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RC Transfer Process After Selling Car गाड़ी बेच दी और सोचा सब खत्म? गलत! RC ट्रांसफर न कराया तो चालान, एक्सीडेंट, क्राइम… सबका ठीकरा आपके सिर पर फूटेगा!

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Khabarwala 24 News New Delhi: RC Transfer Process After Selling Car हर दिन लाखों पुरानी गाड़ियां बिकती हैं। OLX, Cars24 या मोहल्ले के भाई के हाथ बेच दी और पैसे ले लिए – बस हो गया? बिलकुल नहीं! असली खेल तो अब शुरू होता है। अगर आपने RC (Registration Certificate) नए मालिक के नाम ट्रांसफर नहीं कराया, तो कानूनी रूप से गाड़ी अभी भी आपकी ही है। इसका मतलब उस गाड़ी से जुड़ा हर चालान, हर दुर्घटना, यहाँ तक कि कोई क्राइम भी हो जाए, तो पुलिस सबसे पहले आपके घर पहुंचेगी।

पुराने कार मालिकों के हो गए चालान (RC Transfer Process After Selling Car)

पिछले साल ही दिल्ली-एनसीआर में 1.8 लाख से ज्यादा चालान सिर्फ इसलिए पुराने मालिकों को गए क्योंकि RC ट्रांसफर नहीं हुआ था। मुंबई में तो एक शख्स को 7 साल पुरानी बाइक से हुए मर्डर केस में 42 दिन जेल तक काटनी पड़ी, क्योंकि RC उसके नाम पर ही थी। सुप्रीम कोर्ट ने भी कई बार साफ कहा है – “RC ट्रांसफर तक वाहन की कानूनी जिम्मेदारी विक्रेता की ही रहती है।”

तो देर मत कीजिए। गाड़ी बेची है तो आज ही RC ट्रांसफर पूरा कर लीजिए। पूरी प्रक्रिया अब ऑनलाइन भी हो गई है और सिर्फ 15-30 दिन में निपट जाती है। नीचे स्टेप-बाय-स्टेप सबसे आसान तरीका बता रहे हैं (2025 के नए नियमों के साथ)।

स्टेप 1: सबसे पहले बनाइए “सेल लेटर” – ये आपका सबसे बड़ा सबूत (RC Transfer Process After Selling Car)

गाड़ी बेचते ही उसी दिन एक साधारण सेल लेटर बना लीजिए। इसमें लिखें:

  • गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नंबर, मेक-मॉडल
  • बिक्री की तारीख और कीमत
  • खरीदार और विक्रेता का नाम, पता, मोबाइल नंबर
  • दोनों के साइन और दो गवाहों के साइन

इस एक कागज से आप साबित कर सकते हैं कि फलाँ तारीख से गाड़ी आपके पास नहीं है। कोर्ट में भी यही काम आता है।

स्टेप 2: Parivahan वेबसाइट से फॉर्म 29 और 30 भरें (30 सेकंड का काम) (RC Transfer Process After Selling Car)

अब नया मालिक या आप खुद https://parivahan.gov.in पर जाइए:

  1. Vehicle Related Services → अपना राज्य चुनें → रजिस्ट्रेशन नंबर डालें
  2. “Transfer of Ownership” चुनें
  3. फॉर्म 29 (Notice of Transfer) और फॉर्म 30 (Application for Transfer) ऑटोमैटिक जनरेट हो जाएंगे
  4. दोनों पक्ष मोबाइल OTP से साइन कर देंगे – फिजिकल साइन की जरूरत ही नहीं!

नया नियम (2025): अब 90% केस में फिजिकली RTO जाने की जरूरत नहीं। सब कुछ ऑनलाइन!

स्टेप 3: जरूरी दस्तावेज तैयार रखें (सिर्फ 8 चीजें) (RC Transfer Process After Selling Car)

खरीदार को ये अपलोड या जमा करने होते हैं:

  1. पुरानी RC (ऑरिजिनल)
  2. वैलिड इंश्योरेंस कॉपी
  3. PUC (पॉल्यूशन सर्टिफिकेट)
  4. फॉर्म 29 और 30 (भरा हुआ)
  5. सेल लेटर
  6. खरीदार का आधार कार्ड + पता प्रमाण
  7. 2 पासपोर्ट साइज फोटो
  8. अगर लोन था तो बैंक का NOC

अगर गाड़ी पर लोन है तो पहले बैंक से NOC लें (RC Transfer Process After Selling Car)

लोन पूरा चुकाया है? फिर भी बैंक से “No Dues Certificate” और Form 35 लेकर आना जरूरी है। नहीं तो RTO आवेदन रिजेक्ट कर देगा।

अब इंस्पेक्शन जरूरी नहीं हर केस में! (RC Transfer Process After Selling Car)

2024 के नए नियम के बाद सिर्फ इन केस में RTO गाड़ी देखता है:

  • गाड़ी 15 साल से पुरानी हो
  • दूसरे राज्य में ट्रांसफर हो रही हो
  • हाई सिक्योरिटी नंबर प्लेट न हो

बाकी 85% केस में सिर्फ डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन के बाद काम हो जाता है।

आखिरी स्टेप: नई RC पोस्ट से घर आएगी (RC Transfer Process After Selling Car)

आवेदन अप्रूव होते ही नई स्मार्ट कार्ड RC खरीदार के पते पर स्पीड पोस्ट से आ जाती है (7–30 दिन में)। तब तक आपके पास जो “Application Acknowledgement” है, वही कानूनी सबूत है कि आपने ट्रांसफर के लिए अप्लाई कर दिया है।

सबसे जरूरी टिप: 15 दिन का नियम याद रखें! (RC Transfer Process After Selling Car)

कानून कहता है – गाड़ी बेचने के 14 दिन के अंदर फॉर्म 29 और 30 जमा करना अनिवार्य है। 15वें दिन से पेनाल्टी शुरू!

तो आज ही खोलिए Parivahan.gov.in और 10 मिनट में अपना आवेदन शुरू कर दीजिए। एक छोटा सा काम, लेकिन इससे आप लाखों का चालान, कोर्ट-कचहरी और मानसिक तनाव बचा लेंगे।

गाड़ी बेची है? RC ट्रांसफर आज ही कराइए – वरना पछताएंगे!

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