Khabarwala 24 News Hapur: Hapur Crime News यूपी के जनपद हापुड़ में साइबर अपराधियों ने एक बार फिर अपनी चालबाजी से लोगों को निशाना बनाया है। इस बार शिकार बने हैं कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला अर्जुन नगर निवासी सेवानिवृत्त पुलिसकर्मी किरन पाल सिंह, जिनके बैंक खाते से साइबर ठगों ने एक फर्जी ऐप डाउनलोड कराने के बहाने 10 लाख रुपये उड़ा लिए। पीड़ित की शिकायत पर साइबर थाना पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
क्या है पूरा मामला (Hapur Crime News)
किरन पाल सिंह ने साइबर क्राइम थाने में दर्ज अपनी शिकायत में बताया कि वह 31 मार्च 2025 को गाजियाबाद पुलिस विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे। 19 मई 2025 को उनके पास एक फोन कॉल आई, जिसमें कॉल करने वाले ने खुद को हापुड़ ट्रेजरी से राधेश्याम त्रिपाठी बताया। उसने किरन पाल को योनो ऐप को बैंक में जाकर एक्टिव कराने और फिर व्हाट्सएप के जरिए सूचना देने को कहा। भरोसा जीतने के लिए ठग ने बेहद विश्वसनीय और आधिकारिक लहजे में बात की। किरन पाल ने निर्देशों का पालन किया, लेकिन उन्हें नहीं पता था कि यह एक सुनियोजित साइबर ठगी का जाल था।
ठगी की जानकारी हो सकी (Hapur Crime News)
21 मई 2025 को उनके बैंक खाते से दो बार में आरटीजीएस के जरिए 10 लाख रुपये निकाल लिए गए। जब किरन पाल को इसकी जानकारी हुई, तब तक ठग उनके पैसे लेकर गायब हो चुके थे। पीड़ित ने तुरंत साइबर क्राइम थाने में शिकायत दर्ज कराई और अपने पैसे वापस दिलाने की गुहार लगाई। इस घटना ने एक बार फिर साइबर अपराधियों की बढ़ती सक्रियता और उनके नए-नए हथकंडों को उजागर किया है।
पहले भी हो चुकी हैं कई घटनाएं (Hapur Crime News )
जनपद में साइबर ठगी की यह कोई पहली घटना नहीं है। साइबर अपराधी फर्जी कॉल्स, फिशिंग लिंक और ऐप डाउनलोड के बहाने लोगों को अपने जाल में फंसाते हैं। ये ठग अक्सर सरकारी अधिकारी, बैंक कर्मचारी या ट्रेजरी कर्मचारी बनकर लोगों को भरोसे में लेते हैं और फिर उनके खातों से पैसे उड़ा लेते हैं।
पुलिस ने मामले की जांच की शुरू (Hapur Crime News )
साइबर क्राइम थाना प्रभारी नजीर खान ने बताया कि किरन पाल सिंह की तहरीर के आधार पर अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस ने मामले की गहन जांच शुरू कर दी है और साइबर फॉरेंसिक विशेषज्ञों की मदद से ठगों तक पहुंचने का प्रयास किया जा रहा है। नजीर खान ने आश्वासन दिया कि पुलिस का पूरा प्रयास है कि जल्द से जल्द आरोपियों को गिरफ्तार कर पीड़ित के पैसे वापस दिलाए जाएं।
