्यक्षता में एक 31 सदस्यीय प्रवर समिति बनाई गई थी। इस समिति ने 21 जुलाई 2025 को अपनी रिपोर्ट पेश की, जिसमें 285 सुझाव शामिल थे। इन सुझावों को शामिल करने के लिए विधेयक को संशोधित करना जरूरी था।

केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरन रिजिजू ने बताया कि जब इतनी बड़ी संख्या में संशोधन सुझाए जाते हैं, तो मानक प्रक्रिया के तहत पुराने विधेयक को वापस लेकर उसका संशोधित संस्करण पेश किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक संशोधन के लिए अलग-अलग प्रस्ताव लाना अव्यावहारिक होता, खासकर जब 285 से ज्यादा बदलाव हों। इसीलिए, समय की बचत और विधायी स्पष्टता के लिए विधेयक को वापस लेकर नया संस्करण पेश किया जा रहा है।

पुराने कानून से कितना अलग है नया टैक्स बिल?

आयकर अधिनियम 1961 में 819 धाराएं, 47 अध्याय और 5.12 लाख शब्द थे, जो इसे जटिल और समझने में मुश्किल बनाते थे। नया आयकर विधेयक 2025 में इनकी संख्या को काफी कम कर दिया गया है। अब इसमें केवल 536 धाराएं, 23 अध्याय और 2.6 लाख शब्द हैं। इसका मतलब है कि नया विधेयक पुराने कानून से लगभग आधा है।

इसके अलावा, नए विधेयक में 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं, जिससे यह पहले से कहीं ज्यादा सरल और समझने में आसान हो गया है। आयकर विभाग के अनुसार, इस नए कानून का उद्देश्य टैक्स से जुड़े मुकदमों को कम करना और करदाताओं को राहत देना है।

नए टैक्स बिल के प्रमुख बदलाव

नया आयकर विधेयक 2025 में कई बड़े बदलाव किए गए हैं, जो करदाताओं के लिए फायदेमंद साबित हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख बदलाव इस प्रकार हैं:

गुमनाम दान पर नई नीति: अब गुमनाम दान केवल विशुद्ध धार्मिक ट्रस्टों तक सीमित होगा। सामाजिक सेवाएं देने वाले ट्रस्टों को इस छूट से बाहर रखा गया है। इससे टैक्स चोरी की आशंका को कम करने में मदद मिलेगी।

टीडीएस रिफंड में राहत: करदाता अब इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) दाखिल करने की डेडलाइन के बाद भी बिना किसी जुर्माने के टीडीएस रिफंड का दावा कर सकेंगे। यह बदलाव करदाताओं के लिए बड़ी राहत लेकर आएगा।

‘एसेसमेंट ईयर’ की जगह ‘टैक्स ईयर’: पुराने कानून में एसेसमेंट ईयर और प्रीवियस ईयर की अवधारणा थी, जो करदाताओं के लिए भ्रम पैदा करती थी। नए विधेयक में इसे हटाकर एक यूनिफाइड टैक्स ईयर की अवधारणा लाई गई है। अब पिछले साल की आय पर उसी साल टैक्स देना होगा, जिससे प्रक्रिया आसान होगी।

कम धाराएं और सरल भाषा: नए विधेयक में धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 की गई है। साथ ही, इसे आम लोगों की समझ में आने वाली सरल भाषा में लिखा गया है।

मुकदमेबाजी में कमी: नए विधेयक को इस तरह डिजाइन किया गया है कि टैक्स से जुड़े विवाद और मुकदमे कम हों। यह आयकर विभाग और करदाताओं दोनों के लिए समय और संसाधनों की बचत करेगा।

नए टैक्स बिल का महत्व

नया आयकर विधेयक 2025 भारत की टैक्स व्यवस्था को और अधिक पारदर्शी, सरल और करदाता-अनुकूल बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। पुराने आयकर अधिनियम 1961 को जटिल और पुराना माना जाता था, जिसके कारण करदाताओं को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता था। नए विधेयक में किए गए बदलाव न केवल टैक्स प्रक्रिया को आसान बनाएंगे, बल्कि आयकर विभाग और करदाताओं के बीच विश्वास को भी बढ़ाएंगे।

इस विधेयक का एक और बड़ा फायदा यह है कि यह टैक्स से जुड़े मुकदमों को कम करने में मदद करेगा। पुराने कानून की जटिलताओं के कारण कई बार करदाता और आयकर विभाग के बीच विवाद हो जाते थे, जो अदालतों तक पहुंचते थे। नए विधेयक में सरल प्रावधानों और स्पष्ट नियमों के जरिए इन विवादों को कम करने की कोशिश की गई है।

क्या होगा करदाताओं पर असर?

नया आयकर विधेयक 2025 करदाताओं के लिए कई तरह से फायदेमंद साबित हो सकता है। सबसे बड़ा फायदा यह है कि टैक्स प्रक्रिया अब पहले से ज्यादा आसान और समझने योग्य होगी। टीडीएस रिफंड के लिए बिना जुर्माना दावा करने की सुविधा और टैक्स ईयर की नई अवधारणा से करदाताओं को राहत मिलेगी। साथ ही, कम धाराओं और सरल भाषा के कारण आम लोग भी टैक्स नियमों को आसानी से समझ सकेंगे।

इसके अलावा, गुमनाम दान पर नए नियमों से टैक्स चोरी को रोकने में मदद मिलेगी, जिससे सरकार को ज्यादा राजस्व मिलेगा। यह राजस्व देश के विकास कार्यों में उपयोग किया जा सकेगा।

नया आयकर विधेयक 2025 भारत की टैक्स व्यवस्था में एक नया अध्याय शुरू करने जा रहा है। यह विधेयक पुराने आयकर अधिनियम 1961 की जगह लेगा और टैक्स प्रक्रिया को सरल, पारदर्शी और करदाता-अनुकूल बनाएगा। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा आज लोकसभा में पेश किए जाने वाले इस विधेयक में प्रवर समिति के 285 सुझावों को शामिल किया गया है, जिनमें 32 बड़े बदलाव हैं।

यह विधेयक न केवल करदाताओं के लिए राहत लेकर आएगा, बल्कि टैक्स से जुड़े विवादों को कम करने और आयकर विभाग की कार्यक्षमता बढ़ाने में भी मदद करेगा। अगर आप भी एक करदाता हैं, तो इस नए विधेयक के बारे में जानकारी रखना आपके लिए जरूरी है, क्योंकि यह आपके टैक्स अनुभव को और आसान बना सकता है।

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