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आज से GST 2.0 लागू: आम आदमी को बड़ी राहत, रोजमर्रा की चीजें सस्ती, लेकिन लग्जरी आइटम महंगे

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Khabarwala 24 News New Delhi: GST 2 भारतीय अर्थव्यवस्था में आज एक ऐतिहासिक बदलाव आ गया है। 22 सितंबर 2025 से पूरे देश में GST 2.0 यानी नेक्स्ट-जनरेशन गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स लागू हो चुका है। यह बदलाव 56वीं जीएसटी काउंसिल की बैठक में 3 सितंबर 2025 को मंजूर किया गया था, जिसकी अधिसूचना केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) ने 17-18 सितंबर को जारी की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर ही इसकी घोषणा की थी, जो दिवाली से पहले आम जनता को बड़ी राहत देने का वादा था। अब पुरानी चार स्लैब (5%, 12%, 18%, 28%) की जगह सिर्फ दो मुख्य स्लैब 5% (आवश्यक वस्तुओं के लिए) और 18% (अधिकांश अन्य वस्तुओं के लिए) हो जाएंगे। इससे कर संरचना सरल बनेगी, व्यापारियों की उलझन कम होगी और उपभोक्ताओं को 200 से ज्यादा आइटम्स पर फायदा मिलेगा।

पेट्रोल डीजल पर अभी कोई बदलाव नहीं (GST 2)

हालांकि, ‘सिन गुड्स’ (सेहत के लिए हानिकारक वस्तुओं) जैसे तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला और गुटखा पर 40% टैक्स लगेगा (कंपेंसेशन सेस के साथ, जब तक केंद्र का लोन चुकता न हो)। पेट्रोल-डीजल पर अभी कोई बदलाव नहीं, क्योंकि वे जीएसटी के दायरे से बाहर हैं। यह सुधार न केवल खपत को बढ़ावा देगा, बल्कि एमएसएमई और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को मजबूत करेगा। अनुमान है कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में 75% से ज्यादा खर्च शून्य या 5% टैक्स ब्रैकेट में आएगा।

जीएसटी स्लैब में क्या बदला? (GST 2)

  • पुराना सिस्टम: 5%, 12%, 18%, 28% (कई उलझनें और वर्गीकरण विवाद)।
  • नया सिस्टम: मुख्य रूप से 5% और 18%। 0% कुछ आवश्यक वस्तुओं पर। 40% सिन गुड्स और लग्जरी पर।
  • प्रभाव: करीब 400 आइटम्स पर रेट रिवीजन। इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) नियमों में बदलाव—पुरानी दर पर खरीदे स्टॉक पर ITC रिवर्स करना पड़ेगा, लेकिन नई दरों से रिफंड आसान।

सस्ती हो गईं ये चीजें: पूरी लिस्ट (GST 2)

आज से दूध, ब्रेड, साबुन से लेकर फ्रिज, कार तक कई जरूरी चीजें सस्ती हो जाएंगी। कीमतों में 5-10% तक की कमी आ सकती है। कंपनियां पहले ही कह चुकी हैं कि फायदा ग्राहकों तक पहुंचेगा। नीचे टेबल में मुख्य बदलाव:

सामान/सेवा

पुरानी GST दर

नई GST दर

अनुमानित बचत (प्रति यूनिट)

पनीर, छेना (प्री-पैकेज्ड) 5% 0% 2-5 रुपये/किलो
UHT दूध (लॉन्ग लाइफ) 5% 0% 1-2 रुपये/लीटर
पिज्जा ब्रेड, खाखरा, रोटी/चपाती 5% 0% 1-3 रुपये/पैक
पराठा, कुल्चा (पारंपरिक ब्रेड) 5% 0% 2-4 रुपये/पैक
व्यक्तिगत स्वास्थ्य/जीवन बीमा 18% 0% 500-2000 रुपये/प्रीमियम (वार्षिक)
जीवन रक्षक दवाएं (33 प्रकार, जैसे कैंसर/हृदय रोग की) 12% या अलग-अलग 0% 10-50 रुपये/स्ट्रिप
मेडिकल ग्रेड ऑक्सीजन 12% 0% 100-200 रुपये/सिलेंडर
स्कूल आइटम्स (शार्पनर, क्रेयॉन, पेंसिल, नोटबुक, इरेजर) 12% 0% 5-10 रुपये/सेट
कांच की चूड़ियां (सादा) 12% 0% 10-20 रुपये/सेट
शैक्षिक सेवाएं (ट्यूशन, कोचिंग क्लास 12 तक) 18% 0% 200-500 रुपये/महीना
वोकेशनल ट्रेनिंग/कौशल विकास 18% 0% 300-1000 रुपये/कोर्स
चैरिटेबल अस्पताल/ट्रस्ट सेवाएं 12% 0% मुफ्त या सब्सिडाइज्ड
रोजमर्रा FMCG (साबुन, शैंपू, टूथपेस्ट, बिस्किट, नमकीन, जूस, घी) 12% 5% 2-5 रुपये/आइटम
सैलून, स्पा, जिम, योगा सेवाएं 18% 5% 50-100 रुपये/सेशन
घरेलू उपकरण (फ्रिज, AC, वॉशिंग मशीन, डिशवॉशर, बड़ा TV) 28% 18% 500-2000 रुपये/यूनिट
छोटी कारें (1200cc से कम इंजन) 28% 18% 10,000-20,000 रुपये/कार
टू-व्हीलर (350cc से कम बाइक/स्कूटर) 28% 18% 2,000-5,000 रुपये/वाहन
सीमेंट 28% 18% 20-30 रुपये/बैग
अन्य आवश्यक (दूध उत्पाद, शहद, अनाज, दालें, खाद्य तेल, सस्ते जूते/कपड़े, उर्वरक) 5-12% 2.5-5% 1-5% कुल बचत

ये बदलाव 22 सितंबर से लागू हैं। दवाओं के लिए राष्ट्रीय औषधि मूल्य नियंत्रण प्राधिकरण (NPPA) ने MRP अपडेट करने के निर्देश दिए हैं।

महंगी हो गईं ये चीजें: सावधान रहें (GST 2)

सभी चीजें सस्ती नहीं होंगी। स्वास्थ्य के लिए हानिकारक या लग्जरी आइटम्स पर टैक्स बढ़ा है, ताकि उनका इस्तेमाल कम हो।

सामान/सेवा

पुरानी GST दर

नई GST दर

अनुमानित बढ़ोतरी (प्रति यूनिट)

तंबाकू, सिगरेट, बीड़ी, पान मसाला, गुटखा 28% + सेस 40% + सेस 5-10 रुपये/पैक
लग्जरी SUV/कारें 28% 40% 20,000-50,000 रुपये/वाहन
हाई-एंड बाइक (350cc से ज्यादा) 28% 40% 5,000-10,000 रुपये/वाहन
सॉफ्ट ड्रिंक्स, फ्लेवर्ड वाटर 28% 18% (लेकिन सेस से प्रभावित) मामूली बढ़ोतरी

ये बदलाव तंबाकू उत्पादों पर तुरंत लागू नहीं होंगे—केंद्र का कंपेंसेशन लोन चुकने के बाद।

इन बदलावों का व्यापक प्रभाव (GST 2)

    • उपभोक्ताओं पर: मध्यम वर्ग को सबसे ज्यादा फायदा। बीमा सस्ता होने से ज्यादा लोग कवरेज लेंगे। FMCG और ऑटो सेक्टर में खपत बढ़ेगी।
    • व्यापारियों पर: सरल स्लैब से अनुपालन आसान। ITC रिफंड तेज, लेकिन पुराने स्टॉक पर एडजस्टमेंट जरूरी। डीलर्स को 21 सितंबर तक की सप्लाई पर पुरानी दरें लागू रहेंगी।
    • अर्थव्यवस्था पर: मैन्युफैक्चरिंग बूस्ट, निर्यात बढ़ेगा। राज्यों को राजस्व स्थिर रखने के लिए केंद्र ने प्लान बनाया।
    • सावधानी: कीमतें तुरंत नहीं बदलेंगी—स्टॉक क्लियर होने में समय लगेगा। अधिकृत विक्रेताओं से खरीदें और बिल चेक करें।

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