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ABS Mandatory Rule 2026 से दोपहिया वाहनों में ABS और दो BIS हेलमेट अनिवार्य, सड़क सुरक्षा में बड़ा कदम

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Khabarwala 24 News New Delhi: ABS Mandatory Rule भारत में सड़क सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) ने बड़ा फैसला लिया है। जनवरी 2026 से देश में बिकने वाले सभी दोपहिया वाहनों मोटरसाइकिल हों या स्कूटर में एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) अनिवार्य होगा। इसके साथ ही, हर नए दोपहिया वाहन के साथ दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट देना भी जरूरी होगा। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी की पहल पर शुरू यह कदम सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है।

सड़क सुरक्षा की चुनौती (ABS Mandatory Rule )

भारत में सड़क दुर्घटनाएं एक गंभीर समस्या हैं, जहां हर साल करीब 4.8 लाख दुर्घटनाएं होती हैं, जिनमें 1.88 लाख लोग अपनी जान गंवाते हैं। इनमें से 44% मौतें दोपहिया वाहन चालकों की होती हैं, और 69,000 से अधिक मौतें हेलमेट न पहनने के कारण सिर में चोट लगने से होती हैं। 2022 में दोपहिया वाहनों से जुड़ी दुर्घटनाओं में 70,000 से अधिक लोग मारे गए, जो कुल सड़क दुर्घटनाओं का 20% है। इस भयावह आंकड़े को देखते हुए सरकार ने सख्त कदम उठाने का फैसला किया है।

ABS क्या है और क्यों जरूरी? (ABS Mandatory Rule)

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम (ABS) एक ऐसा सेफ्टी फीचर है, जो ब्रेक लगाते समय टायर को लॉक होने से रोकता है। यह सिस्टम आपात स्थिति में तेज ब्रेकिंग के दौरान वाहन का संतुलन बनाए रखता है, जिससे फिसलन या दुर्घटना का खतरा कम होता है। खासकर गीली सड़कों या खराब रास्तों पर ABS राइडर को नियंत्रण में रखने में मदद करता है। उदाहरण के लिए, 50-60 किमी/घंटा की रफ्तार पर अचानक ब्रेक लगाने पर ABS टायर को स्किड होने से रोकता है, जिससे दुर्घटना की संभावना 20% तक कम हो सकती है।

ABS कैसे काम करता है? (ABS Mandatory Rule)

  • सेंसर और ECU: ABS में सेंसर टायर की गति पर नजर रखते हैं और इलेक्ट्रॉनिक कंट्रोल यूनिट (ECU) के साथ मिलकर काम करते हैं।
  • ब्रेक प्रेशर नियंत्रण: अगर टायर लॉक होने लगता है, तो ABS ब्रेक प्रेशर को कम करता है और फिर तुरंत दोबारा लागू करता है।
  • तेज प्रक्रिया: यह प्रक्रिया प्रति सेकंड कई बार होती है, जिससे वाहन का संतुलन बना रहता है।

ABS दो प्रकार का होता है:

  • सिंगल-चैनल ABS: केवल अगले पहिए पर काम करता है, जो कम लागत वाला है।
  • डुअल-चैनल ABS: दोनों पहियों पर काम करता है और ज्यादा सुरक्षित माना जाता है।

नया नियम: सभी दोपहिया वाहनों के लिए ABS (ABS Mandatory Rule For Two Wheelers 2026)

वर्तमान में ABS केवल 125 सीसी से अधिक इंजन क्षमता वाले दोपहिया वाहनों के लिए अनिवार्य है, जिसके कारण भारत में बिकने वाली 45% बाइक्स (जैसे हीरो स्प्लेंडर, होंडा शाइन, टीवीएस स्पोर्ट, बजाज प्लैटिना) में यह फीचर नहीं है। नई अधिसूचना के तहत, जनवरी 2026 से इंजन क्षमता की परवाह किए बिना सभी दोपहिया वाहनों में ABS अनिवार्य होगा। यह नियम भारतीय बाजार के 75% कम्यूटर सेगमेंट को प्रभावित करेगा, जो 70 किमी/घंटा तक की रफ्तार वाली बाइक्स को शामिल करता है।

दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट अनिवार्य

सड़क सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए, MoRTH ने दोपहिया वाहन निर्माताओं और डीलरों के लिए नए वाहनों के साथ दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट देना अनिवार्य करने का प्रस्ताव दिया है। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मार्च 2025 में इसकी घोषणा की थी, जिसे अब जल्द ही लागू किया जाएगा। BIS-सर्टिफाइड हेलमेट भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के सुरक्षा मानकों को पूरा करते हैं और दुर्घटना में सिर की चोट से बचाने में प्रभावी हैं। यह नियम राइडर और पिलियन राइडर दोनों की सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

प्रभाव और चुनौतियां

  • सुरक्षा में सुधार: ABS और हेलमेट नियम से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आने की उम्मीद है। अध्ययनों के अनुसार, ABS दुर्घटना जोखिम को 20% तक कम कर सकता है।
  • लागत में वृद्धि: ABS और दो हेलमेट की अनिवार्यता से एंट्री-लेवल बाइक्स और स्कूटरों की कीमत 4,000-6,000 रुपये तक बढ़ सकती है।
  • उद्योग पर प्रभाव: ऑटोमोटिव कंपनियां जैसे बॉश, कॉन्टिनेंटल, और बजाज ऑटो पहले से ही ABS टेक्नोलॉजी पर काम कर रही हैं। यह नियम सेफ्टी कंपोनेंट निर्माताओं जैसे यूनो मिंडा के लिए बड़ा अवसर लाएगा।

नितिन गडकरी की पहल

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी लंबे समय से सड़क सुरक्षा को प्राथमिकता दे रहे हैं। 2019 के मोटर व्हीकल (संशोधन) एक्ट के बाद से हेलमेट और अन्य नियमों को सख्त किया गया है। गडकरी ने कहा, “हेलमेट और ABS जैसे सेफ्टी फीचर्स की लागत दुर्घटनाओं में होने वाली जानमाल की हानि की तुलना में नगण्य है।” उनकी यह पहल भारत में सड़क सुरक्षा के लिए एक क्रांतिकारी कदम है।

दुर्घटनाओं को कम करेगा

जनवरी 2026 से लागू होने वाला ABS और दो BIS-सर्टिफाइड हेलमेट का नियम भारत में दोपहिया वाहन चालकों की सुरक्षा को नए स्तर पर ले जाएगा। यह कदम न केवल दुर्घटनाओं को कम करेगा, बल्कि राइडर्स को सुरक्षित और जिम्मेदार बनने के लिए प्रेरित करेगा। हालांकि, लागत में वृद्धि और निर्माताओं के लिए तकनीकी बदलाव चुनौतीपूर्ण हो सकते हैं, लेकिन सड़क सुरक्षा के दीर्घकालिक लाभ इसे जरूरी बनाते हैं। दोपहिया वाहन खरीदने वाले ग्राहकों को अब बेहतर सेफ्टी फीचर्स और हेलमेट के साथ ज्यादा सुरक्षित अनुभव मिलेगा।

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