UPPCL जेब ढीली करने के लिए हो जाएं तैयार, यूपी में गांवों और शहर में बढ़ सकती है बिजली दरें !

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Khabarwala 24 News Lucknow: UPPCL उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन ने विद्युत नियामक आयोग में संशोधित वार्षिक राजस्व आवश्यकता (एआरआर) प्रस्ताव दाखिल कर बिजली दरों में 30% तक की वृद्धि का प्रस्ताव दिया है। इसमें ग्रामीण घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 40-45% और शहरी घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 35-40% की बढ़ोतरी शामिल है। इसके साथ ही नए बिजली कनेक्शन की दरों में भी 25-30% की वृद्धि प्रस्तावित है। इस प्रस्ताव को उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने असंवैधानिक बताते हुए खारिज करने की मांग की है।

प्रस्ताव का विवरण (UPPCL)

पावर कॉरपोरेशन ने मई 2025 में दाखिल एआरआर में 9,200 करोड़ रुपये का घाटा दिखाया था, जिसे 19 मई को संशोधित कर 19,600 करोड़ रुपये कर दिया गया। शुक्रवार को गुपचुप तरीके से दाखिल नए प्रस्ताव में निम्नलिखित बढ़ोतरी प्रस्तावित की गई है:

  • ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता: 40-45% वृद्धि
  • शहरी घरेलू उपभोक्ता: 35-40% वृद्धि
  • कॉमर्शियल उपभोक्ता: 20-25% वृद्धि
  • नए कनेक्शन: 25-30% महंगे, जिसमें पोल से 40 मीटर के दायरे में औसतन 10,000 रुपये का खर्च बढ़ेगा।

पावर कॉरपोरेशन ने निजीकरण के मसौदे पर सलाह के लिए भी प्रस्ताव दाखिल किया है, जिसमें 2025-26 के लिए 19,644 करोड़ रुपये का घाटा दर्शाया गया है।

उपभोक्ता परिषद का विरोध (UPPCL)

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने प्रस्ताव को असंवैधानिक करार दिया है। उनका कहना है कि 7 जुलाई से बिजली दरों पर सुनवाई शुरू होने वाली है और इस बीच नया प्रस्ताव दाखिल करना नियमों का उल्लंघन है। वर्मा ने कहा, “पांच साल पहले भी ऐसा प्रस्ताव खारिज हो चुका है। उपभोक्ताओं का 33,122 करोड़ रुपये बिजली कंपनियों पर बकाया है, जिसे लौटाने के बजाय दरें बढ़ाने की साजिश की जा रही है।”

परिषद ने नोएडा पावर कंपनी का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां उपभोक्ताओं के बकाए के आधार पर पिछले तीन साल से 10% की छूट दी जा रही है। परिषद ने मांग की है कि बिजली दरों में 40-45% की कटौती की जाए और निजीकरण की प्रक्रिया पर रोक लगाई जाए।

नियामक आयोग की स्थिति (UPPCL)

नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि प्रस्ताव पर सुनवाई होगी और इसे वेबसाइट पर सार्वजनिक किया जाएगा। उन्होंने नियमों के उल्लंघन से इनकार किया है। हालांकि, उपभोक्ता परिषद ने कानूनी लड़ाई का ऐलान किया है और जनता से आपत्तियां दर्ज करने की अपील की है।

 

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