Khabarwala 24 News New Delhi : AIIMS Research Autism सिगरेट के धुएं में मौजूद कैडमियम जैसी भारी धातु घर में व आसपास मौजूद रहने वाले नौनिहालों में ऑटिज्मकी बीमारी होने का कारण भी बन सकती है। एम्स द्वारा किए गए एक शोध में ऑटिज्म पीड़ित बच्चों में क्रोमियम, लेड (सीसा), मर्करी, मैंगनीज, कापर, कैडमियम, आर्सेनिक जैसे भारी धातु पाए गए हैं इसलिए भारी धातु भी ऑटिज्म बीमारी बढ़ने का एक कारण बन रहे हैं। ये भारी धातु दूषित हो चुके खानपान, प्रदूषित हवा, औद्योगिक कचरा, लेड युक्त खिलौने, सिगरेट के धुआं इत्यादि माध्यमों से बच्चों में पहुंच रहे हैं।
स्वस्थ बच्चों में समस्या नहीं पाई गई (AIIMS Research Autism)
एम्स के पीडियाट्रिक न्यूरोलॉजी की विशेषज्ञ प्रोफेसर डाॅ. शेफाली गुलाटी ने बताया कि बच्चे अधिक देर तक मोबाइल और टीवी पर वीडियो देखते हैं। स्क्रीन टाइम बढ़ना भी इस बीमारी का कारण बन रहा है। ऑटिज्म से पीड़ित तीन से 12 वर्ष तक के 180 बच्चों व 180 सामान्य बच्चों पर हाल ही में एक अध्ययन पूरा किया गया है। जिसमें से 32 प्रतिशत ऑटिज्म पीड़ित बच्चों में सात तरह के भारी धातु अधिक पाए गए हैं जबकि स्वस्थ बच्चों में यह समस्या नहीं पाई गई।
एक दूसरा अध्ययन भी किया गया शुरू (AIIMS Research Autism)
इसके बाद अब एक दूसरा अध्ययन शुरू किया गया है। 500 ऑटिज्म के मरीजों और 60 सामान्य बच्चों के ब्लड सैंपल और 250 मरीजों और 30 सामान्य बच्चों के यूरिन सैंपल लेकर अध्ययन किया जा रहा है। इसमें अध्ययन के शुरुआती नजीतों में भी ऑटिज्मपीड़ित बच्चों के ब्लड में लेड, आर्सेनिक, कैडमियम, मैंगनीज व क्रोमियम का स्तर सामान्य बच्चों की तुलना में अधिक पाया गया। यूरिन के सैंपल में लेड, आर्सेनिक, कैडमियम व मैंगनीज का स्तर अधिक पाया गया।
लेड के स्रोत गाड़ी व इनवर्टर की बैटरी (AIIMS Research Autism)
गाड़ी व इनवर्टर की बैटरी, औद्योगिक इकाइयां, लेड युक्त खिलौने लेड के स्रोत हो सकते हैं। एम्स में एक बच्चा कोमा में इलाज के लिए पहुंचा। वहीं, पूछताछ में पता चला कि उसके पिता लेड बैटरी बनाने का काम करते थे। पिता के कपड़े के माध्यम से लेड घर में पहुंच रहा था। बच्चे के शरीर में लेड का स्तर 90 माइक्रोग्राम प्रति डेसी लीटर आया। जबकि यह पांच माइक्रोग्राम प्रति डेसी लीटर होना चाहिए। चेलेशन थेरेपी से वह ठीक हो गया।
समुद्री मछलियों के सेवन से मर्करी (AIIMS Research Autism)
खिलौने खरीदते समय इस बात का ध्यान रखें कि उस पर खिलौने लेड मुक्त होने की जानकारी अंकित हो। पानी की पुरानी पाइप, पेंट और मिट्टी में लेड की मौजूदगी भी इसका स्रोत हो सकता है। उन्होंने बताया कि सिगरेट के धुएं से नजदीक वाले व्यक्ति के शरीर में भी कैडमियम पहुंच सकता है। इसके अलावा भूजल में कई तरह के भारी धातु की मौजूदगी होती है। समुद्री मछलियों के सेवन से मर्करी शरीर में पहुंच सकता है।
अमेरिका में ऑटिज्म 312% बढ़ी (AIIMS Research Autism)
उन्होंने बताया कि करीब ढाई दशक में अमेरिका में ऑटिज्म की बीमारी 312 प्रतिशत बढ़ी है। इस वजह से वहां हर 36 में से एक बच्चे को यह बीमारी है। एम्स द्वारा वर्ष 2011 में किए गए अध्ययन के अनुसार यहां उस वक्त 89 में से एक बच्चे को यह बीमारी थी। इसके बाद इस बीमारी के फैलाव की जानकारी के लिए कोई अध्ययन नहीं हुआ लेकिन एक बात तय है कि यहां भी बच्चों में यह समस्या बढ़ी है। अब तक कोई जादुई दवा नहीं है। प्रोबायोटिक से फायदा होता है।
180 ऑटिज्मके मरीजों पर हुए शोध के दौरान पाए गए भारी धातु (AIIMS Research Autism)
भारी धातु- मरीजों की संख्या (प्रतिशत में) (AIIMS Research Autism)
क्रोमियम- 27
मर्करी- 22
सीसा- 21
सेलेनियम- 19
मैंगनीज- 14
कापर- 13
निकल- 02
500 ऑटिज्मपीड़ित बच्चों और 60 सामान्य के ब्लड सैंपल में भारी धातु की मौजूदगी माइक्रोग्राम प्रति डेसी लीटर में (AIIMS Research Autism)
भारी धातु- ऑटिज्मपीड़ित- सामान्य (AIIMS Research Autism)
लेड- 49 26
आर्सेनिक- 2.5 1.5
मैंगनीज- 41.3 16
क्रोमियम- 45 10
Disclaimer: ऊपर दी गई जानकारी पर अमल करने से पहले विशेषज्ञों से राय अवश्य लें। Khabarwala24 News की ओर से जानकारी का दावा नहीं किया जा रहा है।