Khabarwala 24 News New Delhi: Son Of Sardar 2 Review 13 साल पहले ‘सन ऑफ सरदार’ (2012) ने अपनी क्लीन कॉमेडी से दर्शकों को हंसा-हंसाकर लोटपोट कर दिया था। अब अजय देवगन जस्सी के किरदार के साथ ‘सन ऑफ सरदार 2’ लेकर लौटे हैं। मृणाल ठाकुर, रवि किशन, और विजय कुमार अरोड़ा की यह फिल्म क्या वही जादू दोहरा पाएगी? अगर आप हंसी का डोज चाहते हैं या यह जानना चाहते हैं कि यह फिल्म आपके लिए है या नहीं, तो आइए, विस्तार से जानते हैं।
कहानी: धमाल भरा ड्रामा (Son Of Sardar 2 Review)
फिल्म की कहानी जस्सी (अजय देवगन) से शुरू होती है, जो अपनी पत्नी (नीरू बाजवा) के तलाक की मांग से टूट चुका है। लंदन में भटकते हुए उसकी मुलाकात रबिया (मृणाल ठाकुर) से होती है, जो अपनी बेटी और परिवार के साथ रहती है। रबिया की बेटी को संधू परिवार के बेटे से प्यार हो जाता है, लेकिन संधू परिवार को पाकिस्तानियों से नफरत है। रबिया की मदद के लिए जस्सी उसकी बेटी का सरदार बाप बनने का नाटक करता है। आगे का धमाल, हंसी, और ड्रामा सिनेमाघरों में देखने लायक है।
कैसी है फिल्म? (Son Of Sardar 2 Review)
‘सन ऑफ सरदार 2’ एक टिपिकल पंजाबी स्टाइल की कॉमेडी है, जो विजय कुमार अरोड़ा ने पंजाबी सिनेमा के अंदाज में पेश की है। अगर आप रोजमर्रा की टेंशन भूलकर सिर्फ हंसना चाहते हैं, तो यह फिल्म आपके लिए परफेक्ट है। कई सीन इतने मजेदार हैं कि आप पेट पकड़कर हंस पड़ेंगे। लेकिन अगर आप स्मार्ट स्क्रिप्ट और गहरी कहानी की उम्मीद रखते हैं, तो यह फिल्म निराश कर सकती है। कुछ चुटकुले इतने पुराने और खराब हैं कि हंसी की जगह ‘ये क्या था?’ वाला रिएक्शन आता है। पीजे (पंजाबी जोक्स) से परहेज करने वालों को कई सीन सिरदर्द दे सकते हैं। फिर भी, फिल्म कहीं बोर नहीं करती।
निर्देशन: पुरानी सोच का बोझ (Son Of Sardar 2 Review)
विजय कुमार अरोड़ा की यह पहली हिंदी फिल्म है। उनकी पंजाबी फिल्म ‘हरजीता’ को नेशनल अवॉर्ड मिल चुका है, लेकिन ‘सन ऑफ सरदार 2’ उस स्तर से कोसों दूर है। स्क्रिप्ट और निर्देशन में पंजाबी कॉमेडी का भारी प्रभाव दिखता है, जो आज के दौर में दकियानूसी लगता है। चार शादियां करने वाले पिता को ‘कूल’ दिखाना या बेवफाई को मजाक बनाना दर्शकों को अटपटा लगता है। जब ‘रेड’, ‘दृश्यम’, और ‘मेट्रो इन दिनों’ जैसी फिल्में हिंदी सिनेमा को नई दिशा दे रही हैं, तब यह फिल्म पुरानी सोच के साथ ठहर सी गई है। पहली ‘सन ऑफ सरदार’ की स्क्रिप्ट और किरदार ज्यादा दमदार थे। जस्सी को जरूरत से ज्यादा भोला दिखाना अजय देवगन जैसे स्टार पर फिट नहीं बैठता।
एक्टिंग: अजय और मृणाल का जलवा (Son Of Sardar 2 Review)
- अजय देवगन: जस्सी के रोल में उनकी कॉमिक टाइमिंग और दमदार एक्टिंग फिल्म की जान है। वह हर सीन में छा जाते हैं।
- मृणाल ठाकुर: पहली बार बोल्ड और बेबाक किरदार में नजर आईं मृणाल ताजगी लाती हैं। उनकी एक्टिंग प्रभावित करती है।
- रवि किशन: हमेशा की तरह शानदार। उनकी मौजूदगी स्क्रीन पर जादू बिखेरती है।
- मुकुल देव और विंदु दारा सिंह: इस जोड़ी की कॉमेडी टाइमिंग लाजवाब है। दोनों हंसाते हैं, लेकिन मुकुल देव को अब पर्दे पर न देख पाने का दुख भी सताता है।
देखें या छोड़ें? (Son Of Sardar 2 Review)
अगर आप ‘नो-ब्रेनर’ कॉमेडी चाहते हैं, जहां दिमाग घर पर छोड़कर सिर्फ हंसी चाहिए, तो ‘सन ऑफ सरदार 2’ आपके लिए है। अजय, मृणाल, और रवि किशन की एक्टिंग के साथ कुछ शानदार जोक्स आपका मूड बना देंगे। यह वीकेंड के लिए मजेदार ऑप्शन हो सकता है। लेकिन अगर आप स्मार्ट कॉमेडी, नई सोच, या मैसेज देने वाली फिल्म चाहते हैं, तो यह आपको निराश कर सकती है। पुराने जोक्स और दकियानूसी स्क्रिप्ट आज के दर्शकों को बांधने में कमजोर पड़ती है।
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