Wednesday, May 7, 2025

Ayurvedic Medicine High BP हाई बीपी की बीमारी में आयुर्वेद में कौन सी दवा ले सकते हैं? जानें एक्सपर्ट से

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Khabarwala 24 News New Delhi : Ayurvedic Medicine High BP इन दिनों बदली लाइफस्टाइल और खानपान के कारण अधिकांश लोगों को ब्लड प्रेशर की समस्या हो रही। शुरुआत में हाई ब्लड प्रेशर को सही किया जा सकता है, लेकिन समस्या गंभीर होने पर जीवनभर दवाएं खानी होती हैं। लोग हाई ब्लड प्रेशर के लिए एलोपैथिक दवाएं लेने से परहेज करते हैं। ऐसे लोगों के लिए आयुर्वेद में भी कई दवाएं हैं जिनके जरिए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है। कौन सी हैं दवाएं और उन्हें कैसे लेना है। बता रहे एक्सपर्ट…

ओवरऑल हेल्थ पर असर (Ayurvedic Medicine High BP)

ब्लड प्रेशर एक गंभीर समस्या है। इसके प्रति असावधानी बरतने पर हार्ट अटैक और हार्ट फेल्योर का भी खतरा रहता है। इतना ही नहीं हाई बीपी कई और गंभीर बीमारियों को भी शुरू कर देता है। हाई ब्लड प्रेशर से शरीर के लगभग सभी ऑर्गन पर प्रभाव पड़ता है। दिल, किडनी, दिमाग, फेफड़े, लिवर पर तो इसका बेहद बुरा प्रभाव पड़ता है। हाई बीपी से किडनी डैमेज होती हैं। इन दिनों तक यह समस्या 20 साल के युवाओं में भी देखने को मिल रही है।

कौन सी आयुर्वेदिक दवा लें (Ayurvedic Medicine High BP)

आयुर्वेद में ऐसी कई दवाएं हैं जो बीपी को नियंत्रित रखने में सहायक हो सकती हैं। चिकित्सक के अनुसार हाई बीपी में कई आयुर्वेदिक दवाएं बेहद कारगर हैं। इन दवाओं को किसी प्रैक्टिशनर की देखरेख में लिया जाना चाहिए। इनमें अर्जुन की छाल सबसे ज्यादा उपयोगी होती है। अर्जुन की छाल का काढ़ा पीने से रक्त में जमा कोलेस्ट्रॉल साफ हो जाता है, जिससे बीपी भी नियंत्रित होता है।

चबाने से हाई बीपी में राहत (Ayurvedic Medicine High BP)

दालचीनी का पानी पीने या उसे चबाने से भी हाई बीपी में राहत मिलती है। यह हमारे रक्त को पतला करती है। अश्वगंधा से भी बीपी को नियंत्रित रखने में मदद मिलती है। इसे गर्म पानी के साथ पाउडर के रूप में या फिर काढ़ा बनाकर पिया जा सकता है। इनके अलावा सर्पगंधा जड़ी बूटी भी हाई बीपी में खासी सहायक साबित होती है। इसके अलावा रूद्राक्ष का पानी भी हाई बीपी में बहुत कारगर है। रुद्राक्ष को रात भर भिगोकर रखें और सुबह उस पानी को पी लें।

डॉक्टर की देखरेख में लें दवाएं (Ayurvedic Medicine High BP)

चिकित्सक कहते हैं कि आयुर्वेद में मरीज की वात, पित्त और कफ की स्थिति को देखकर इलाज किया जाता है। सभी मरीजों में यह समान नहीं होता है इसलिए यदि किसी एक को कोई दवा बहुत असर कर रही है तो हो सकता है दूसरे को वह उतना असर न करे। इसलिए किसी बीमारी में आयुर्वेदिक दवा को डॉक्टर की सलाह से ही लेना चाहिए। कुछ दवाएं सभी रोगियों पर समान कार्य करती हैं। आयुर्वेदिक दवाएं रोग को जड़ से खत्म करती हैं। इसके लिए डॉक्टर की देखरेख में दवा लेना जरूरी है।

Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।

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